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Right to Information Act: सूचना का अधिकार या RTI क्या है? ऑनलाइन RTI कैसे लगाते हैं? जानें RTI से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी

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सूचना का अधिकार क्या है?

सूचना का अधिकार (Right to Information) भारत में नागरिकों को प्राप्त एक मूल अधिकार है, जिसके तहत देश के नागरिक सार्वजनिक प्राधिकरणों से सूचना प्राप्त कर सकते हैं। यह सूचना सरकारों के कामकाज (Governance) को लेकर हो सकती है या सरकारी रिकॉर्डों एवं प्रपत्रों में दर्ज कोई जानकारी हो सकती है।

गौरतलब है कि, संविधान के भाग 3 में अनुच्छेद 12 से लेकर अनुच्छेद 35 तक भारतीय नागरिकों के मूल अधिकारों (Fundamental Right) का उल्लेख किया गया है। इन्हीं में शामिल अनुच्छेद 19 किसी व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी देता है, अभिव्यक्ति यानी अपने विचारों को व्यक्त करने की आजादी।

साल 1976 में राज नारायण बनाम उत्तर प्रदेश मामले में उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि, किसी व्यक्ति की अभिव्यक्ति तभी प्रासंगिक तक है जब उसे जानकारी हो। दूसरे शब्दों में, न्यायालय ने कहा कि जब तक जनता जानेगी नहीं तब तक अभिव्यक्त नहीं कर सकती अतः सूचना का अधिकार अभिव्यक्ति के अधिकार में ही छिपा हुआ है। इस अधिकार का जिक्र संविधान के अनुच्छेद 19(1) में किया गया है अतः सूचना पाने का अधिकार किसी भी नागरिक का एक मौलिक अधिकार है।

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सूचना के अधिकार की जरूरत क्यों पड़ी?

किसी भी देश के विकास के लिए वहाँ के नागरिकों का राजनीतिक, आर्थिक एवं कानूनी रूप से जागरूक और सशक्त (Empowered) होना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी सरकारों के लिए पारदर्शी और जवाबदेह होना भी है। पारदर्शिता एवं जवाबदेही कार्यशील लोकतंत्र के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जो वहाँ के नागरिकों को शासन प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से भाग लेने योग्य बनाते हैं।

नागरिकों को सशक्त बनाने तथा पारदर्शिता का प्रदर्शन करने में देश की सरकारों द्वारा बनाए गए कुछ कानून महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। देश में बढ़ते भ्रष्टाचार तथा सरकारों के अपारदर्शी रवैये के चलते 1990 के दशक से, ऐसे ही एक कानून की मांग जोर-शोर से उठने लगी, जो देश की सरकारों के कामकाज को अधिक पारदर्शी बनाता हो, सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही तय करता हो साथ ही नागरिकों को जागरूक बनाता हो।

इस प्रकार के आंदोलनों में समाजसेवियों एवं विभिन्न NGOs का अहम योगदान रहा। समाजसेवियों द्वारा चलाए गए आंदोलन के कारण अंततः साल 2005 में भारत सरकार ने इस संबंध में एक कानून पारित किया जिसे हम आज सूचना का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) के रूप में जानते हैं।

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इसकी सहायता से आप केंद्र तथा विभिन्न राज्य सरकारों या उनके किसी भी विभाग से सरकारी कामकाज को लेकर आवश्यक सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं। गौरतलब है कि, देश की सुरक्षा और गोपनीयता को देखते हुए कुछ विभागों एवं सरकारी कार्यालयों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।

सूचना के अधिकार का इतिहास

सूचना का अधिकार कानून जितना देश के नागरिकों को सशक्त बनाता है, इसे लागू करने में भी आंदोलनकारियों को उतनी ही मेहनत करनी पड़ी। चूंकि आम आदमी की सरकारी कामकाज तक कोई पहुँच नहीं थी, जिसके चलते सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार बहुत था। इसी से निपटने के लिए साल 1990 के दशक में मजदूर किसान शक्ति संगठन द्वारा अरूणा राय की अगुवाई में भ्रष्टाचार को खत्म करने तथा इसे आम जनता तक लाने के लिए जन आंदोलन की शुरुआत की गई।

इसके बाद सूचना के अधिकार को लेकर आंदोलन धीरे-धीरे तेज होने लगे और 2000 की शुरुआत में अरविन्द केजरीवाल तथा मनीष सीसोदिया के एनजीओ “परिवर्तन” ने भी दिल्ली में राशन घोटाले से निपटने के लिए सूचना के अधिकार को लेकर कई आंदोलन किये। इस दौरान देश में RTI कानून की मांग तेज होने लगी और आंदोलनकारियों के साथ नागरिक समाज समूहों, मीडिया संगठनों आदि के लोग भी जुडने लगे।

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साल 2002 में संसद ने सूचना की स्वतंत्रता विधेयक पारित किया और इसे जनवरी 2003 में राष्ट्रपति की मंजूरी मिली, लेकिन यह कानून प्रभावी न हो सका। लगातार होते आंदोलनों के चलते अंततः 12 मई 2005 को “सूचना का अधिकार अधिनियम 2005” संसद में पारित किया गया, जिसे 15 जून 2005 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और 12 अक्टूबर 2005 को यह कानून पूरे देश में लागू कर दिया गया।

गौरतलब है कि, कुछ राज्यों जिनमें जम्मू कश्मीर, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, असम और गोवा शामिल हैं में इस प्रकार के कानून पहले ही लागू हो चुके थे, हालांकि ये सूचना का अधिकार कानून 2005 जितने प्रभावी नहीं थे। इस संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर कानून पारित होने से सरकारी कामकाज बहुत हद तक पारदर्शी हुआ है।

सूचना के अधिकार के तहत क्या-क्या सूचनाएं प्राप्त करी जा सकती हैं?

अभी तक आपने सूचना का अधिकार क्या है? सूचना के अधिकार कानून की जरूरत क्यों है? जैसे विषयों के बारे में जाना आइए अब बात करते हैं उन सूचनाओं की जिन्हें आप इस कानून के तहत सरकारों से प्राप्त कर सकते हैं।

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आपको बता दें कि, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (Right to Information Act 2005) देश के नागरिकों को संविधान या किसी कानून या किसी सरकारी अधिसूचना के तहत बनी सभी इकाइयों, सरकार द्वारा नियंत्रित अथवा वित्त-पोषित किये जाने वाली विभिन्न इकाइयों से निम्नलिखित सूचनाएं प्राप्त करने का अधिकार देता है-

  • सरकार से किसी भी विषय में सूचना पाने का अधिकार
  • किसी भी सरकारी निर्णय की प्रति प्राप्त करने का अधिकार
  • किसी भी सरकारी दस्तावेज का निरीक्षण करने का अधिकार
  • किसी भी सरकारी कार्य का निरीक्षण करने का अधिकार
  • किसी भी सरकारी कार्य के पदार्थों के नमूने लेना का अधिकार

RTI कानून द्वारा सूचना कैसे प्राप्त करें?

आपने अक्सर समाचारों, सोशल मीडिया इत्यादि में “RTI Activist” तथा “Whistleblower” जैसे शब्दों को सुना होगा ये शब्द ऐसे लोगों के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं जो सूचना का अधिकार कानून का इस्तेमाल करते हुए जनहित से जुड़े किसी मामले में हो रही अनियमितता या गड़बड़ी को आम लोगों के सामने लेकर आते हैं और सरकारों तथा न्यायपालिका का ध्यान उस ओर आकर्षित करते हैं।

यदि आप भी निजी तौर पर या जनहित के किसी मुद्दे के संबंध में सरकार से कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तथा इसकी प्रक्रिया के बारे में आपको जानकारी नहीं है तो आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि हम आपको आगे आरटीआई कानून (RTI Act.) के तहत सरकार से सूचना पाने का स्टेप-बाय-स्टेप तरीका बताने जा रहे हैं।

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आपको बता दें कि सभी लोक प्राधिकरणों जैसे सरकारी विभागों द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत लोक सूचना अधिकारी/सहायक लोक सूचना अधिकारी की नियुक्ति करी जाती है। इनका काम आरटीआई कानून के तहत उस विभाग से किसी प्रकार की सूचना मांगे जाने पर उसे 30 दिनों के भीतर उपलब्ध करवाना होता है।

RTI के तहत आप ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से सूचना प्राप्त कर सकते हैं। ऑफलाइन सूचना प्राप्त करने के लिए आपको संबंधित लोक सूचना अधिकारी/सहायक लोक सूचना अधिकारी से संपर्क करना होगा। वहीं ऑनलाइन माध्यम से सूचना प्राप्त करने के लिए आपको नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा।

Online RTI कैसे फ़ाइल करें?

ऑनलाइन अपने मोबाइल या कंप्यूटर से RTI फ़ाइल करने के लिए आपको सबसे पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि, आपको किस प्राधिकरण अथवा सरकार के किस विभाग से सूचना प्राप्त करनी है। इसके बाद यह देखें कि वह विभाग किस सरकार (राज्य अथवा केंद्र सरकार) के अंतर्गत आता है।

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उदाहरण के लिए यदि आपको भारतीय रेल (Indian Railway) से जुड़ी कोई सूचना प्राप्त करनी है तो आपको इसकी सूचना केंद्र सरकार से प्राप्त करनी होगी। वहीं यदि आपको राज्य सरकार के किसी विभाग से जानकारी लेनी हो तो उसके लिए राज्य सरकार के आरटीआई पोर्टल पर जाना होगा। नीचे हमनें केंद्र तथा विभिन्न राज्य सरकारों से सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगने की Online प्रक्रिया को Step-By-Step समझाया है।

केंद्र सरकार से ऐसे प्राप्त करें सूचना

यदि आप केंद्र सरकार (Central Govt.) के किसी विभाग या मंत्रालय से RTI कानून के तहत कोई सूचना पाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको https://rtionline.gov.in पर जाना होगा और “Submit Request” पर क्लिक करना होगा। इसके बाद जरूरी निर्देशों को पढ़कर “I have read and understood the above guidelines” पर टिक कर Submit वाले बटन पर क्लिक करें।

अब आपके सामने नीचे चित्र में दिखाए गए अनुसार RTI का एक फॉर्म खुलेगा, जिसमें आपको कुछ जरूरी जानकारियाँ दर्ज करनी होंगी जैसे अपना नाम, पता, फोन नंबर, ई-मेल आइडी, वह मंत्रालय तथा मंत्रालय का विभाग जिससे आप जानकारी लेना चाहते हैं, वह विषय जिस संबंध में आप सूचना पाना चाहते हैं आदि।

RTI फ़ाइल करने के आखिरी चरण के रूप में फॉर्म भरने के बाद इसके अंत में दिए गए “Submit” पर क्लिक कर 10 रुपये के शुल्क का भुगतान करें। अब आपको एक RTI Registration नंबर दिया जाएगा, जिसकी सहायता से आप 30 दिनों के भीतर उस विभाग द्वारा आपके द्वारा पूछी गई जानकारी का जवाब देख सकेंगे।

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राज्य सरकारों से सूचना पाने का तरीका

यदि आप जिस विभाग या प्राधिकरण से सूचना लेना चाहते हैं वह केंद्र सरकार के विपरीत किसी राज्य सरकार के अंतर्गत आता है तो इसके लिए आपको राज्य सरकारों द्वारा बनाए गए आरटीआई पोर्टल पर जाना होगा और ऊपर बताई गई प्रक्रिया को ही दोहराना होगा।

बता दें कि वर्तमान में कुछ राज्यों को छोड़कर तकरीबन सभी राज्यों ने आरटीआई के लिए ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किये हैं, जिनकी जानकारी आप इस लिंक पर क्लिक कर प्राप्त कर सकते हैं, जिन राज्यों के ऑनलाइन पोर्टल मौजूद नहीं हैं उन राज्यों की स्थिति में आपको ऑफलाइन माध्यम का ही इस्तेमाल करना होगा।

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उदाहरण के लिए यदि आप उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी हैं तो नीचे बताई गई प्रक्रिया के अनुसार ऑनलाइन RTI फ़ाइल कर सकते हैं अथवा सरकार से किसी भी विषय में सूचना प्राप्त कर सकते हैं। RTI लगाने के लिए अपने मोबाइल ब्राउजर में https://rtionline.up.gov.in वेबसाइट खोलें तथा “आवेदन करें” वाले बटन पर क्लिक करें।

इसके पश्चात आपके सामने जरूरी दिशानिर्देशों के साथ-साथ सरकार के वे विभाग दिखाई देंगे जिनसे आप सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ले सकते हैं। दिशानिर्देशों को पढ़ें और इसके बाद अंत में बने “मैंने उपर्युक्त दिशा-निर्देशों को पढ़ लिया है एवं समझ लिया है” बटन पर क्लिक कर दें।

अगले चरण में आपसे अपना मोबाइल नंबर, ई-मेल आइडी तथा कैप्चा कोड को दर्ज करने को कहा जाएगा उसे भर कर “जमा करें” वाले बटन पर क्लिक करें जैसा कि नीचे चित्रे में दिखाया गया है।

इसके बाद आपकी मोबाइल स्क्रीन पर एक आवेदन फॉर्म खुलेगा, जिसमें आपको मांगी गई जानकारियाँ दर्ज करनी होंगी जैसे अपना नाम, पता, फोन नंबर, ई-मेल आइडी, वह मंत्रालय तथा मंत्रालय का विभाग जिससे आप जानकारी लेना चाहते हैं, वह विषय जिस संबंध में आप सूचना पाना चाहते हैं आदि।

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अपना फॉर्म पूरा भरने के बाद “जमा करें” वाले बटन पर क्लिक करें और 10 रुपये का भुगतान करें, इसके पश्चात आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर प्रदान किया जाएगा, जिसके माध्यम से आप अपनी आरटीआई का स्टेटस चैक कर सकते हैं।

RTI से जुड़े लोगों के प्रश्न अथवा FAQs

हालांकि ऊपर लेख में हमनें सूचना के अधिकार कानून यानी Right to Information Act के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करी है किन्तु यदि आप RTI कानून के बारे में किसी विशेष प्रश्न का उत्तर चाहते हैं तो यहाँ दिए गए FAQs देख सकते हैं।

RTI कौन फ़ाइल कर सकता है?

चूँकि सूचना का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, जो प्रत्येक भारतीय नागरिक को प्राप्त है अतः देश का कोई भी नागरिक सूचना का अधिकार कानून के तहत सूचना प्राप्त कर सकता है या RTI फ़ाइल कर सकता है। इसके लिए किसी भी प्रकार की कोई योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है।

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RTI लगाने के लिए क्या दस्तावेज चाहिए होते हैं?

RTI फ़ाइल करने के लिए किसी भी प्रकार के दस्तावेज की जरूरत नहीं होती है। हालांकि आप जिस संबंध में केंद्र/राज्य सरकार से सूचना पाना चाहते हैं उस संबंध में आपके पास कोई “Supporting Document” है तो आप उसे RTI फ़ाइल करने के दौरान अपलोड कर सकते हैं।

आरटीआई प्रक्रिया में कितना समय लगता है?

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत यह प्रावधान किया गया है कि, सरकार के जिस विभाग से इस कानून के तहत कोई सूचना मांगी गई है उसे 30 दिनों के भीतर मांगी गई सूचना को प्रदान करना अनिवार्य होता है। अतः RTI के माध्यम से मांगी गई किसी भी सूचना को अधिकतम 30 दिनों के भीतर देने का नियम है।

RTI का आवेदन कहाँ-कहाँ किया जा सकता है?

RTI कानून के तहत कोई व्यक्ति केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों के कुछ कार्यालयों को छोड़कर तकरीबन सभी कार्यालयों से गोपनीय मामलों को छोड़कर अन्य किसी भी विषय में जानकारी प्राप्त कर सकता है।

ऑनलाइन आरटीआई का चार्ज कितना है?

Online RTI फ़ाइल करने के लिए आपको 10 रुपये का भुगतान करना होता है, जिसे क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग अथवा UPI के माध्यम से किया जा सकता है।

आरटीआई का जवाब नहीं दिया तो क्या होगा?

किसी भी विभाग में RTI फ़ाइल करने के पश्चात आपको 30 दिनों का इंतजार करना चाहिए यदि आपको 30 दिनों के भीतर विभाग द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया जाता है तो आप इसके खिलाफ अपील कर सकते हैं। अपील करने के लिए आपको केंद्र सरकार अथवा संबंधित राज्य सरकार के RTI Portal में जाना होगा और “प्रथम अपील करें” वाले ऑप्शन का चुनाव करना होगा।

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