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EPFO Update: EPFO की तरफ से बड़ा अपडेट खुशी से झूम उठेंगे सब्सक्राइबर्स, संगठन ने दी बड़ी राहत

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EPFO Latest Update: अगर आप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organization) के खाताधारक हैं तो आपके के लिए अच्छी खबर है। ईपीएफओ ने अपने सब्सक्राइबर्स को बड़ी राहत देते हुए उनके नियोक्ताओं के साथ अधिक पेंशन के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख को 3 मार्च से बढ़ाकर 3 मई 2023 कर दिया है।

गौरतलब है कि, सब्सक्राइबर्स को अधिक पेंशन हेतु रिटायरमेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (Retirement Fund Organization) के एकीकृत पोर्टल पर आवेदन करना होगा। सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के अनुसार, जो कर्मचारी 1 सितंबर 2014 को कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के सदस्य थे वे 15,000 रुपये की वैधानिक वेतन सीमा के बजाय अपने वास्तविक वेतन के आधार पर हायर पेंशन ऑप्शन (Higher Pension Option) का चुनाव कर सकते हैं।

न्यायालय ने नवंबर, 2022 में जारी अपने आदेश में कहा था कि, संगठन (EPFO) को ऐसे सभी योग्य खाताधारकों को हायर पेंशन के ऑप्शन का चुनाव करने के लिए चार महीने का समय देना होगा और कोर्ट के आदेशानुसार ये समय सीमा 3 मार्च 2023 को खत्म हो रही थी लेकिन अब इसे 4 मई तक बढ़ा दिया गया है।

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क्या है मामला?

दरअसल 1995 में निजी क्षेत्रों में कार्यरत ऐसे कर्मचारियों, जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के खाताधारक हैं को उनके रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ मिले इस उद्देश्य से एक नियम लागू किया गया था जिसे कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) या EPS-95 के नाम से जाना जाता है।

किसी भी EPFO सब्सक्राइबर के मुख्य रूप से दो खाते होते हैं जिनमें पहला EPF तथा दूसरा EPS होता है। EPF अर्थात Employee Provident Fund इस खाते में मौजूद रकम कर्मचारी को रिटायरमेंट के पश्चात एकमुश्त रूप में मिलती है, जबकि EPS यानी Employee Pension Scheme खाते में मौजूद रकम कर्मचारी को पेंशन के रूप में प्रदान करी जाती है।

किसी भी कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते (DA) से हर महीने 12 फीसदी राशि काटकर EPF खाते में डाली जाती है, जबकि इतना ही अंशदान कर्मचारी का नियोक्‍ता (Employer) भी करता है लेकिन, नियोक्‍ता का पूरा अंशदान EPF में नहीं जमा होता है बल्कि उसके कुल अंशदान की 8.33 फीसदी रकम ही EPS खाते में जाती है और बाकी 3.67 फीसदी कर्मचारी के EPF खाते में।

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अब वे सभी खाताधारक जो अधिक पेंशन के विकल्प का चुनाव करना चाहते हैं उनके नियोक्ता द्वारा उनके EPS खाते में डाला जाने वाला अंशदान बढ़ जाएगा, जबकि EPF खाते में जमा होने वाली राशि कम हो जाएगी। इसके चलते खाताधारकों को भविष्य में अधिक पेंशन तो मिलेगी लेकिन रिटायरमेंट के दौरान EPF के तहत मिलने वाली एकमुश्त धनराशि कम हो जाएगी।

क्या आपको अधिक पेंशन का विकल्प चुनना चाहिए?

हालांकि यह पूर्ण रूप से कर्मचारियों के वेतन, सेवाकाल तथा उनकी प्राथमिकताओं जैसे फ़ैक्टर्स पर निर्भर करता है, उदाहरण के लिए यदि किसी कर्मचारी का सेवाकाल कम हो अथवा वो अपनी नौकरी के आखिरी वर्षों में कार्यरत हो तो उसके लिए पुरानी व्यवस्था के तहत फंड बनाना अधिक फायदेमंद होगा, वहीं यदि कोई कर्मचारी अपनी नौकरी के शुरुआती दौर में है और अच्छी सैलरी ले रहा है तो वह भविष्य के लिए अधिक पेंशन सुरक्षित करने के बारे में सोच सकता है।

हायर पेंशन का विकल्प चुनने के नुकसान

जैसा कि, हमने ऊपर बताया हायर पेंशन विकल्प का चुनाव कर्मचारी की प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है लेकिन पुरानी व्यवस्था की तुलना में इस व्यवस्था को चुनने के कुछ नुकसान है, जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है। आइए ऐसे ही कुछ मुख्य कारणों को समझते हैं जो पुरानी व्यवस्था को हायर पेंशन से बेहतर बनाते हैं।

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EPF के पैसे को कर सकते हैं निवेश

ईपीएस आपको रिटायरमेंट के दौरान एकमुश्त धनराशि उपलब्ध नहीं करवाता है बल्कि यह आपके संचित कोष के आधार पर पेंशन देता है। ईपीएस के तहत उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के बजाय, आप NPS जैसे अन्य सरकारी बचत योजनाओं में निवेश कर सकते हैं जो बाजार से जुड़े रिटर्न और सेवानिवृत्ति पर आपको एकमुश्त राशि प्रदान करेगा। इसके साथ ही NPS योगदान धारा 80C के तहत उपलब्ध 1.5 लाख रुपये की टैक्स फ्री निवेश के ऊपर 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट भी प्रदान करता है।

कंपाउंडिंग के लाभ में कमी

एक अन्य नुकसान जो खाताधारकों को हायर पेंशन का चुनाव करने में उठाना पड़ेगा वह EPF एकाउंट पर सालों से अर्जित किये गए कंपाउंडिंग के लाभ का कम होना है। जब आप उच्च पेंशन के विकल्प का चयन करेंगे तो आपके EPF कोष का एक हिस्सा आपकी जॉइनिंग की तारीख से EPS योजना में आवंटित किया जाएगा, EPF के पैसे को EPS में ट्रांसफर करने के चलते आपके द्वारा EPF खाते में अर्जित किए गए कंपाउंडिंग का लाभ भी कम हो जाएगा।

किसी दुर्घटना के चलते नुकसान

जैसा कि, आप जानते हैं EPF खाते में मौजूद एकमुश्त धनराशि कर्मचारी को रिटायरमेंट के पश्चात प्राप्त हो जाती है और यदि उसकी मृत्यु भी हो जाए तो सारा पैसा नॉमिनी को दे दिया जाता है लेकिन, हायर पेंशन की स्थिति में ऐसा नहीं है पेंशनधारी की मृत्यु के पश्चात उसके जीवनसाथी को केवल 50% पेंशन दी जाती है।

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कैसे करें आवेदन?

यदि आप हायर पेंशन ऑप्शन का चुनाव करने के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से कर सकते हैं। ऑफलाइन माध्यम से आवेदन करने के लिए खाताधारकों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organization) के क्षेत्रीय कार्यालय जाना होगा, जबकि ऑनलाइन आवेदन करने के लिए खाताधारक EPFO के इस पोर्टल पर विजिट कर सकते हैं।

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