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मेमोरी क्या है?
कैश मेमोरी को समझने से पहले मेमोरी तथा उसके मुख्य प्रकारों को समझना आवश्यक है। मेमोरी कंप्यूटिंग सिस्टम का सबसे आवश्यक घटक है, इसके बिना कंप्यूटर के लिए कोई भी कार्य करना संभव नहीं है। इसे किसी कंप्यूटर की याद्दाश्त समझा जा सकता है। कंप्यूटर मेमोरी दो बुनियादी प्रकार की होती है, प्राथमिक या मुख्य मेमोरी (रैम, रोम और कैश) तथा द्वितीयक मेमोरी (हार्ड ड्राइव, सीडी, आदि)।
RAM (Random Access Memory)
RAM का पूरा नाम रैंडम एक्सेस मेमोरी है। RAM किसी भी कंप्यूटर के कार्य करने के लिए बेहद आवश्यक है बिना इसके कोई भी प्रोग्राम, फाइल या एप्लिकेशन काम नहीं कर सकेंगे। जब हम किसी कंप्यूटर को ऑन करते हैं तब हार्ड ड्राइव से आवश्यक निर्देश RAM में संग्रहित हो जाते हैं।
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इन निर्देशों में ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) तथा अन्य प्रोग्राम शामिल हैं, जो कंप्यूटर को सुचारु रूप से चलाने के लिए आवश्यक है। RAM एक अस्थिर मेमोरी है अर्थात यह डेटा और निर्देशों को स्थायी रूप से स्टोर नहीं कर सकती है। जब तक कंप्यूटर चालू रहता है, तब तक डेटा RAM में स्टोर रहता है, जिस क्षण आप इसे बंद करते हैं, RAM से यह डेटा डिलीट हो जाता है।
RAM की कार्यप्रणाली
RAM किसी हार्ड ड्राइव की तुलना में काफी (लगभग बीस से सौ गुना) तेज होती है। इसकी तेज गति के कारण ही हार्ड ड्राइव के बजाए RAM का उपयोग सूचना को तुरंत प्रोसेस करने के लिए किया जाता है। जब आप किसी विशिष्ट कार्य को पूरा करना चाहते हैं तो कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम डेटा को प्रोसेस करने के लिए हार्ड ड्राइव से RAM में लोड करता है। जब कार्य पूर्ण हो जाता है तो ऑपरेटिंग सिस्टम डेटा को पुनः RAM से हार्ड ड्राइव में ट्रांसफर कर देता है। यही कारण है कि, अधिक RAM युक्त स्मार्टफोन तथा कंप्यूटर एक साथ कई कार्यों को पूरा करने में सक्षम होते हैं।
ROM (Read Only Memory)
ROM का पूरा नाम रीड ओनली मेमोरी है यह एक प्रकार की स्थाई मेमोरी है। जैसा कि, इसके नाम से स्पष्ट है इसमें मौजूद डेटा को केवल पढ़ा जा सकता है उसमें परिवर्तन नहीं किया जा सकता। इसका इस्तेमाल कंप्यूटर तथा अन्य लगभग सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। इस मेमोरी में किसी उपकरण के मूलभूत कार्यों को करने के निर्देश स्टोर किए जाते हैं। RAM के विपरीत इसमें मौजूद डेटा कंप्यूटर को बंद करने पर भी सुरक्षित रहता है।
कैश मेमोरी (Cache Memory)
मेमोरी का एक अन्य रूप कैश मेमोरी (Cache Memory) या केवल कैश है। कंप्यूटर का प्रोसेसर त्वरित प्रोसेसिंग के लिए अक्सर उपयोग किए जाने वाले निर्देशों, फ़ाइलों और डेटा को मेमोरी के एक अन्य प्रकार में स्टोर कर देता है, ताकि भविष्य में उस फ़ाइल या प्रोग्राम को बेहद कम समय में प्रोसेस किया जा सके, इसे ही कैश मेमोरी कहा जाता है। यह प्राथमिक मेमोरी का ही एक भाग है, जो RAM से भी कहीं तेज होती है। कैश मेमोरी को CPU मेमोरी भी कहा जाता है क्योंकि यह CPU से सीधे तौर पर जुड़ी होती है, जिस कारण CPU के लिए यहाँ से डेटा को प्रोसेस करना बहुत आसान होता है।
कैश मेमोरी के मुख्य प्रकार
किसी कंप्यूटर में कैश मेमोरी (Cache Memory) मुख्यतः तीन प्रकार की होती है, जिनमें L1, L2, L3 कैश शामिल हैं।
L1 (Level 1) कैश : यह CPU के ठीक बगल में स्थित होती है। यह तीनों प्रकारों में सबसे तेज है, जबकि इसका आकार तीनों में सबसे कम (kb में) होता है, हालाँकि कुछ नए प्रॉसेसर जैसे Intel i9-9980XE में 1 Mb तक L1 कैश मेमोरी देखने को मिलती है, किन्तु यह अत्यधिक महँगा है। L1 कैश आमतौर पर दो वर्गों में विभाजित होती है, जिनमें Instruction Cache और Data Cache शामिल हैं। Instruction Cache प्रॉसेसर द्वारा किए जाने वाले ऑपरेशन के बारे में जानकारी से संबंधित है, जबकि Data Cache उस डेटा को रखता है, जिस पर ऑपरेशन किया जाना है।
L2 (Level 2) कैश : यह मेमोरी लगभग 2 से 8 Mb आकार की हो सकती है। गति की बात करें तो L2 कैश L1 कैश से धीमी लेकिन L3 कैश से बहुत तेज होती है। इसके अतिरिक्त यह RAM से भी लगभग 25 गुना तक तेज होती है।
L3 (Level 3) कैश : इसमें L1 तथा L2 कैश के अतिरिक्त डेटा संग्रहित रहता है। यह साइज़ में L2 कैश से बड़ी लगभग 8 से 64 Mb तक की होती है। L3, L2 कैश को तथा L2 कैश L1 को डेटा हस्तांतरित करती है। इसकी गति L2 कैश की तुलना में कम होती है किन्तु RAM की तुलना में यह भी अधिक फास्ट है।
ब्राउजर कैश
अधिकांश वेब ब्राउज़र डिफ़ॉल्ट रूप से वेबपेज डेटा को कैश करते हैं। जब आप किसी वेबपेज पर जाते हैं, तो ब्राउज़र वेब पेज की समस्त सामग्री जैसे कोड (HTML, CSS, JavaScript), चित्र आदि फ़ाइलों को कैश कर लेता है। दूसरी बार उसी वेबपेज को खोलने पर ब्राउज़र उन्हें सर्वर से लोड करने के बजाए कैश मेमोरी से ही लोड करता है, जो आपके स्थानीय हार्ड ड्राइव पर संग्रहित रहता है। यह इंटरनेट ब्राउज़िंग में लगने वाले अनावश्यक समय को कम करता है।
किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट का उदाहरण लें तो कुछ एलीमेंट्स जैसे लोगों, कार्ट, लॉग इन जैसे विकल्प प्रत्येक पेज पर एक ही स्थान पर मौजूद होते हैं, जिन्हें ब्राउजर केवल एक बार लोड करता है तथा दूसरी बार ऐसे एलीमेंट्स कैश मेमोरी से लोड किए जाते हैं। कैशिंग का विकल्प न होने पर ब्राउजर को बार-बार सभी डेटा सर्वर से लोड करेगा, जिसमें यूजर को अनावश्यक इंतज़ार करना पड़ेगा। गूगल क्रोम तथा अन्य ब्राउजर्स में सेटिंग्स में जा कर कैश्ड डेटा देखा जा सकता है।
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