विज्ञापन

स्टाम्प पेपर एवं इसकी आवश्यकता (What is Stamp Paper in Hindi)

आर्टिकल शेयर करें

नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका जानकारी ज़ोन में जहाँ हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, अर्थव्यवस्था, ऑनलाइन कमाई तथा यात्रा एवं पर्यटन जैसे क्षेत्रों से महत्वपूर्ण तथा रोचक जानकारी आप तक लेकर आते हैं। आज इस लेख में हम बात करेंगे स्टांप पेपर (What is Stamp Paper in Hindi) की तथा देखेंगे इसका इस्तेमाल कहाँ एवं क्यों किया जाता है। 

क्या है स्टाम्प पेपर?

स्टांप पेपर एक कोरा कागज होता है जो मुद्रा नोटों या डाक टिकटों पर अंकित छाप की तरह एक राजस्व स्टैंप के साथ मुद्रित होता है। इसे सरकार द्वारा स्टाम्प अधिनियम 1989 के तहत जारी किया जाता है। आमतौर पर 10, 20, 50, 100, 500 रुपये या उससे अधिक मूल्य के स्टांप पेपर जारी किए जाते हैं। 

What is Stamp Paper in Hindi
स्टाम्प पेपर

हालांकि हर स्टांप पेपर में एक मौद्रिक मूल्य अंकित होता है किन्तु इसे मुद्रा नोटों की तरह एक्सचेंज नहीं किया जा सकता है। इसका उपयोग समझौतों अथवा किसी प्रकार की घोषणा की प्रामाणिकता का समर्थन करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के तौर पर लीज एग्रीमेंट, खरीद और बिक्री, व्यवसाय / अनुबंध समझौतों, ऋण समझौतों / वित्तीय सौदों, पावर ऑफ अटॉर्नी, शपथ पत्र आदि की वैधता अथवा कानूनी मंजूरी स्टाम्प पेपर के माध्यम से ही सुनिश्चित की जाती है।

विज्ञापन

न्यायिक एवं गैर-न्यायिक स्टाम्प

स्टाम्प पेपर (What is Stamp Paper in Hindi) के प्रकारों की बात करें तो ये मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं जिनमें न्यायिक एवं गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर शामिल हैं। दोनों का उद्देश्य भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए किया जाता है। न्यायिक स्टाम्प पेपर का इस्तेमाल अदालती मामलों की कार्यवाही या कानूनी प्रक्रियाओं को जारी रखने के लिए किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त मुख्य रूप से इनका इस्तेमाल न्यायालय में सभी प्रकार के शुल्कों का भुगतान करने हेतु भी किया जाता है ताकि अदालत के साथ नकद लेन-देन से बचा जा सके। 

वहीं गैर-न्यायिक स्टांप पेपर की बात करें तो इनका इस्तेमाल आमतौर पर किसी दस्तावेज को कानूनी मान्यता प्रदान करने के लिए किया जाता है। इनमें पावर ऑफ अटॉर्नी, बिक्री विलेख, किराए के समझौते, शपथ पत्र, अचल संपत्ति के हस्तांतरण जैसे भवन या भूमि, ऋण सुरक्षा, और बंधक या अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल हैं।

यह भी पढ़ें  : क्या होते हैं सिविल तथा आपराधिक मामले?

स्टाम्प पेपर से जुड़े तथ्य

  1. स्टाम्प पेपर का सर्वप्रथम इस्तेमाल 1620 के दशक में नीदरलैंड में किया गया।
  2. केंद्र तथा राज्य सरकारें दोनों स्टाम्प पेपर जारी करती है।
  3. स्टाम्प पेपर Foolscap अथवा A4 आकार (8 ½ एवं 13 ½ इंच) का कागज होता है। 
  4. गैर न्यायिक स्टाम्प पेपर की अवधि 6 माह की होती है अर्थात इसे खरीदने के 6 माह के भीतर इस्तेमाल करना आवश्यक है। पिछली तारीख पर स्टाम्प पेपर का इस्तेमाल करना गैर-कानूनी होता है।
  5. स्टाम्प पेपर जारी करने के लिए सरकार कुछ अधिकृत विक्रेताओं को लाइसेंस देती है अतः किसी गैर-अधिकृत व्यक्ति से स्टाम्प पेपर न खरीदें इसके नकली होने की संभावना रहती है।
  6. नकली स्टाम्प से बचने के लिए सरकार ने ई-स्टाम्प की व्यवस्था की है। 2003 में सामने आया अब्दुल करीम तेलगी मामला इसका एक उदाहरण है।
  7. स्टाम्प पेपर सरकारों के लिए मुख्यतः राजस्व वसूली का एक स्रोत होता है।

यह भी पढ़ें  : क्या हैं जमानती एवं गैर-जमानती अपराध?

उम्मीद है दोस्तो आपको ये लेख (What is Stamp Paper in Hindi) पसंद आया होगा टिप्पणी कर अपने सुझाव अवश्य दें। अगर आप भविष्य में ऐसे ही रोचक तथ्यों के बारे में पढ़ते रहना चाहते हैं तो हमें सोशियल मीडिया में फॉलो करें तथा हमारा न्यूज़लैटर सब्सक्राइब करें एवं इस लेख को सोशियल मीडिया मंचों पर अपने मित्रों, सम्बन्धियों के साथ साझा करना न भूलें।

विज्ञापन

2 Comments

  1. आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है, बहुत अच्छे तरीके से हर बात को समझाया है। आपकी हरेक बात आसानी से समझ में आ गई है।
    धन्यवाद…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *