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क्या है डिजिटल इंडिया कार्यक्रम?
यह भारत सरकार द्वारा लॉन्च तथा वित्तपोषित एक कार्यक्रम है, जिसके तहत देश को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जुलाई 2015 में की गयी। इसका मुख्य उद्देश्य देश के नागरिकों को सरकारी एवं अन्य आवश्यक सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध कराना है।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के प्रमुख क्षेत्र
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए अलग-अलग क्षेत्रों का चुनाव किया गया है जो निम्नलिखित हैं
ब्रॉडबैंड हाईवेज़
इसके अनुसार देश की लगभग ढाई लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा, जिससे लोगों को ग्राम स्तर पर इंटरनेट सेवा उपलब्ध हो सके।
मोबाइल कनेक्टिविटी
इसके अंतर्गत मोबाइल संपर्क की सुविधा सुनिश्चित करने की दिशा में एक यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फण्ड की स्थापना की गई है।
सभी के लिए इंटरनेट की उपलब्धता
डिजिटल इंडिया के मुख्य उद्देश्यों में एक ग्रामीण स्तर तक इंटरनेट की पहुँच सुनिश्चित करना है, जिसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण इंटरनेट मिशन की शुरुआत की गई है।
ई-गवर्नेंस
इसके अंतर्गत सूचना प्रौद्योगिकी के द्वारा सरकार के कामकाज को पारदर्शी बनाना एवं सरकारी कामकाज की प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। इसमें किसी भी सरकारी प्रक्रिया को ऑनलाइन ट्रैक करना, अलग अलग विभागों का आपसी सहयोग, स्कूल से संबंधित दस्तावेजों तथा अन्य दस्तावेजों को ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराना आदि शामिल हैं।
ई-क्रांति
इसके अंतर्गत सभी क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, न्याय आदि को ब्रॉडबैंड से जोड़ने की योजना है, जिसमें स्कूलों में फ्री वाई-फाई, किसानों के लिए रियल टाइम में उत्पादों के मूल्यों की जानकारी, उत्पादों की उपलब्धता एवं उनकी माँग की जानकारी, चिकित्सा क्षेत्र में ऑनलाइन मेडिकल सलाह लेना, ऑनलाइन मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त करना तथा न्याय के क्षेत्र में ई-कोर्ट, ई-प्रॉसिक्यूशन आदि शामिल है।
सभी को जानकारी
इसके अंतर्गत सरकारी प्लेटफॉर्मों सोशियल मीडिया या वेब आधारित मंचों द्वारा सभी नागरिकों तक सरकारी सूचनाओं को पहुँचाने की योजना है।
इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में निर्भरता
इसके अंतर्गत सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का निर्माण देश में ही किया जाएगा। जिसके लिए जीरो इम्पोर्ट का लक्ष्य रखा गया है।
डिजिटल इंडिया की राह में बाधाएं
हालाँकि यह कार्यक्रम देश में एक डिजिटल क्रांति लाने में सक्षम है, किन्तु वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इसकी रह में कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण निम्नलिखित हैं।
कर्मचारियों की कमी
इतने विशाल कार्यक्रम को संचालित करने के लिए अधिक संख्या में कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होगी, जिनकी वर्तमान में सरकारी तंत्र में कमी है। अधिक मानदेय होने के चलते ऐसे क्षेत्रों में कौशल रखने वाले युवा किसी निजी कंपनी में कार्य करने को प्राथमिकता देते हैं लिहाज़ा सरकारी तंत्र में ऐसे लोगों की कमी महसूस होती है।
मोबाइल तथा इंटरनेट संचार
देश के कोने-कोने में मोबाइल संचार एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक अच्छे आधारभूत ढांचे की आवश्यकता होगी, जिसकी स्थिति वर्तमान में उतनी अच्छी नहीं है। अधिकतर पहाड़ी राज्यों के सुदूरवर्ती इलाकों में लोगों को आज भी मोबाइल संचार के लिए नेटवर्क की खोज में कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
अन्य क्षेत्रों में आधारभूत संरचना की कमी
शिक्षा स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों को देखा जाए तो ऐसी आधारभूत सुविधाएं मुहैया करा पाने में पूर्ण रूप से सक्षम नहीं हैं संस्थानों में शिक्षकों, डॉक्टरों अन्य कर्मचारियों तथा आवश्यक संसाधनों की कमियाँ जैसी समस्याएं आम हैं ऐसे में इन क्षेत्रों को डिजिटल कर इनका उपयोग करना वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उतना संभव नहीं है।
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