Dearness Allowance Hike News Today (28 September): केंद्र सरकार के कर्मचारी तथा पेंशनभोगी एक लंबे समय से महंगाई भत्ते (Dearness Allowances / Dearness Relief) में बढ़ोत्तरी का इंतजार कर रहे थे, और आज हुई केन्द्रीय मंत्रीमंडल की बैठक के बाद कर्मचारियों का इंतजार अब खत्म हो चुका है। केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को हुई मंत्रीमंडल की बैठक में कुछ अहम फैसले लिए जिनमें कर्मचारियों के DA तथा पेंशनभोगियों के DR में 4% की बढ़ोत्तरी शामिल है।
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनधारियों के मासिक वेतन, पेंशन तथा DA/DR की दरों का निर्धारण सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया जाता है। इससे पूर्व इस वर्ष की शुरुआत में केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3% की बढ़ोत्तरी सरकार द्वारा की गई थी, जिसके बाद से कर्मचारियों को 34% का महंगाई भत्ता दिया जा रहा था, अब हालिया वृद्धि के बाद कर्मचारियों को 38% की दर से महँगाई भत्ता दिया जाएगा।
किनती बढ़ी सैलरी?
केंद्र सरकार के कर्मचारी अभी तक 34% की दर से महंगाई भत्ते का लाभ ले रहे थे, जिसमें 4% वृद्धि की घोषणा सरकार ने आज हुई बैठक में लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद कर्मचारियों को 38% की दर से महंगाई भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा चूँकि यह फैसला 1 जुलाई से प्रभावी होगा अतः पिछले महीनों का बकाया (DA Arrears) भी कर्मचारियों को सीधे उनके खाते में प्राप्त होगा।
वहीं सैलरी में होने वाले बदलाव को देखें तो न्यूनतम वेतन पाने वाला कर्मचारी (लेवल-1) जिसका मूल वेतन 18,000 रुपये है का महंगाई भत्ता 6120 रुपये से बढ़कर 6840 प्रति माह हो जाएगा अर्थात मासिक वेतन में लगभग 720 रुपये की वृद्धि होगी। वहीं लेवल-10 पर कार्यरत कर्मचारी, जिसका मूल वेतन 56,100 है का महंगाई भत्ता 19,074 रुपये से बढ़कर 21,318 रुपये प्रति माह हो जाएगा। DA/DR में वृद्धि से लगभग केंद्र सरकार के 41.85 लाख कर्मचारियों और 69.76 लाख पेंशनभोगियों को सीधे तौर पर लाभ होगा।
सरकार पर आएगा अतिरक्त बोझ
कर्मचारियों को डीए में वृद्धि के कारण सरकार पर 6,591.36 करोड़ रुपये प्रति वर्ष और वित्तीय वर्ष 2022-23 (जुलाई, 2022 से फरवरी, 2023 तक 8 महीने) में 4,394.24 करोड़ रुपये अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ने का अनुमान है। वहीं पेंशनभोगियों की स्थिति में यह प्रति वर्ष 6,261.20 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 4,174.12 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि, महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) और महंगाई राहत (Dearness Relief) दोनों के कारण राजकोष पर संयुक्त रूप से सालाना 12,852.56 करोड़ रुपये और चालू वित्त वर्ष के दौरान 8,568.36 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
ऐसे तय होता है महंगाई भत्ता
कर्मचारियों का महंगाई भत्ता AICPI-IW (All India Consumer Price Index- Industrial Worker) के आंकड़ों के आधार पर बढ़ाया जाता है। बता दें कि, श्रम और रोजगार मंत्रालय का संलग्न कार्यालय श्रम ब्यूरो देश के 88 औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण केंद्रों में फैले 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा कीमतों के आधार पर औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संकलित करता है।
जून, 2022 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-IW 0.2 अंकों की वृद्धि के साथ 129.2 पर पहुँच गया। इंडेक्स में पिछले महीने की तुलना में 0.16 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसी महीने से तुलना करें तो 0.91 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। जून 2022 में जारी आंकड़े से साफ हो गया था कि, महंगाई भत्ते में 4 से 5 फीसदी का इजाफा होगा।
कर्मचारियों का DA इसी इंडेक्स के आधार पर तय होता है। इंडेक्स दर्शाता है कि, महंगाई के चलते कर्मचारियों के जीवन यापन के लिए कितना फीसदी भत्ता बढ़ाना चाहिए। इंडेक्स में आई तेजी से DA में 4 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद करी जा रही थी, जिस पर अब केंद्र सरकार ने अंततः मुहर लगा दी है।
बैठक में लिए गए अन्य फैसले
आज हुई मंत्रीमंडल की बैठक में दो और बड़े महत्वपूर्ण फैसले सरकार द्वारा लिए गए हैं, जिनमें पहले फैसले के रूप में सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत 44,762 करोड़ रुपये की लागत से गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के अपने कार्यक्रम को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया है, सरकार के अनुसार बढ़ती महंगाई से निजात देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है, वहीं विपक्षी दल इसे आने वाले विधसभा चुनावों की एक रणनीति के तौर पर देख रहे हैं।
वहीं दूसरे बड़े फैसले की बात करें तो केंद्र सरकार ने नई दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास (Redevelopment) के लिए 10,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी।
मीडिया को जानकारी देते हुए, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, इन स्टेशनों का डिजाइन शहर के परिदृश्य के अनुरूप होगा ताकि यह शहर का अभिन्न अंग बन सके। उन्होंने बताया कि, पहले चरण में 50 लाख प्रतिदिन की संख्या वाले 199 स्टेशनों का पुनर्विकास करने की योजना बनाई जा रही है। रेलवे मंत्री ने आगे बताया कि, पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों में फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के खेलने की जगह और स्थानीय उत्पाद बेचने की जगह जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।