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क्या है मानव विकास सूचकांक?
मानव विकास सूचकांक संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा जारी एक सूचकांक है जो विभिन्न देशों को मानव विकास के आधर पर आंकने का प्रयास करता है। इस सूचकांक की अवधारणा सर्वप्रथम पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब-उल-हक ने दी थी तथा साल 1990 से यह सूचकांक वार्षिक रूप से जारी किया जाता है। इस सूचकांक के माध्यम से मानव विकास की स्थिति को आंकने के लिए निम्न तीन मानदंडों का प्रयोग किया जाता है। इन मानदंडों के आधार पर प्रत्येक देश को 0 से 1 के मध्य अंक दिए जाते हैं।
- जीवन प्रत्याशा अर्थात औसत आयु
- शिक्षा
- प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय
मानव विकास सूचकांक 2020
साल 2020 के सूचकांक में 189 देशों में नॉर्वे (0.957) पहले स्थान पर है तथा उसके बाद आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग और आइसलैंड का स्थान है। वहीं अफ्रीकी देश नाइज़र अंतिम स्थान पर है। भारत को 0.645 अंकों के साथ सूचकांक में 131 वां स्थान प्राप्त हुआ है। पिछले साल की तुलना में भारत इस वर्ष दो पायदान नीचे खिसक गया है।
सूचकांक के अनुसार साल 2019 में भारत की जीवन प्रत्याशा 69.7 वर्ष थी जबकि क्रय शक्ति समता के आधार पर प्रति व्यक्ति आय 2018 की तुलना में $6829 से घटकर 2019 में $6681 हो गई। पड़ोसी देशों की बात करें तो भूटान 129, चीन 85 तथा श्रीलंका 72 वें स्थान के साथ भारत से बेहतर स्थिति में हैं तो वहीं बांग्लादेश (133), नेपाल (142) तथा पाकिस्तान (154) की स्थिति भारत से खराब है।
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