खेल चाहे कोई भी हो प्राचीन काल से ही मनोरंजन के महत्वपूर्ण साधन रहे हैं। हालाँकि वर्तमान दौर में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे विकास ने मनोरंजन के कई अन्य साधनों को भी हमसे अवगत करवाया है, बावजूद इसके खेलों की लोकप्रियता आज भी बरकरार है। दुनियाँ में लोकप्रिय खेलों की बात करें तो इनमें फुटबॉल शीर्ष पर आता है लेकिन लोकप्रिय होने के पश्चात भी फुटबॉल से संबंधित नियमों अथवा खेल के प्रारूपों को लेकर दर्शकों के मन में कई तरह के संदेह होते हैं
इन्हीं में एक फुटबॉल के विश्वकप में टीमों के सलेक्शन की प्रक्रिया भी है। गौरतलब है कि इस वर्ष के अंत में फुटबॉल के विश्वकप टूर्नामेंट का आयोजन होना है, जिसका विश्वभर के फुटबॉल प्रेमी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
ऐसे में यदि आप भी फुटबॉल के विश्वकप की शुरुआत से पहले इसके प्रारूप को अच्छे से समझना चाहते हैं, तो यह लेख आपकी मदद कर सकता है। इस लेख में जानेंगे FIFA क्या है तथा कैसे दुनियाँभर के विभिन्न देशों से केवल 32 देशों का चयन विश्वकप के लिए किया जाता है।
FIFA क्या है?
FIFA (Fédération Internationale de Football Association) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल की नियामक संस्था है। इसकी शुरुआत 21 मई 1904 को सात यूरोपीय देशों (बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और स्विटजरलैंड) के प्रतिनिधियों ने मिलकर फ्रांस के पेरिस में करी। फुटबॉल की शुरुआत करने वाला देश इंग्लैंड स्थापना के अगले वर्ष इस संस्था का सदस्य बना। FIFA का मुख्यालय ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड में स्थित है तथा वर्तमान में संगठन के अध्यक्ष इटली के गियानी इन्फेंटिनो हैं।
जिस प्रकार क्रिकेट की अंतर्राष्ट्रीय नियामक संस्था आईसीसी (International Cricket Council) है, फुटबॉल के क्षेत्र में वही स्थान FIFA का है।
इसके मुख्य कार्य की बात करें तो संगठन प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट के प्रबंधन के लिए उत्तरदाई है, जिनमें फीफा विश्वकप सबसे महत्वपूर्ण है। वर्तमान में FIFA के 211 सदस्य देश हैं, जो इसे दुनियाँ के सबसे बड़े खेल संगठन के साथ साथ दुनियाँ का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी बनाता है। गौरतलब है की संयुक्त राष्ट्र संघ का स्थान भी इसके बाद है, जिसमें केवल 193 सदस्य देश हैं।
FIFA न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करता है, बल्कि अलग अलग परिसंघों के माध्यम से विभिन्न महाद्वीपों और क्षेत्रों में भी खेल के नियामक निकाय के तौर पर कार्य करता है। एक नियामक के रूप में FIFA खेल के सभी प्रारूपों को नियंत्रित करता है, जैसे खेल के विभिन्न नियमों को विनियमित करना, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों के स्थानान्तरण की देख-रेख करना, फीफा विश्व कप जैसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन करना, रेफरी, कोचिंग तथा खेल चिकित्सा के लिए मानक स्थापित करना एवं फुटबॉल को दुनियाँ भर में प्रोत्साहित कर इसका विकास करना आदि।
फुटबॉल के महाद्वीपीय परिसंघ (Confederation)
हालाँकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल की नियामक संस्था FIFA है, किन्तु महाद्वीपीय स्तर पर खेल के नियामक के तौर पर महाद्वीपीय परिसंघ (Confederation) कार्य करते हैं। ये सभी अलग-अलग संघ FIFA के ही भाग हैं। आइए इन संघों पर एक नजर डालते हैं।
यूरोप (Union of European Football Associations) : UEFA यूरोपीय फुटबॉल का शासी निकाय है। यह यूरोप के 55 राष्ट्रीय फुटबॉल संघों के संघ के रूप में कार्य कर राष्ट्रीय तथा क्लब प्रतियोगिताएं आयोजित करता है। परिसंघ दुनियाँ भर में लोकप्रिय विभिन्न यूरोपीय फुटबॉल टूर्नामेंट उदाहरण के तौर पर UEFA European Championship, UEFA Nations League, UEFA Champions League, UEFA Europa League, UEFA Europa Conference League तथा UEFA Super Cup आदि प्रतियोगिताओं में नियामक के रूप में कार्य करता है तथा उक्त प्रतियोगिताओं के लिए पुरस्कार राशि एवं मीडिया अधिकारों को भी नियंत्रित करता है।
उत्तरी एवं मध्य अमेरिका (Confederation of North, Central American and Caribbean Association Football) : CONCACAF FIFA के छह महाद्वीपीय परिसंघों में से एक है, जो उत्तर में कनाडा से दक्षिण में गुयाना, सूरीनाम और फ्रेंच गुयाना तक कुल 41 सदस्य संघों का एक संगठन है।
दक्षिण अमेरिका (Confederación Sudamericana de Fútbol) : यह दक्षिण अमेरिका में फुटबॉल का महाद्वीपीय शासी निकाय है, जो इस महाद्वीप में अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों के संगठन और शासन के लिए जिम्मेदार है। इसके कुल 10 सदस्य देश हैं। इस संघ नें 9 FIFA विश्वकप अपने नाम किए हैं तथा 6 बार ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते हैं।
अफ्रीका (Confederation of African Football ) : CAF अफ्रीकी संघ फुटबॉल के लिए प्रशासनिक और नियंत्रक निकाय है। इसके अंतर्गत कुल 54 सदस्य देश हैं।
एशिया (Asian Football Confederation ) : यह FIFA के छह संघों में से एक तथा एशिया और ऑस्ट्रेलिया में फुटबॉल का नियामक निकाय है। इसके कुल 47 सदस्य देश हैं, जिनमें भारत भी शामिल है।
ओशिनिया (Oceania Football Confederation) : ओशिनिया फुटबॉल परिसंघ दुनियाँ के छह परिसंघों में सबसे छोटा है, तथा पूरे दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में फुटबॉल के विकास और विनियमन के लिए जिम्मेदार है। OFC वर्तमान में न्यू-जीलैंड, फ़िजी, टोंगा, पापुआ न्यू-गिनी समेत 11 सदस्य संघों एवं दो सहयोगी सदस्यों से मिलकर बना है।
FIFA विश्वकप के बारे में
FIFA विश्वकप अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल की सबसे बड़ी प्रतियोगिता है। विश्व कप की पहली प्रतियोगिता वर्ष 1930 में आयोजित की गई, जिसे उरुग्वे ने अर्जेन्टीना को हरा कर जीता। इसके बाद से से प्रत्येक चार साल में (द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान छोड़कर) यह प्रतियोगिता आयोजित की जाती रही है, जिसे दुनियाँ भर के फुटबॉल प्रशंसक देखते हैं।
खेल की संरचना को देखें तो इसमें सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक महाद्वीपीय परिसंघ द्वारा अपने महाद्वीप में क्वालीफाइंग टूर्नामेंट (Qualifying Tournament) आयोजित किए जाते हैं।
यह मैच एक प्रकार से विभिन्न देशों की योग्यता परीक्षण के तौर पर खेले जाते हैं। इन क्वालीफाइंग टूर्नामेंट्स में प्रत्येक महाद्वीप के सभी देश हिस्सा लेते हैं, जबकि प्रत्येक महाद्वीप से कुछ चुनिंदा देश ही FIFA विश्वकप खेलने के लिए चयनित हो पाते हैं। अलग अलग परिसंघों से चुनी हुई 32 राष्ट्रीय टीमें अंततः खेल में प्रतिभाग करती हैं।
FIFA विश्वकप के आंकड़ों पर नजर डालें तो ब्राजील ने सर्वाधिक (पाँच बार) यह खिताब अपने नाम किया है। इसके अतिरिक्त जर्मनी तथा इटली चार बार, फ्रांस, उरुग्वे तथा अर्जेन्टीना दो बार, जबकि स्पेन एवं इंग्लैंड एक-एक बार विश्वकप जीत चुके हैं। FIFA विश्वकप की वर्तमान चैंपियन फ्रांस है, जिसनें साल 2018 में हुए विश्वकप में क्रोएशिया को 4-2 से हराया। अगला विश्वकप इस वर्ष कतर की राजधानी दोहा में आयोजित किया जाएगा।
कैसे होता है विश्वकप में टीमों का चयन?
यहाँ तक आपने FIFA, इसके महाद्वीपीय परिसंघ तथा FIFA विश्वकप के बारे में जाना। आइए अब देखते हैं फिफा विश्वकप में प्रतिभाग करने वाली 32 टीमों का चयन किस प्रकार होता है तथा किस महाद्वीप से कितनी टीमें विश्वकप में भाग लेती हैं। हमनें ऊपर क्वालीफाइंग टूर्नामेंट्स की बात करी, विश्वकप की शुरुआत से लगभग 2 वर्ष पूर्व से इन टूर्नामेंट्स का आयोजन शुरू हो जाता है। आइए महाद्वीप के अनुसार इन अनुभागीय टूर्नामेंट्स पर नजर डालते हैं।
एशिया (AFC)
एशिया महाद्वीप में AFC के अंतर्गत आने वाले कुल 47 देश इस टूर्नामेंट में भाग लेते हैं। ये टूर्नामेंट तीन चरणों में सपन्न होता है। इस महाद्वीप के लिए फीफा विश्वकप में कुल 4 स्थान निश्चित किए गए हैं। अतः एशिया के इन 47 देशों में से केवल 4 देश ही FIFA विश्वकप में प्रतिभाग करते हैं।
इन 47 देशों को इनकी रैंक के अनुसार दो वर्गों (पहला वर्ग- रैंक 1 से 34, दूसरा वर्ग रैंक- 35 से 47) में विभाजित कर दिया जाता है। दूसरे वर्ग की 12 टीमों (रैंक 35 से 47) के मध्य पहले चरण की प्रतियोगिता होती है, जिसमें इन टीमों को दो-दो के ग्रुप में विभाजित कर इनके मध्य राउंड-रॉबिन प्रणाली के अनुसार (Home & Away) मैच आयोजित किए जाते हैं।
12 टीमों में से प्रत्येक ग्रुप की 6 विजेता टीम अन्य 34 टीमों (रैंक 1 से 35) के साथ दूसरे चरण में प्रतिभाग करती हैं। इस चरण में मौजूद कुल 40 टीमों (34+6) को पाँच-पाँच के आठ समूहों में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक टीम अपने ग्रुप के सभी अन्य टीमों के साथ दो-दो मैच (Home & Away) खेलती हैं।
प्रत्येक ग्रुप की आठ विजेता टीम तथा चार श्रेष्ट दूसरे स्थान की टीम (कुल 12 टीम) तीसरे चरण में प्रवेश करती हैं। यहाँ इन्हें छः-छः टीमों के दो समूहों में रखा जाता है। जहाँ पुनः प्रत्येक टीम अपने ग्रुप की अन्य टीम के साथ राउंड-रॉबिन व्यवस्था के अनुसार मैच खेलती हैं। प्रत्येक ग्रुप की विजेता टीम तथा दूसरे स्थान की टीम (रनर अप) FIFA विश्वकप खेलने के लिए चयनित होती हैं।
इसके अतिरिक्त एशिया परिसंघ के लिए 1 स्थान अंतर-महाद्वीपीय प्रतियोगिता के लिए भी निर्धारित किया गया है, जिसे हम आगे विस्तार से समझेंगे। इस स्थान की पूर्ति के लिए अंतिम चरण में प्रत्येक समूह की तीसरे स्थान पर रही दोनों टीमों के मध्य प्रतियोगिता आयोजित की जाती है तथा विजेता टीम का चयन अंतर-महाद्वीपीय प्रतियोगिता के लिए होता है।
यूरोप (UEFA)
यूरोप परिसंघ में कुल 55 राष्ट्रीय टीमें हैं, जो क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में प्रतिभाग करती हैं। यूरोप महाद्वीप के लिए विश्वकप में 13 स्थान निश्चित किए गए हैं। इन 13 टीमों के चयन के लिए प्रतिभाग करने वाली सभी 55 टीमों को 10 समूहों (पाँच टीमों के पाँच समूह तथा छः टीमों के पाँच समूह) में बाँट दिया जाता है। प्रत्येक समूह की विजेता टीम विश्वकप के लिए चयनित हो जाती है।
किन्तु अभी तीन टीमों का चयन होना बाँकी है, इसके लिए प्रत्येक समूह की 10 दूसरे स्थान (रनर अप) की टीमों तथा उक्त 20 टीमों (10 विजेता तथा 10 रनर अप) के अलावा UEFA नेशन लीग की दो श्रेष्ठ टीमों को लिया जाता है।
इन 12 टीमों को पुनः चार-चार टीमों के तीन समूहों में विभाजित किया जाता है तथा इनके मध्य सेमी-फाइनल तथा फाइनल मैच आयोजित होते हैं। प्रत्येक समूह की विजेता टीम FIFA विश्वकप के लिए चयनित हो जाती है, तथा इस प्रकार यूरोप महाद्वीप से कुल 13 स्थानों (10+3) की पूर्ति की जाती है।
अफ्रीका (CAF)
अफ्रीका परिसंघ के अंतर्गत 54 सदस्य या राष्ट्रीय टीमें शामिल हैं। इन टीमों की FIFA रैंकिंग के अनुससर इन्हें दो समूहों में विभाजित किया जाता है। पहले समूह में रैंक 1 से 26 तक की टीमें तथा दूसरे समूह में रैंक 27 से 54 की टीमें शामिल होती हैं। दूसरे समूह के 28 देश पहले चरण का मैच खेलते हैं। इन्हें 2-2 के 14 समूहों में विभाजित किया जाता है, जहाँ प्रत्येक टीम अपने समूह की अन्य टीम से दो मैच (Home & Away) खेलती है।
प्रत्येक समूह की 14 विजेता टीम तथा रैंक 1 से 26 तक की 26 टीमें दूसरे चरण में प्रतिभाग करती हैं, जहाँ इन्हें 4-4 टीमों के दस समूहों में बाँटा जाता है, प्रत्येक टीम राउंड-रॉबिन प्रक्रिया के तहत मैच खेलती है। दूसरे चरण में प्रत्येक समूह की विजेता टीमें तीसरे चरण में प्रवेश करती हैं, जहाँ इन्हें 2-2 के समूह में विभाजित जाता है, अंततः प्रत्येक समूह की विजेता टीम FIFA विश्वकप में खेलने के लिए चयनित होती है।
उत्तरी एवं मध्य अमेरिका
इसके अंतर्गत कुल 25 राष्ट्रीय टीमें हैं। इन देशों की FIFA रैंकिंग के अनुसार इन्हें दो समूहों में विभाजित किया जाता है। पहले समूह में प्रथम पाँच टीमें शामिल होती हैं, जबकि दूसरे समूह में रैंक 6 से 35 तक की 30 टीमें।
चरण 1: इस चरण में रैंक 6 से 36 वाली टीमें प्रतिभाग करती हैं। इन 30 टीमों को 5-5 के 6 समूहों में विभाजित किया जाता है, जहाँ प्रत्येक टीम अपने ग्रुप की अन्य टीमों के साथ राउंड-रॉबिन प्रक्रिया के तहत मैच खेलती हैं। प्रत्येक समूह की 6 विजेता टीमें दूसरे चरण में प्रतिभाग करती हैं।
चरण 2: इस पड़ाव में पहले चरण की 6 विजेता टीमों को 2-2 के ग्रुप में बाँटा जाता है तथा प्रत्येक ग्रुप की विजेता टीम रैंक 1 से 5 तक के देशों के साथ तीसरे अथवा अंतिम चरण का मैच खेलती है।
अंतिम चरण : इस चरण में कुल 8 टीमें भाग लेती हैं, जिनमें 3 टीमें दूसरे चरण की विजेता तथा अन्य 5 रैंक 1 से 5 तक की टीमें शामिल हैं। इन 8 टीमों को एक ही समूह में रखा जाता है तथा प्रत्येक टीम अन्य 7 टीमों के साथ राउंड-रॉबिन प्रक्रिया के तहत मैच खेलती है। अंततः 8 में से प्रथम तीन टीमें FIFA विश्वकप में प्रतिभाग कर पाती हैं, जबकि चौथे स्थान वाली टीम का चयन अंतर-महाद्वीपीय प्रतियोगिता के लिए होता है।
दक्षिण अमेरिका
इस परिसंघ में 10 टीमें शामिल हैं इन सभी टीमों को एक समूह में रखा जाता है तथा प्रत्येक टीम अन्य 9 टीमों के साथ राउंड-रॉबिन प्रक्रिया के तहत मैच खेलती है। 10 में से प्रथम चार टीमें FIFA विश्वकप में प्रतिभाग करती हैं तथा पाँचवीं टीम का चयन अंतर-महाद्वीपीय प्रतियोगिता के लिए होता है।
OFC
इस परिसंघ के लिए विश्वकप में सीधे तौर पर कोई स्थान निर्धारित नहीं किया गया है, जबकि इसे अंतर-महाद्वीपीय प्रतियोगिता के लिए एक स्थान आवंटित किया गया है। परिसंघ की कुल 11 टीमों को 6 तथा 5 के दो समूहों में विभाजित किया जाता है।
चरण 1 : प्रत्येक टीम अपने समूह की अन्य टीमों के साथ एकल राउंड-रॉबिन प्रक्रिया के तहत मैच खेलती है। प्रत्येक समूह की पहली दो टीमें दूसरे चरण में प्रतिभाग करती हैं।
चरण 2 : यहाँ पहले चरण की चार टीमों के मध्य सेमी-फाइनल तथा फाइनल मैच आयोजित किए जाते हैं तथा विजेता टीम अंतर-महाद्वीपीय प्रतियोगिता में भाग लेती है।
अंतर महाद्वीपीय प्रतियोगिता
प्रत्येक महाद्वीपीय परिसंघ को वितरित स्थानों में 29 स्थान उक्त महाद्वीपों द्वारा भरे जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त 1 स्थान विश्वकप का आयोजन करने वाले देश के लिए निश्चित किया गया है। साल 1999 से FIFA विश्वकप का आयोजन करने वाले देश को सीधे प्रवेश देने का प्रावधान है। अन्य 2 स्थानों की पूर्ति अंतर-महाद्वीपीय प्ले-ऑफ़ द्वारा की जाती है।
इसमें कुल 4 टीमें प्रतिभाग करती हैं, जिनके चयन की चर्चा हमनें ऊपर की है। इन चार टीमों को 2-2 के समूह में विभाजित किया जाता है तथा प्रत्येक टीम अपने समूह की अन्य टीम के साथ दो-दो मैच खेलती है। अंततः प्रत्येक समूह की विजेता टीम फीफा विश्वकप में प्रतिभाग करने के लिए योग्य होती है तथा विश्वकप के लिए कुल 32 टीमों का चयन सुनिश्चित होता है।
FIFA विश्वकप 2022
जैसा की हमनें ऊपर बताया FIFA विश्वकप का आयोजन प्रत्येक चार वर्षों में किया जाता है। इसका अगला संस्करण इस वर्ष के आखिर में (20 November से 18 December 2022) कतर की राजधानी दोहा में आयोजित किया जाएगा। विश्वकप में टीमों के चयन के लिए प्रत्येक महाद्वीपीय परिसंघ द्वारा क्वालीफाइंग मैच का आयोजन वर्तमान में किया जा रहा है।
FIFA विश्वकप : भारत की स्थिति
भारत में क्रिकेट की तुलना में फुटबॉल कम लोकप्रिय है और इसका अंदाज विश्वकप में भारत के प्रदर्शन से लगाया जा सकता है। FIFA रैंकिंग की बात करें तो भारत का 211 देशों में 105वां स्थान है। भारतीय टीम अभी तक FIFA विश्वकप में प्रतिभाग नहीं कर पाई है। इस वर्ष भी भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी अच्छा नहीं रहा।
एशिया परिसंघ में भारत शीर्ष 34 देशों में शामिल है अतः भारतीय टीम ने सीधे क्वालीफाइंग टूर्नामेंट (Qualifying Tournaments) के दूसरे चरण में प्रवेश किया। इस चरण में भारत ने कुल 8 (समूह के प्रत्येक टीम के साथ दो मैच) मैच खेले तथा केवल 1 मैच में जीत दर्ज की और भारत तीसरे चरण में प्रवेश नहीं कर पाया।
यह भी पढ़ें : जानें फुटबॉल का इतिहास तथा इस खेल से जुड़े सभी नियमों को