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मुद्रा हस्तांतरण
हम सभी अपने दैनिक जीवन में न जाने कितनी बार दोस्तों, रिश्तेदारों आदि से आर्थिक मदद लेते हैं तथा कई परिस्थितियों में अन्य लोगों को आर्थिक मदद मुहैया करवाते हैं और इस काम में बैंक एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। एक वक्त था जब आर्थिक लेन-देन के लिए बैंक चेक का इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता था, किन्तु समय के साथ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए विकास के चलते आज UPI जैसे विकल्पों की मदद से तत्काल रुपयों का लेन-देन संभव हो पाया है।
मुद्रा हस्तांतरण के प्रकार
मुद्रा को एक बैंक खाते से दूसरे में भेजने के लिए निन्म तरीकों का प्रयोग किया जाता है।
- NEFT
- RTGS
- IMPS
- UPI
NEFT ( National Electronic Funds Transfer)
इसकी शुरुआत साल 2005 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पैसे का हस्तांतरण करना था। कोई भी दो बैंक, जो इस सुविधा से जुड़े हुए हो उन बैंकों के ग्राहक आपस में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पैसे का लेन-देन कर सकते हैं।
हाँलाकि इसमें पैसों का हस्तांतरण (Fund transfer) तत्काल नहीं होता है, बल्कि एक घण्टे में किसी बैंक के ग्राहकों द्वारा किये गए कुल लेन–देन को एक साथ प्रोसेस किया जाता है। इसमें पैसों के ट्रांसफर की कोई सीमा नहीं है अर्थात कितनी भी राशि इसके द्वारा भेजी जा सकती है। NEFT द्वारा पैसे ट्रांसफर करने वाले व्यक्ति को लाभार्थी का नाम, बैंक खाता नम्बर तथा बैंक के IFSC कोड की आवश्यकता होती है।
“ गौरतलब है की 16 दिसंबर 2019 से पूर्व तक NEFT सेवा केवल कार्यकारी समय अर्थात सुबह 8 बजे से शाम को 7 बजे तक (बैंक छुट्टियों को छोड़कर) ही उपलब्ध होती थी, किन्तु रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार 16 दिसंबर 2019 के बाद से NEFT 24 घण्टे तथा सातों दिन ग्राहकों के लिए उपलब्ध रहेगा”
RTGS (Real Time Gross Settlement)
NEFT के विपरीत RTGS में पैसे का हस्तांतरण तुरंत या रियल टाइम में हो जाता है। इसकी शुरुआत साल 2004 में बड़ी धनराशि के ट्रांसफर को तुरंत या रियल टाइम में करने के लिए की गयी ताकि ग्राहकों को अनावश्यक इंतज़ार न करना पड़े। इसमें फंड ट्रांसफर की न्यूनतम सीमा 2 लाख रुपये है अर्थात केवल 2 लाख या उससे अधिक की राशि को ही इस तरीके से ट्रासफर किया जा सकता है।
IMPS (Immediate Payment Service)
जैसा कि, नाम से ही स्पष्ट है यह भी तत्काल पैसे के इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण का एक तरीका है किन्तु अन्य के मुकाबले यह बेहद सुविधाजनक तरीका है। चूँकि RTGS केवल बड़े लेन-देन के लिए ही इस्तेमाल हो सकता था अतः कम धन राशि को तत्काल ट्रांसफर करने के लिए किसी व्यवस्था की आवश्यकता थी इसी के साथ साल 2010 में NPCI (National Payments Corporation of India) ने IMPS सेवा की शुरुआत की।
IMPS की वजह से 24 घण्टे सातों दिन पैसे का हस्तांतरण करना संभव हो पाया, जबकि NEFT तथा RTGS में केवल कार्यकारी समय में ही अर्थात सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक (छुट्टियों को छोड़कर) पैसे का लेन-देन किया जा सकता था। ध्यातव्य है कि, अब NEFT से भी सप्ताह में कभी भी पैसे का हस्तांतरण करना संभव है। IMPS के द्वारा प्रतिदिन 1 रुपये से 1लाख रुपये तक ट्रांसफर किया जा सकता है।
UPI (Unified Payments Interface)
इसकी शुरुआत NPCI द्वारा पैसों के हस्तांतरण को और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से साल 2016 में की गयी। यह सेवा IMPS तकनीक पर आधारित है इसकी मदद से ऑनलाइन भुगतान करना बेहद आसान हो गया है इसमें किसी व्यक्ति को भुगतान करने के लिए लाभार्थी का नाम, बैंक खाता संख्या तथा IFSC कोड जैसी जानकारियों की आवश्यकता नहीं होती है केवल एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) की मदद से किसी भी व्यक्ति को पैसे हस्तांतरित किये जा सकते हैं।
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इसके अतिरिक्त ऑनलाइन भुगतान करनें की सुविधा देने वाले डिजिटल वॉलेट जैसे PayTm, PhonePe आदि के विपरीत इसमें उपयोगकर्ता को किसी डिजिटल वॉलेट को क्रेडिट करने की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि पैसों का हस्तांतरण सीधे उपयोगकर्ता के बैंक खाते से होता है। UPI के ज़रिए न्यूनतम 1 रुपये से 1 लाख रुपये तक प्रतिदिन हस्तांतरण किया जा सकता है।
इसी तकनीक (UPI) पर आधारित एक डिजिटल भुगतान एप भारत सरकार द्वारा दिसंबर 2016 में लॉन्च किया गया, जिसका नाम भारत इंटरफेस फ़ॉर मनी या BHIM है। इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा विकसित किया है। इसके जरिये केवल एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस जो mobilenumber@upi प्रकार का होता है, की सहायता से पैसों का लेन-देन किया जा सकता है।
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