सर्च इंजन (Search Engine in Hindi) क्या होते हैं तथा किस प्रकार कार्य करते हैं?

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एक वक्त था, जब हमें अपनी जिज्ञासाओं तथा सवालों के उत्तरों हेतु दादा-दादी या घर के किसी बड़े सदस्य के पास जाना पढ़ता था, सूचनाओं के स्रोत बहुत हद तक सीमित थे, किन्तु समय के साथ होते विकास तथा बढ़ती प्रोद्योगिकी ने मानव जीवन को एक बेहतर अनुभव प्रदान करने का कार्य किया है। इंटरनेट के आविष्कार ने हमें हमारे घर तथा परिवेश तक सीमित न रखते हुए पूरी दुनियाँ से रू-ब-रू करवाया है।

इसी का परिणाम है कि, आज हमारे पास किसी सूचना को प्राप्त करने के न जाने कितने ही विकल्प मौजूद हैं और ये सब हमसे मात्र एक क्लिक की दूरी पर है। किसी भी सवाल का गूगल की सहायता से सेकेंड्स में उत्तर पता किया जा सकता है, इसके अतिरिक्त वर्चुअल असिस्टेंट जैसी सुविधाओं के चलते आज हमें किसी जानकारी को पता करने के लिए अपने फोन को छूने तक की आवश्यकता नहीं है।

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हम सभी अपने दैनिक जीवन में अनेकों अनेक जानकारियाँ इंटरनेट खासकर गूगल के माध्यम से प्राप्त करते हैं, किन्तु यह विचार करने योग्य है, कि गूगल के पास हमारे सभी सवालों का जवाब कैसे होता है? नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका जानकारी ज़ोन में जहाँ हम विभिन्न क्षेत्रों से महत्वपूर्ण तथा रोचक जानकारी आप तक साझा करते हैं। आज इस लेख में हम चर्चा करेंगे “सर्च इंजन(Search Engine in Hindi) के बारे में, जानेंगे सर्च इंजन क्या होते हैं, किस प्रकार कार्य करते हैं तथा सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न आखिर कैसे गूगल के पास होते हैं हमारे सभी सवालों के जवाब?

क्या है सर्च इंजन?

सर्च इंजन हम में से अधिकांश लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुके हैं, दैनिक खबरें, किसी विषय विशेष के बारे में पढ़ना, किसी वस्तु या सेवा के बारे में जानकारी प्राप्त करना, छुट्टियों की प्लानिंग करना न जाने कितने ऐसे कार्य हैं, जिन्हें हम सर्च इंजन के माध्यम से पूरा करते हैं।

इंटरनेट पर लाखों करोड़ों वेबसाइट्स उपलब्ध हैं, जिनमें अलग-अलग विषयों से सम्बंधित सूचना उपलब्ध हैं। मान लें आपको किसी विषय विशेष से संबंधित जानकारी चाहिए, जो xyz.com पर उपलब्ध है, किंतु आपको इस वेबसाइट के बारे में पता नहीं है तो आप कैसे उस विषय विशेष के बारे में जानकारी हासिल करेंगे? यहाँ आपको आवश्यकता है एक ऐसे प्लेटफार्म की, जो आपको यह बताए कि, जिस विषय के बारे में आप जानना चाहते हैं वह xyz.com पर उपलब्ध है ताकि आप बहुत ही कम समय में आवश्यक जानकारी हासिल कर सकें।

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ऐसे ही प्लेटफॉर्म को सर्च इंजन (Search Engine) कहा जाता है। सर्च इंजन के पास इंटरनेट में उपस्थित तथा आम लोगों के लिए उपयोगी लगभग सभी वेबसाइट का डेटा होता है। जब कोई व्यक्ति किसी भी विषय को सर्च इंजन में खोजता है तो सर्च इंजन उसके पास उपलब्ध डेटा का विश्लेषण कर उपयोगकर्ता को लाखों वेबसाइट्स में से केवल उसके काम की वेबसाइट परिणाम के रूप में दिखता है।

सर्च इंजन की एतिहासिक पृष्ठभूमि

सर्च इंजन के इतिहास को समझने से पूर्व इंटरनेट तथा WWW की शुरुआत पर नज़र डालना आवश्यक है। साल 1969 में अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा ARPANET (Advanced Research Projects Agency Network) की शुरुआत की गई, जो आधुनिक इंटरनेट का शुरुआती स्वरूप था। हालाँकि अब तक इसका इस्तेमाल केवल कुछ सरकारी विभागों मुख्यतः रक्षा विभाग तक ही सीमित था और विभिन्न कंप्यूटर नेटवर्क में एक दूसरे के साथ कम्यूनिकेशन करने का एक मानक (Standard) तरीका भी मौजूद नहीं था।

1983 में ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेटवर्क प्रोटोकॉल (TCP/IP) नामक एक नए संचार प्रोटोकॉल की शुरुआत हुई, जो वर्तमान इंटरनेट की रीढ़ साबित हुई। इस व्यवस्था ने अलग-अलग नेटवर्क पर विभिन्न प्रकार के कंप्यूटरों को एक दूसरे से कम्यूनिकेशन करने की अनुमति दी। 1991 में वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) की शुरुआत के साथ साल 1993 से इंटरनेट आम लोगों के इस्तेमाल के लिए शुरू कर दिया गया।

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इंटरनेट पर मौजूद सूचना को प्राप्त करना की दुनियाँ का सबसे पहला सर्च इंजन “Archie” था, जिसे 1990 में विकसित किया गया। वर्ल्ड वाइड वेब की शुरुआत के दो वर्ष बाद एक अन्य सर्च इंजन “JumpStation” शुरू किया गया, यह अपने पूर्ववर्ती से अधिक उन्नत था तथा परिणामों को उसी क्रम में रैंक करता था, जिस क्रम में वे प्राप्त किये गए थे। साल 1994 में David Filo तथा Jerry Yang ने प्रसिद्ध सर्च इंजन याहू की शुरुआत करी।

1996 में Larry Page और Sergey Brin ने “BackRub” की शुरुआत करी, जो गूगल का प्रारंभिक रूप था। इसमें बैकलिंक्स (किसी एक वेबसाइट से दूसरे को लिंक करना) के आधार पर सर्च परिणामों को वरीयता दी जाती थी। साल 1998 में गूगल को लॉन्च किया गया और तब से समय के साथ यह उन्नत होता गया है तथा इसका वर्तमान रूप आज हमारे सामने है।

सर्च इंजन के प्रकार

सर्च इंजन को उनके काम करने के तरीकों के आधार पर निम्नलिखित तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।

  1. क्रॉलर आधारित सर्च इंजन
  2. मानव संचालित सर्च इंजन
  3. हाइब्रिड सर्च इंजन

क्रॉलर आधारित सर्च इंजन

प्रमुख सर्च इंजन गूगल, याहू तथा बिंग आदि सभी क्रॉलर आधारित सर्च इंजन हैं। क्रॉलर आधारित सर्च इंजन से आशय ऐसे सर्च इंजनों से है, जो अपने सर्च डेटाबेस में नई सामग्री जोड़ने के लिए एक रोबॉट, जिसे क्रॉलर या स्पाइडर कहा जाता है का इस्तेमाल करते हैं। ये सर्च इंजन मुख्यतः चार चरणों में अपना कार्य करते हैं, जिन्हें हम नीचे विस्तार से समझेंगे।

मानव संचालित डायरेक्ट्रीज

ओपन डायरेक्ट्रीज मानव संचालित सर्च इंजन हैं, ये एक ऐसे प्लेटफ़ॉर्म हैं, जहाँ कोई वेबसाइट मालिक अपनी वेबसाइट या किसी वेबपेज को उसकी श्रेणी तथा अन्य जानकारी दर्ज कर पंजीकृत करने के लिए आवेदन कर सकता है, सबमिट की गई वेबसाइट को डायरेक्ट्री संपादकीय टीम द्वारा जाँचा जाता है और वेबसाइट को उचित श्रेणी में जोड़ दिया जाता है या सूचीबद्ध करने के लिए अस्वीकार कर दिया जाता है। Yahoo! Directory तथा Look Smart मानव संचालित डायरेक्ट्री के उदाहरण हैं।

हाइब्रिड सर्च इंजन

हाइब्रिड सर्च इंजन, जैसा कि, इसके नाम से पता चलता है खोज परिणामों में वेबसाइट्स को सूचीबद्ध करने के लिए क्रॉलर आधारित तथा मैन्युअल डायरेक्ट्री दोनों का इस्तेमाल करते हैं। Google जैसे अधिकांश क्रॉलर आधारित सर्च इंजन क्रॉलर को प्राथमिक तंत्र के रूप में इस्तेमाल करते हैं, किन्तु साथ ही ये सर्च इंजन मानव संचालित डायरेक्ट्रीज का भी इस्तेमाल किसी वेबपेज से जानकारी प्राप्त करने के लिए करते हैं तथा उसे खोज परिणामों में प्रदर्शित करते हैं।

सर्च इंजन कैसे काम करते हैं?

उम्मीद है आप सर्च इंजन तथा इसके विभिन्न प्रकारों को समझ चुके होंगे आइये अब जानते हैं सर्च इंजन काम कैसे करता है तथा कैसे किसी एक वेबसाइट के पास लाखों, करोड़ों विभिन्न वेबसाइट्स का डेटा उपलब्ध रहता है? चूँकि वर्तमान में इस्तेमाल किये जाने वाले सर्च इंजन क्रॉलर आधारित सर्च इंजन हैं अतः हम यहाँ क्रॉलर आधारित सर्च इंजन की कार्यप्रणाली को समझने की कोशिश करेंगे।

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सर्च इंजन द्वारा अपना सर्च डेटाबेस तैयार करने के लिए एक प्रोग्राम, जिसे स्पाइडर या क्रॉलर कहा जाता है का इस्तेमाल किया जाता है। प्रोग्राम किसी मशीन को एक विशिष्ट कार्य करने की कमांड या निर्देश है। हम दैनिक जीवन में जितनी भी मशीनों का इस्तेमाल करते हैं उन सबको उनका कार्य करने के लिए प्रोग्राम या निर्देशित किया जाता है। उदाहरण के तौर पर किसी कैलक्यूलेटर को प्रोग्राम किया गया है कि, जब कोई x + y करे तो कैलक्यूलेटर x तथा y का जोड़ दिखाए।सर्च इंजन द्वारा डेटा इकट्ठा कर हमें परिणाम दिखाने का यह कार्य चार भिन्न चरणों में पूरा किया जाता है।

क्रॉलिंग

क्रॉलिंग (Crawling) सर्च इंजन की कार्यप्रणाली का पहला चरण है, इसमें सर्च इंजन स्पाइडर अथवा क्रॉलर किसी वेबपेज पर मौजूद जानकारी को स्कैन करते हैं। ये स्कैन नए वेबपेज को इंडेक्स करने तथा एक बार इंडेक्स किये जा चुके वेबपेज को अपडेट करने के लिए एक निश्चित समायान्तरल पर किया जाता है। सर्च इंजन द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले ये क्रॉलर किसी वेबपेज में उपस्थित अन्य वेबपेज की लिंक द्वारा अन्य वेबपेज तक भी पहुँच जाते हैं और यह सिलसिला चलता रहता है तथा सर्च इंजन डेटाबेस में उन सभी वेबपेजों का डेटा जमा होता रहता है।

इंडेक्सिंग

इस चरण में स्कैन किये गए वेबपेज को सर्च इंजन डेटाबेस में जोड़ा जाता है, यहाँ उस वेबपेज को प्रदर्शित करने वाले शब्दों की पहचान होती है तथा ऐसे शब्दों को “कीवर्ड” के रूप में संदर्भित किया जाता है और वेबपेज को पहचाने गए शब्द से जोड़ दिया जाता है। “कीवर्ड” वे शब्द है, जिनका हम खोज के रूप में सर्च इंजन में इस्तेमाल करते हैं। इसके अतिरिक्त यदि किसी वेबपेज पर मौजूद जानकारी प्रासंगिक न हो तो उस स्थिति में उस वेबपेज को सर्च इंजन इंडेक्स नहीं करता है।

सामग्री की प्रासंगिकता

इस चरण में इंडेक्स किये गए वेबपेजों को उनकी गुणवत्ता के आधार पर पुनः सूचीबद्ध किया जाता है, जिसे सर्च इंजन की भाषा में “रैंकिंग” कहते हैं। सर्च इंजन के पास किसी विषय विशेष से संबंधित सैकड़ों वेबपेज होते हैं, किन्तु कौन से वेबपेज खोज परिणामों में शीर्ष पर दिखाए जाने हैं इसके लिए सभी वेबपेजों को विभन्न मानकों पर जाँचा जाता है तथा इन मानकों के आधार पर ही प्रत्येक वेबपेज को खोज परिणामों में स्थान प्रदान किया जाता है।

परिणाम प्रदर्शित करना

यह सर्च इंजन की कार्यप्रणाली का आखिरी चरण है, इसमें किसी “कीवर्ड” के खोजे जाने पर उससे संबंधित परिणाम प्रदर्शित किये जाते हैं तथा उपयोगकर्ता अपनी इच्छा के अनुसार किसी एक परिणाम को खोल कर आवश्यक जानकारी जुटा सकता है।

कुछ प्रमुख सर्च इंजन

गूगल : वर्तमान में सर्च इंजन के क्षेत्र में “गूगल” का एकाधिकार है, दुनियाँ की तकरीबन 85 फीसदी से अधिक इंटरनेट खोजें गूगल के माध्यम से ही करी जाती हैं। इसकी शुरुआत आधिकारिक तौर पर साल 1998 में लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन द्वारा की गई। गूगल सर्च इंजन के अतिरिक्त मैप, ई-मेल, वीडियो स्ट्रीमिंग जैसी सेवाएं भी देता है।

बिंग : बिंग माइक्रोसॉफ्ट का उत्पाद है, इसे 2009 में लॉन्च किया गया था। गूगल के बाद सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन में इसी का स्थान है। बिंग सर्च इंजन गूगल की तर्ज पर मैप के साथ-साथ इमेज, वेब और वीडियो सर्च सहित विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है। औसतन 6 फीसदी लोग सर्च इंजन के रूप में बिंग का इस्तेमाल करते हैं।

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याहू : वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल किये जाने वाले सर्च इंजनों में याहू औसतन 2.5 फीसदी उपयोगकर्ताओं के साथ तीसरे स्थान पर है। यह सर्च इंजन के साथ एक ई-मेल सेवा उपलब्ध करवाने वाली कंपनी है, जिसे 1994 में शुरू किया गया।

बायडू : “Baidu” चीन में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला सर्च इंजन है, जिसकी स्थापना जनवरी, 2000 में चीनी उद्यमी Eric Xu द्वारा की गई थी। बता दें कि, चीन में गूगल तथा फ़ेसबुक समेत कई सेवाएं प्रतिबंधित हैं। Baidu खोज के परिणाम के रूप में वेबपेजों, ऑडियो फाइलों तथा छवियों को प्रदर्शित करता है। इसके अतिरिक्त यह मानचित्र, समाचार, क्लाउड स्टोरेज समेत कुछ सहित कुछ अन्य सेवाएं भी प्रदान करता है।

सर्च इंजन के राजस्व का स्रोत

आपके मन में यह सवाल होगा कि, कोई सर्च इंजन जैसे गूगल बिना कोई शुल्क लिए अपने उपयोगकर्ताओं को सेवा कैसे उपलब्ध कराता है? आपको बता दें गूगल के राजस्व का मुख्य स्रोत उसमें दिखाए जाने वाले विज्ञापन हैं। चुँकि गूगल के पास लोकप्रियता एवं इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों का बहुत बड़ा हिस्सा है। इसलिए किसी सेवा या उत्पाद का प्रचार गूगल पर करना किसी भी व्यवसाय के लिए अच्छा विकल्प है।

गूगल विभिन्न कंपनियों से पैसे लेता है तथा बदले में उनकी वस्तुओं या सेवाओं का प्रचार विज्ञपनों के माध्यम से करता है। गूगल इन विज्ञापनों को लोगों की वेबसाइट्स के माध्यम से दिखाता है, जो गूगल पब्लिशर प्रोग्राम (Google AdSense) के तहत उससे जुड़े हैं। विज्ञापनों से आने वाले राजस्व का एक बड़ा हिस्सा वेबसाइट के मालिकों को प्राप्त होता है, जबकि बचा हिस्सा गूगल द्वारा लिया जाता है।

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