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FASTag क्या है और FASTag कैसे काम करता है? जानें फास्टैग से जुड़ी तमाम जरूरी बातें

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FASTag क्या है?

वर्तमान में केंद्र समेत विभिन्न राज्यों की सरकारें डिजिटल रूप में सरकारी कामकाज अर्थात e-Governance के मॉडल पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रही हैं। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने साल 2017 में Toll Collection को भी डिजिटल करने का फैसला लिया और 1 अक्टूबर 2017 से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अपने दायरे में आने वाले सभी 370 टोल प्लाजा में FASTag लेन की शुरुआत करी।

बता दें कि, FASTag डिजिटल तरीके से टोल इकट्ठा करने का एक तरीका है। इसमें एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (RFID) टैग किसी व्यक्ति की गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगा दिया जाता है, जो उसके बैंक अकाउंट या फिर किसी भी डिजिटल वॉलेट जैसे PayTm आदि से जुड़ा रहता है। जब भी व्यक्ति की गाड़ी किसी टोल प्लाज़ा से गुजरती है तो उचित टोल व्यक्ति के बैंक या वॉलेट से स्वतः कट जाता है।

FASTag के आने से पहले तक विभिन्न टोल प्लाजाओं में मौजूद कर्मचारियों द्वारा मैनुअल तरीके से टोल कलेक्ट किया जाता था, जिसके चलते कई बार हाईवे में बेहद लंबा ट्रैफिक जाम भी लग जाता था। इसी समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टोल कलेक्शन को डिजिटल करने का काम करते हुए FASTag की शुरुआत करी है।

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टोल क्या है और क्यों लिया जाता है?

एक लंबी ड्राइव पर जाना भला किसे पसंद नहीं है, लेकिन हाइवेज में टोल प्लाजा पर लगने वाला जाम हर किसी को परेशान करता है। दरअसल जब भी हम किसी राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) पर अपना वाहन चलाते हैं तो एक निश्चित दूरी के पश्चात हमें कुछ शुल्क देना होता है और इसे ही टोल टैक्स या टोल कहा जाता है। यह शुल्क राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा वसूला जाता है, जो देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण करने वाला प्राधिकरण है।

यहाँ यह सवाल उठना लाज़मी है कि, आखिर राष्ट्रीय राजमार्गों पर अपना वाहन चलाने के लिए हमें अतिरिक्त शुल्क देने की आवश्यकता क्यों पड़ती है, जबकि गाड़ी के मालिक के तौर पर हम रोड टैक्स भी भरते हैं। आपको बता दें कि, Road Tax राज्य सरकारों द्वारा State Highways का इस्तेमाल करने के लिए वसूला जाता है, जबकि टोल अंतरराज्यीय सड़कों का इस्तेमाल करने की एवज में केंद्र सरकार जमा करती है।

FASTag कैसे काम करता है?

FASTag एक सामान्य RFID स्टीकर होता है, जिसे गाड़ी की विंडस्क्रीन पर चिपका दिया जाता है। इसके अलावा इस तकनीक से टोल कलेक्ट करने में एक रिसीवर की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसे टोल प्लाजा पर लगाया जाता है।

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जब भी गाड़ी किसी टोल प्लाजा को क्रॉस करती है तो यहाँ मौजूद स्कैनर के जरिए गाड़ी की स्क्रीन पर लगा FASTag स्कैन किया जाता है, जिसमें उस गाड़ी से जुड़ी हर तरह की जानकारी होती है। RFID स्टीकर को स्कैन कर प्लाज़ा पर लगा सिस्टम उस गाड़ी के टोल की गणना करता है और उतनी राशि व्यक्ति के डिजिटल वॉलेट से कट जाती है।

FASTag कार्ड क्या होता है?

FASTag एक सामान्य RFID कार्ड है, जिसे आप अपने ATM कार्ड, मेट्रो कार्ड अथवा ऑफिस में इस्तेमाल होने वाले एंट्री कार्ड के समान समझ सकते हैं। यह एक रिचार्जेबल कार्ड होता है, जिसे टोल प्लाज़ा, विभिन्न प्रकार के ई-वॉलेट्स तथा अपने बैंक एकाउंट के माध्यम से रिचार्ज किया जा सकता है।

अपने FASTag कार्ड में आप एक समय में न्यूनतम 100 रुपये से लेकर अधिकतम 1 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं। FASTag कार्ड किसी गाड़ी की विंडशील्ड में लगाया जाता है। जब गाड़ी टोल प्लाज़ा पर पहुँचती है तो वहाँ मौजूद स्कैनर द्वारा कार्ड स्कैन कर टोल फीस काट ली जाती है और तत्पश्चात टोल प्लाज़ा का गेट स्वतः खुल जाता है। यह बिल्कुल वैसे ही है जैसे मैट्रो के गेट पर जब आप अपना मैट्रो कार्ड स्कैन करते हैं तो कार्ड से आपका किराया कट जाता है और गेट खुल जाते हैं।

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FASTag कहाँ से खरीदें?

अगर आप भी FASTag कार्ड बनवाना चाहते हैं तो इसे आप ऑनलाइन डिजिटल पेमेंट्स एप, विभिन्न प्रकार के बैंक या टोल प्लाज़ा के माध्यम से आसानी से बनवा सकते हैं। डिजिटल पेमेंट एप जैसे PhonePe या PayTm आदि के माध्यम से अपना FASTag कार्ड बनवाने के लिए आपको किसी एक डिजिटल पेमेंट एप में जाकर नए FASTag कार्ड के लिए Apply करना होगा।

नया कार्ड बनवाने के लिए आपको अपने कुछ डॉक्यूमेंट की भी आवश्यकता होगी, जिनमें गाड़ी की RC, अपना पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस तथा KYC के लिए पते एवं पहचान के प्रमाण के तौर पर दस्तावेज शामिल हैं।

एक बार कार्ड बन जाने के बाद उसे डाक द्वारा आपके पते पर भेज दिया जाएगा जिसे आप अपनी गाड़ी की विंडशील्ड में लगा कर इस्तेमाल सकते हैं। इसके अलावा भविष्य में कभी भी अपना FASTag कार्ड रिचार्ज करने के लिए भी आप इन्हीं डिजिटल पेमेंट एप का इस्तेमाल कर सकते हैं।

FASTag इस्तेमाल करने के क्या फायदे हैं?

आइए अब इस तकनीक के कुछ मुख्य फ़ायदों को देखते हैं-

लंबे जाम से छुटकारा: इंतजार करना भला किसे पसंद है और अगर यही इंतजार टोल प्लाजाओं पर गाड़ियों की लंबी कतार में फसकर जाम के खुलने का हो तो और भी बुरा लगता है लेकिन अब खुशकिस्मती से हमारे पास FASTag जैसी व्यवस्था है। किसी व्यक्ति से टोल जमा करने का काम अब सेकेंड्स की बात रह गई है।

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ईंधन की बचत: टोल प्लाज़ा पर जाम में न फसने से जहाँ व्यक्ति के कीमती समय की बचत होती है वहीं उससे भी कीमती ईंधन की भी कुछ हद तक बचत हो जाती है। चूँकि अब व्यक्ति को टोल प्लाज़ा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे वाहन के परफ़ोर्मेंस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

पैसों की बचत: FASTag व्यक्ति के पैसों की भी बचत करता है, इस व्यवस्था से पूर्व तक व्यक्ति को कैश के माध्यम से टोल चुकाना होता था, जिसमें छूट की कोई गुंजाइश नहीं थी किन्तु FASTag के आ जाने से यूजर्स कैशबैक का भी लाभ ले रहे हैं, चूँकि ये FASTag कार्ड विभिन्न प्रकार के डिजिटल वॉलेट के माध्यम से रिचार्ज किये जा सकते हैं अतः सभी वॉलेट ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए उन्हें कैशबैक ऑफर करते रहते हैं।

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