Kundali Milan in Hindi: ज्योतिष विज्ञान से आप सभी भली भांति परिचित होंगे, हम सभी अपने जीवनकाल में कभी-न-कभी किसी समस्या का समाधान पाने के लिए किसी ज्योतिषी (Astrologer) की मदद अवश्य लेते हैं। यहाँ संक्षेप में बता दें ज्योतिष जिसे अंग्रेजी में Astrology कहा जाता है एक प्राचीन विज्ञान है जिसके अंतर्गत ग्रहों, नक्षत्रों, सितारों आदि की चाल एवं स्थिति का अध्ययन करते हुए मानव जीवन पर पड़ने वाले उनके प्रभावों का विश्लेषण किया जाता था।
चूँकि इन आकाशीय पिंडों की स्थिति समय और स्थान के अनुसार बदलती रहती है अतः ज्योतिष विज्ञान में किसी भी व्यक्ति के जन्म समय और जन्म स्थान स्थान की महत्वपूर्ण भूमिका है, इन दोनों के आधार पर उसके जीवन की सम्पूर्ण दिशा, व्यक्तित्व और भविष्य की घटनाओं का पूर्वानुमान करने में मदद मिलती है।
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इसमें कोई दो राय नहीं है कि, ज्योतिष विज्ञान का इस्तेमाल जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने में किया जाता है लेकिन हिन्दू धर्म में इसका इस्तेमाल शादी में भी अधिकता से किया जाता है। हिन्दू रीति के अनुसार लड़के और लड़की की कुंडली मिलान शादी से पूर्व एक महत्वपूर्ण चरण होता है।
इसी को देखते हुए आज इस लेख में हम चर्चा करने जा रहे हैं ज्योतिष विज्ञान के एक महत्वपूर्ण उपयोग कुंडली मिलान की, अतः यदि आप नाम से कुंडली मिलान कैसे करें (Kundali Milan in Hindi) या नाम और डेट ऑफ बर्थ से कुंडली मिलान कैसे करें इस विषय में जानकारी पाना चाहते हैं तो बिना किसी ज्योतिषी के पास जाए इस लेख में कुंडली मिलान से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कुंडली मिलान (Kundali Milan in Hindi)
कुंडली मिलान क्या है इससे पहले आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि, कुंडली किसे कहते हैं। आपको बता दें, किसी व्यक्ति की कुंडली उस व्यक्ति के जन्म के समय आकाश में विभिन्न ग्रहों की स्थिति के आधार पर ज्ञात करी जाती है।
व्यक्ति के जन्म के समय आकाश में गृह नक्षत्रों की इसी स्थिति को ज्योतिषी एक चार्ट में प्रदर्शित करते हैं, जिसे व्यक्ति की कुंडली, जन्मकुंडली या जन्मपत्री कहा जाता है, इसका एक नमूना नीचे दिखाया गया है।
किसी व्यक्ति की कुंडली के अनुसार उसके जीवन से जुड़े कई पहलुओं की जानकारी प्राप्त करी जा सकती है जैसे उसका व्यक्तित्व, व्यवहार, उसकी शारीरिक बनावट, उसकी आर्थिक एवं वैवाहिक स्थिति इत्यादि, इसके साथ ही कुंडली के आधार पर किसी व्यक्ति के विभिन्न गुण और दोषों के बारे में भी पता लगाया जा सकता है।
कुंडली मिलान (Kundali Milan in Hindi) भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो किसी भी वर-वधू की शादी से पहले अपनाई जाती है, कुंडली मिलान की प्रक्रिया में ज्योतिष के अनुसार तीन महत्वपूर्ण कारकों पर ध्यान दिया जाता है जिनमें अष्टकूट मिलान, मंगल दोष की जाँच तथा दशा और गोचर शामिल हैं।
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अष्टकूट मिलान में वर एवं वधू दोनों के कुछ गुण तथा दोषों की तुलना करी जाती है और इस तुलना के अनुसार प्रत्येक गुण-दोष मिलान के कुछ अंक निर्धारित किये जाते हैं।
एक सफल कुंडली मिलान के लिए कुछ न्यूनतम अंकों को प्राप्त करना अनिवार्य होता है। इसके अलावा मंगल दोष कुंडली में मौजूद एक प्रकार का दोष है इस दोष से युक्त व्यक्ति को ऐसे ही जीवनसाथी का चुनाव करना चाहिए जो स्वयं भी इस दोष से पीड़ित हो, अंत में दशा एवं गोचर में दोनों की वर्तमान और भविष्य की दशाओं का अध्ययन किया जाता है।
यदि कुंडली मिलान का परिणाम निर्धारित न्यूनतम अंकों से अधिक रहता है तथा वर-वधू दोनों की कुंडली मंगल दोष से रहित या युक्त हो तो ऐसी शादी को ज्योतिष के अनुसार बहुत उत्तम माना जाता है और लड़का एवं लड़की एक सुखी वैवाहिक जीवन का आनंद प्राप्त करते हैं।
नाम से कुंडली मिलान
एक समय था कुंडली बनवाने, कुंडली मिलान (Kundali Milan in Hindi) अथवा नाम से कुंडली मिलान करने के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी की आवश्यकता होती थी किन्तु आज आप सिर्फ अपने मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए अपनी कुंडली बना भी सकते हैं और उसका किसी अन्य व्यक्ति की कुंडली के साथ मिलान भी कर सकते हैं।
यदि आप भी अपनी कुंडली बनाना चाहते हैं अथवा उसका किसी अन्य कुंडली के साथ मिलान करना चाहते हैं तो इसके लिए आप नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो कर मिनटों में नाम और डेट ऑफ बर्थ से कुंडली मिलान ऐसा कर सकते हैं।
पहला स्टेप: वर्तमान में कई ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म हैं जिनका इस्तेमाल करके आप कुंडली मिलान कर सकते हैं, इनमें Astrosage एक प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म हैं यह वेब एवं मोबाइल एप्स दोनों के रूप में उपलब्ध है। नाम से कुंडली मिलान करने के लिए सबसे पहले यहाँ दी गई लिंक पर क्लिक करें >>> कुंडली मिलान के लिए क्लिक करें
दूसरा स्टेप: दूसरे स्टेप में आपको लड़के एवं लड़की के जन्म का विवरण जैसे नाम, जन्मतिथि, जन्म का स्थान एवं समय आदि दर्ज करना होगा और नीचे दिखाए चित्र के अनुसार कुंडली मिलाएं वाले बटन पर क्लिक करना होगा।
तीसरा स्टेप: अब आपको कुंडली मिलान की एक विस्तृत रिपोर्ट मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देगी जिसे आप पीडीएफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड भी कर सकते हैं।
इस रिपोर्ट में आपको दोनों पक्षों के सभी गुण-दोष इत्यादि दिखाई देंगे तथा दोनों कुंडलियों के मिलान की विस्तार पूर्वक बनाई गई रिपोर्ट देखने को मिलेगी, जिसके बाद आप वैवाहिक जीवन में आगे बढ़ने का फैसला आसानी से कर सकेंगे।
गुण मिलान क्या होता है?
शादी से पहले लड़के एवं लड़की की कुंडली मिलान को सामान्यतः गुण मिलान के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि जैसा कि हमनें ऊपर भी बताया कुंडली मिलान की पूरी प्रक्रिया में अष्टकूट मिलान सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें अलग-अलग 36 गुणों के आधार पर कुंडलियों का मिलान होता है।
अष्टकूट मिलान के आठ प्रमुख घटक तथा प्रत्येक घटक के गुणों की संख्या के बारे में नीचे बताया गया है।
कूट | गुणों की संख्या | महत्व |
---|---|---|
वर्ण | 1 | यह कूट दोनों के मानसिक स्तर और आत्मा की अनुकूलता को दर्शाता है |
वश्य | 2 | दोनों के बीच आकर्षण और प्रेम को दर्शाता है |
तारा | 3 | जन्म नक्षत्रों की संगतता को दर्शाता है |
योनि | 4 | शारीरिक अनुकूलता और यौन अनुरूपता को दर्शाता |
गृह मैत्री | 5 | दोनों की कुंडलियों के ग्रहों की मित्रता को दर्शाता है |
गण | 6 | दोनों के व्यक्तित्व और स्वभाव की अनुरूपता को दर्शाता है |
भकूट | 7 | दोनों की कुंडलियों के चंद्रमा की स्थिति के आधार पर अनुरूपता को दर्शाता है |
नाड़ी | 8 | यह कूट स्वास्थ्य और संतान संबंधी पहलुओं को दर्शाता है। |
हिंदू मान्यता के अनुसार अगर लड़के और लड़की दोनों की कुंडली में से 36 में से यदि 18 गुण भी मिल जाते हैं तो ऐसी स्थिति में शादी को सफल माना जाता है। नीचे आपको विस्तार से बताया गया है कि विवाह के लिए लड़के और लड़की के कितने गुण मिलना शुभ होता है और कितने गुण मिलना अशुभ होता है।
- 18 या इससे कम गुण: विवाह के सफल होने की बहुत कम संभावना होती है
- 18-24 गुण मिलने पर: इस स्थिति में विवाह सफल रहता है
- 24-32 गुण मिलने पर : शादीशुदा जिंदगी के सफल होने की संभावना अधिक होती है
- 32 से 36 गुण मिलने पर: इस प्रकार की शादी बेहद शुभ मानी जाती है और दांपत्य जीवन सुखी होता है
कुंडली में मंगल दोष क्या है?
मंगल दोष या मांगलिक दोष किसी कुंडली में मौजूद बेहद कॉमन दोष है, यह दोष व्यक्ति की वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है इसलिए कुंडली मिलान में इस दोष को विशेष रूप से देखा जाता है। बता दें कि, मंगल दोष तकरीबन 40% लोगों की कुंडली में मौजूद होता है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह (मंगल) पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में मौजूद होता है।
सार-संक्षेप
इस लेख में हमने भारतीय ज्योतिष की एक महत्वपूर्ण अवधारणा कुंडली मिलान (Kundali Milan in Hindi) के बारे में विस्तार से समझाया है, लेख में ऊपर बताए गए तरीके का इस्तेमाल करते हुए आप बिना किसी ज्योतिष की मदद लिए नाम से कुंडली मिलान या नाम और डेट ऑफ बर्थ से कुंडली मिलान कर सकते हैं।