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सिविल मामले (Civil Cases)
ऐसे मामले जिसमें कोई व्यक्ति अधिकार अथवा क्षतिपूर्ति की माँग करता है सिविल मामले कहलाते हैं। ऐसे मामले सामान्यतः दो पक्षों तक ही सीमित होते हैं इनका समाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसके उदाहरणों में कॉपीराइट मामले, किसी समझौते का उल्लंघन, संपत्ति से संबंधित विवाद, पारिवारिक विवाद आदि शामिल हैं।
आपराधिक मामले (Criminal Cases)
ऐसे मामले जिनमें दोषी के लिए दंड की माँग की गई हो आपराधिक मामले कहलाते हैं। आपराधिक मामले समाज एवं जन कल्याण को भी प्रभावित करते हैं। इसके उदाहरणों में चोरी, हत्या, बलात्कार, अपहरण आदि अपराध शामिल हैं।
सिविल तथा आपराधिक मामलों में अंतर
क्रमांक | सिविल मामले | आपराधिक मामले |
(1) | सिविल मामलों में दोनों पक्षों को खुद के खर्चे पर अधिवक्ता (वकील) की व्यवस्था करनी होती है। | आपराधिक मामले में आरोपी को अपने खर्चे पर वकील की व्यवस्था करनी होती है जबकि पीड़ित पक्ष का प्रतिनिधित्व सरकारी वकील करता है। |
(2) | सिविल मामले न्यायालय में निजी व्यक्ति (पीड़ित पक्ष) द्वारा स्वयं दायर किये जाते हैं | आपराधिक मामलों को पीड़ित पक्ष की ओर से पुलिस द्वारा दायर किया जाता है। |
(3) | सिविल मामले दो निजी व्यक्तियों अथवा संस्थाओं के मध्य होते हैं। | आपराधिक मामलों में एक पक्ष (पीड़ित पक्ष) सरकार होती है। |
(4) | सिविल मामलों में अभियुक्त की मंशा को मद्देनजर नहीं रखा जाता है | आपराधिक मामलों में अभियुक्त की अपराध करने के पीछे की मंशा को भी ध्यान में रखा जाता है। उदाहरणार्थ आत्मरक्षा में किसी व्यक्ति पर हमला करना आदि। |
(5) | इनकी सुनवाई का उद्देश्य दो पक्षों के मध्य चल रहे विवाद को सुलझाना होता है। | आपराधिक मामलों की सुनवाई का उद्देश्य अपराधियों को उचित दंड देकर समाज में एक शांतिपूर्ण माहौल की स्थापना करना होता है। |
(6) | सिविल मामलों में दोषी से जुर्माना वसूला जाता है अथवा नुकसान की भरपाई करने को कहा जाता है। ऐसे मामलों में दोषी को साधारणतः कैद में नहीं रखा जाता। | ऐसे मामलों में दंड के रूप में कैद, जुर्माना, मृत्यु दंड आदि का प्रावधान होता है। |
जिला एवं सत्र न्यायालय (Difference between Session court and District court)
आपने अक्सर जिला अदालतों के बाहर जिला एवं सत्र न्यायालय लिखा देखा होगा। आइये समझते हैं दोनों में क्या अंतर है? दरअसल जिला अदालतें दो अलग अलग प्रकार के मामलों (आपराधिक तथा सिविल) की सुनवाई करती हैं। जब कोई जिला न्यायाधीश किसी आपराधिक मामले की सुनवाई कर रहा हो तो उसे सत्र न्यायालय तथा न्यायाधीश को सत्र न्यायाधीश कहा जाता है एवं जब वही न्यायाधीश किसी सिविल मामले की सुनवाई कर रहा होता है तो उसकी अदालत को जिला अदालत एवं उसे जिला न्यायाधीश कहा जाता है।
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