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अंकोरवाट मंदिर, कंबोडिया
अंकोरवाट मंदिर दक्षिण एशियाई देश कंबोडिया के अंकोर में स्थित महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, इसके अलावा यह मंदिर दुनियाँ का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है। इस मंदिर का निर्माण सूर्यवर्मन द्वितीय ने अपने कार्यकाल (1112-53) के दौरान करवाया था। कालांतर में इस मंदिर को बौद्ध रूप दे दिया गया। मंदिर की दीवारों पर पौराणिक कथाएं, बौद्ध धर्म के ग्रंथों के प्रसंग आदि चित्रित हैं। इसके अतिरिक्त देवताओं तथा असुरों के मध्य हुआ समुद्र मंथन का दृश्य भी दिखाया गया है। इसे 1992 से यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है।
राधा माधव, टेक्सस (USA)
राधा माधव धाम जिसे बरसाना धाम के नाम से भी जाना जाता है अमेरिका के टेक्सस राज्य में स्थित है। यह टेक्सस राज्य का प्राचीनतम तथा उत्तरी अमेरिका का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है यह मंदिर श्री कृष्ण तथा राधा जी को समर्पित है, इसका प्रबंधन एक गैरलाभकारी संस्था जगतगुरु कृपालु परिषद द्वारा किया जाता है। इस मंदिर की स्थापना 1990 में की गयी थी। यहाँ सभी हिन्दू त्यौहार धूम धाम से मनाए जाते हैं।
बातू गुफा मंदिर (मलेशिया)
बातू गुफा मंदिर मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खूबसूरत धार्मिक तथा पर्यटन स्थल है। ये मंदिर हिन्दू धर्म के लिए आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है जो मुख्यतः शिव तथा पार्वती के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है। ये गुफाएँ चुना पत्थर की एक पहाड़ी पर बनी हुई हैं जहाँ गुफा मंदिरों की एक श्रंखला है। बातू नाम इस पहाड़ी के पीछे बहने वाली नदी के कारण इन गुफा मंदिरों को दिया गया है।
उत्सवों में यहाँ निवास करने वाले हिंदुओं मुख्यतः तमिल समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला थाईपुसम इस मंदिर का प्रमुख उत्सव है। इस त्यौहार को मनाने हज़ारों की संख्या में लोग यहाँ आते हैं। यह त्योहार तमिल महीने थाई में मनाया जाता है जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जनवरी अथवा फरवरी माह में पड़ता है।
इसके स्थापत्य की बात करें तो चूना पत्थर की ये गुफाएँ लगभग 40 करोड़ साल पुरानी हैं किंतु इस स्थान को धार्मिक स्थल के रूप में सर्वप्रथम के. तम्बुस्वामी पिल्लई ने परिवर्तित किया। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य इस गुफा के प्रवेश द्वार था जिसकी आकृति कार्तिकेय के अस्त्र जैसी दिखाई देती थी। 1890 में पिल्लई ने इस स्थान पर कार्तिकेय की मूर्ति स्थापित की तथा 1892 से यहाँ प्रतिवर्ष थाईपुसम मनाया जाने लगा।
बेसकिह मंदिर, इंडोनेशिया
बेसकिह मंदिर इंडोनेशिया की राजधानी बाली में अगुंग पर्वत की दक्षिणी ढलान पर स्थित हिन्दू मंदिर है। मंदिर की स्थापना के विषय में पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है किंतु यह स्थान प्राचीनकाल से ही धार्मिक महत्व का रहा है। सन 1284 से यह स्थान हिन्दू धर्म के धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाने लगा। इसको यूनेस्को विश्व विरासत की सूची में भी स्थान दिया गया है।
स्वामीनारायण मंदिर, कनाडा
श्री स्वामीनारायण मंदिर कनाडा के टोरंटो शहर में स्थित है जो भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। यह मंदिर BAPS (Bochasanwasi Akshar Purushottam Swaminarayan Sanstha) संस्था द्वारा संचालित किया जाता है। गौरतलब है कि 1907 में गठित इस संस्था द्वारा विश्वभर में 1000 से अधिक मंदिर अलग अलग देशों में निर्मित किये गए हैं। दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर भी इसी संस्था द्वारा निर्मित किया गया है।
श्री शिव विष्णु मंदिर, ऑस्ट्रेलिया
शिव विष्णु मंदिर ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में स्थित हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है यह मंदिर भगवान शिव तथा विष्णु को समर्पित है, दोनों दवताओं की पूजा के लिए भिन्न भिन्न प्रवेश द्वार या गोपुरम बनाए गए हैं। मंदिर की स्थापना की बात करें तो इसे हिन्दू सोसायटी ऑफ विक्टोरिया नामक संस्था द्वारा बनाया गया है। इस संस्था की स्थापना 1982 में हुई तथा मंदिर निर्माण 1992 से 1996 के मध्य में हुआ। यहाँ सभी हिन्दू त्यौहार धूम धाम से मनाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त महीने के अंतिम रविवार को एक हवन का आयोजन भी किया जाता है।
पशुपतिनाथ मंदिर, नेपाल
पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू के उत्तर पश्चिम में बागमती नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर भगवान पशुपतिनाथ जो शिव का ही एक अवतार हैं को समर्पित है। एक परंपरा के अनुसार मंदिर के पुजारी जिनमें चार पुजारी तथा 1 मुख्य पुजारी शामिल हैं, को दक्षिण भारत के ब्राह्मणों में से रखा जाता है।
पुरातात्विक साक्ष्यों के अनुसार मंदिर की स्थापना 13वीं शताब्दी की मानी जाती है जबकि किवदंतियों के अनुसार इसकी स्थापना तीसरी सदी ईसा पूर्व में सोमदेव राजवंश के पशुप्रेक्ष द्वारा करवाया गया था। इसके पश्चात कालांतर में मंदिर कई बार नष्ट किया गया तथा इसे वर्तमान स्वरूप 1697 में तत्कालीन नरेश भूपतेन्द्र मल्ल ने दिया। महा शिवरात्रि पर्व को इस मंदिर के मुख्य उत्सव के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1979 से इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है।
श्री शिव सुब्रमण्य स्वामी मंदिर, फिजी
श्री शिव सुब्रमण्य स्वामी मंदिर फिजी के नाडी शहर में स्थित है। यह हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल तथा दक्षिणी गोलार्ध में स्थित सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर शिव तथा पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय या मुरुगन को समर्पित है, इसके अतिरिक्त परिसर में भगवान शिव तथा उनके पुत्र गणेश जी का भी मंदिर स्थित है।
इसकी स्थापना 1926 में की गयी तथा मंदिर के वर्तमान स्वरूप का निर्माण कार्य 1984 से शुरू हुआ। वास्तुकला की बात करें तो ये द्रविण शैली का नायाब नमूना है। मंदिर की दीवारों पर विभिन्न हिन्दू देवी देवताओं को बनाया गया है तथा विभिन्न रंगों द्वारा पूरे मंदिर को सुसज्जित किया गया है। उत्सवों में सभी हिन्दू त्यौहार यहाँ मनाए जाते हैं इसके अतिरिक्त महाशिवरात्रि को यहाँ मुख्य रूप से मनाया जाता है।
सिडनी दुर्गा मंदिर, ऑस्ट्रेलिया
सिडनी दुर्गा मंदिर ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के रेजेन्ट्स पार्क जिले में स्थित हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर माँ दुर्गा, सरस्वती तथा लक्ष्मी को समर्पित है। मंदिर का निर्माण कार्य 2006 से शुरू होकर 2017 में पूर्ण हुआ। इसका संचालन एवं प्रबंधन श्री दुर्गादेवी देवस्थानम संस्था द्वारा किया जाता है जो एक पूर्णतः गैर लाभकारी संस्था है। सिडनी में हिन्दू धर्म तथा संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस संस्था की स्थापना वर्ष 2002 में की गयी। यहाँ के प्रमुख उत्सवों में मंदिर का वार्षिक उत्सव तथा नवरात्रियाँ मुख्य हैं।
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