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कोरोना वायरस (Corona Virus)
जिस विषाणु की हम चर्चा कर रहे हैं उसका नाम है Sars CoV- 2 जिसे सामान्यतः कोरोना वायरस का नाम दिया जा रहा है। इस महामारी ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है। दरअसल कोरोना एक अकेला विषाणु न होकर विषाणुओं का एक समूह है, जिसमें कई विषाणु शामिल होते हैं और इनमें से कइयों की पहचान दशकों पहले हो चुकी है। अतः यह कहना की कोरोना वायरस जैसी कोई समस्या पहली बार सामने आई है पूर्णतः सत्य नहीं है। कोरोना वायरस परिवार के अंतर्गत अनेकों विषाणु शामिल हैं, जिनमें से एक नए विषाणु की पहचान साल 2019 में की गयी है। इसका नाम Sars CoV- 2 रखा गया है।
कोरोना वायरस का वर्गीकरण
कोरोना वायरस को मुख्यतः 4 समूहों में वर्गीकृत किया गया है, जो क्रमशः α, β, γ तथा δ हैं। इनमें से अंतिम दो समूह में आने वाले विषाणु केवल जानवरों में पाए गए हैं अतः इन दो समूहों की चर्चा हम यहाँ नहीं करेंगे। अल्फा एवं बीटा समूह के विषाणु मानव शरीर को प्रभावित करते हैं इन दोनों समूहों में कुल 7 प्रकार के विषाणु (Types of Corona Virus in Hindi) शामिल हैं। इनके बारे में हम आगे विस्तार से समझेंगे।
α कोरोना वायरस
अल्फा कोरोना वायरस के दो प्रकार हैं HCoV 229E तथा HCoV NL63। HCoV का अर्थ Human Corona Virus से है। HCoV 229E कि खोज 1960 के मध्य में हुई थी। वहीं HCoV NL63 की खोज 2002-03 में नीदरलैंड की एक प्रयोगशाला में हुई। इन दोनों विषाणुओं में HcoV NL63 पहले विषाणु की तुलना में अधिक हानिकारक है। इनके लक्षणों की बात करें तो सर्दी, जुखाम, उल्टी, डायरिया आदि मुख्य हैं।
β कोरोना वायरस
बीटा कोरोना वायरस पुनः तीन समूहों Lineage a, b तथा c में विभाजित है।
Lineage (a)
लिनिऐज़ (a) में दो विषाणु शामिल हैं। HCoV OC43 तथा HCoV HKU1। HCoV OC43 की खोज 1967 में की गयी तथा HCoV HKU1 2005 में सामने आया। इन दोनों के लक्षणों में बुखार, श्वसन संबंधित समस्या जैसे निमोनिया आदि शामिल हैं।
Lineage (b)
Lineage (b) में पुनः दो विषाणु शामिल हैं। Sars CoV-1 तथा Sars CoV-2 । Sars का पूरा नाम Severe Acute Respiratory Syndrome है। Sars CoV-1 2004 में चीन के Guangdong प्रांत से फैला। एक अध्ययन के अनुसार पाया गया कि ये विषाणु चमगादड़ से किसी बिलाव में तथा इससे इंसानों में फैला। इसके कुल 8,000 मामले समनें आए, जिनमें 774 लोगों की इस वायरस से मृत्यु हो गई। इसके मुख्य लक्षणों में श्वसन संबंधित समस्या सामान्य है इसके अतिरिक्त बुखार, कफ आदि शामिल हैं।
Sars CoV- 2 वही वायरस है, जिससे वर्तमान में पूरी दुनियाँ प्रभावित है। यह साल 2019 के अंत में चीन के वुहान प्रान्त से सामने आया तथा वर्तमान में भी लगातार फैल रहा है। कहा जा रहा है की ये वायरस वुहान के एक माँस बाज़ार से फ़ैला, जहाँ ये वायरस चमगादड़ से किसी पैंगोलिन में और पैंगोलिन से इंसानों में पँहुचा।
इससे संक्रमित होने पर होने वाली बीमारी को Coronavirus Disease 19 या (COVID-19) नाम दिया गया है। इस वायरस से संक्रमित होने पर दिखने वाले लक्षणों की बात करें तो यह Asymptomatic (कोई लक्षण न दिखना) से घातक लक्षण, जिनमें मुख्यतः श्वसन संबंधित समस्या इसके अतिरिक्त बुखार, सर दर्द, बदन दर्द तथा खाँसी सामान्य हैं। बच्चे, बूढ़े तथा कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोग इससे अधिक प्रभावित होते हैं।
Lineage (c)
Lineage (c) में एक विषाणु शामिल है। इसका नाम MERS CoV है, तथा MERS का पूरा नाम Middle East Respiratory Syndrome है। यह 2012 में सऊदी अरब में सामने आया। इसकी शोध में पाया गया कि यह ऊँट से इंसानों में फैल रहा था, जिसमें ऊँट के दूध का सेवन मुख्य कारणों में था। अन्य प्रकारों की तुलना में यह अधिक खतरनाक है। इसके लक्षणों में भी Asymptomatic (कोई लक्षण न दिखना) से घातक लक्षण जिनमें साँस लेने में दिक्कत, बुखार आदि शामिल हैं।
इससे तकरीबन 2400 लोग संक्रमित हुए, जिनमें से 858 लोगों की मृत्यु हो गईं। इसके फैलने की दर की बात करें तो यह 0.3 से 0.8 थी, अर्थात कोई व्यक्ति अधिकतम 0.8 व्यक्तियों को इस वायरस से संक्रमित कर सकता है। अतः किसी व्यक्ति के अन्य व्यक्ति को संक्रमित करने की दर नगण्य है।
वर्तमान स्थिति
आइये अब चर्चा करते हैं वर्तमान स्थिति की। वर्तमान में दुनियाँ भर में तकरीबन 27,519,433 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं वहीं मरने वालों का आंकड़ा 9 लाख के पार जा चुका है। भारत की बात करें तो लगभग 43 लाख लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं तथा 73,000 लोगों कई इस वायरस के चलते मृत्यु हो गई है, ये आँकड़ें इस लेख के प्रकाशित होने की तारीख तक हैं।
कोरोना वायरस से बचाव
निम्न उपायों को अपनाकर हम इस वायरस से संक्रमित होने से बच सकते हैं।
- कोरोना वायरस से बचाव का सबसे मुख्य तरीका टीकाकरण है अतः टीकाकरण अवश्य करवाएं
- 2 मीटर की सामाजिक दूरी का पालन करें
- घर से बाहर निकलने से पूर्व मास्क का प्रयोग करें
- बार-बार साबुन से हाथ धोएं
- सेनेटाइज़र का प्रयोग करें
उम्मीद है दोस्तो आपको ये लेख (Types of Corona Virus in Hindi) पसंद आया होगा टिप्पणी कर अपने सुझाव अवश्य दें। अगर आप भविष्य में ऐसे ही रोचक तथ्यों के बारे में पढ़ते रहना चाहते हैं तो हमें सोशियल मीडिया में फॉलो करें तथा हमारा न्यूज़लैटर सब्सक्राइब करें।