जानें पृथ्वी के वायुमंडल तथा इसकी विभिन्न परतों को (Atmosphere of the Earth in Hindi)

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वायुमंडल (Atmosphere)

पृथ्वी के चारों ओर स्थित विभिन्न गैसों का एक आवरण वायुमंडल कहलाता है। यह अलग-अलग तापमान तथा घनत्व वाली विभिन्न परतों से मिलकर बना है। धरती की सतह पर घनत्व अधिक है, जबकि वायुमंडल में ऊपर की ओर जाने पर घनत्व में कमी आती है। किसी अन्य ग्रह की तुलना में हमारा वायुमंडल बहुत खास है। यह पृथ्वी को प्राणियों के रहने लायक उपयुक्त ग्रह बनाता है। आइये देखते हैं ऐसे कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को, जिनके कारण वायुमंडल हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

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(i) हमारे वायुमंडल में ऐसी गैसें मौजूद हैं, जो जीवन के लिए आवश्यक हैं। वायुमंडल में उपस्थित कार्बन डाईऑक्साइड का प्रयोग कर पेड़ पौधे सूर्य की रोशनी में भोजन निर्माण का कार्य करते हैं और इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन उत्सर्जित होती है जो सभी प्राणियों के लिए आवश्यक है।

(ii) पृथ्वी का वायुमंडल पृथ्वी के लिए किसी कंबल की भांति कार्य करता है, ये सूर्य से आने वाली ऊष्मा को अवशोषित कर लेता है, जिससे पृथ्वी का तापमान संतुलित रहता है।

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(iii) वायुमंडल होने के कारण ही पृथ्वी पर जल चक्र चल पाता है तथा मौसमों में परिवर्तन होते हैं।

(iv) वायुमंडल होने की वजह से हम सुन सकते हैं, चूँकि ध्वनि तरंगों को चलने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है अतः बिना किसी वायुमंडल के किसी भी प्रकार की ध्वनि को सुन पाना सम्भव नहीं है।

(v) इसके अतिरिक्त वायुमंडल के ऊपरी भाग में मौजूद ओज़ोन परत के कारण सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुँच पाती। अतः वायुमंडल धरती पर जीवन के होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वायुमंडल का संघटन (Composition of Atmosphere)

संघठन की बात करें तो वायुमंडल मुख्य रूप से नाइट्रोजन (78%), ऑक्सीजन (20%) कार्बनडाई ऑक्साइड (0.03%) तथा कुछ अन्य गैसों जैसे हाइड्रोजन, हीलियम, ऑर्गन, निऑन आदि तथा जलवाष्प से मिलकर बना है।

वायुमंडल की परतें

हमारा वायुमंडल केवल एक परत से नहीं बना है, बल्कि यह विभिन्न परतों से मिलकर बना है। ये परतें निम्नलिखित हैं।

  1. क्षोभ मंडल
  2. समताप मंडल
  3. मध्यमण्डल
  4. तापमंडल
  5. बाह्य मंडल

क्षोभ मंडल (Troposphere)

यह वायुमंडल की सबसे निचली परत है। क्षोभ मंडल में वायुमंडल का सर्वाधिक तकरीबन 75 फीसदी द्रव्यमान मौज़ूद है। इस परत की ऊँचाई भूमध्य रेखा पर 18 से 20 किलोमीटर तथा ध्रुवों में 8 से 10 किलोमीटर है। जैव मंडल की सभी पारिस्थितिकी घटनाएं जैसे मौसम संबंधित घटनाएं आदि इसी मंडल में घटित होती हैं। यहाँ प्रति 165 मीटर की ऊंचाई पर 1 डिग्री सेल्सियस तापमान में कमी आती है।

समताप मंडल (Stratosphere)

क्षोभ मंडल के ऊपर समताप मंडल स्थित होता है। सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें इसी मंडल में स्थित ओज़ोन परत के कारण पृथ्वी तक नहीं पहुँच पाती हैं। यह मंडल 20 से 50 किलोमीटर की ऊँचाई तक स्थित है। क्षोभ मंडल के विपरीत यहाँ ऊँचाई बढ़ने पर तापमान में व्रद्धि होती है और इसका कारण यहाँ मौज़ूद ओज़ोन परत द्वारा पराबैंगनी किरणों का अवशोषण है। इसके अतिरिक्त मौसम की घटनाएं न होने के कारण इस मंडल का निचला हिस्सा जैट विमानों के उड़ने लिए उपयुक्त स्थान होता है।

मध्यमण्डल (Mesosphere)

समताप मंडल की ऊपरी परत मध्यमण्डल है। इसकी ऊँचाई 50 से 85 किलोमीटर तक है। इस मंडल में ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान कम होता है। अंतरिक्ष से आने वाले सभी उल्का पिंड इसी क्षेत्र में जल कर नष्ट हो जाते हैं।

ताप मंडल (Thermosphere)

मध्यमण्डल की ऊपरी परत ताप मंडल कहलाती है। इसकी ऊँचाई 85 से 600 किलोमीटर तक है। यहाँ ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान में तेज़ी से वर्द्धि होती है। इस मंडल का निचला हिस्सा अयान मंडल कहलाता है जिसकी ऊँचाई 400 किलोमीटर तक होती है। अत्यधिक तापमान के कारण यहाँ मौज़ूद गैसें आयनित हो जाती हैं। पृथ्वी से भेजे गए रेडियो सिग्नल इसी क्षेत्र से वापस धरती तक पहुँचते हैं। इसके अतिरिक्त ऑरोरा जैसी खूबसूरत प्राकृतिक घटना भी इसी मंडल में घटित होती है। 

बह्यमण्डल (Exosphere)

बह्यमण्डल सामान्यतः 600 किलोमीटर से 1000 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैला है। यह मंडल मुख्यतः हाइड्रोजन तथा हीलियम से बना होता है। यहाँ से आगे वायुमंडल अत्यधिक विरल होना शुरू हो जाता है और बाहरी अंतरिक्ष में मिल जाता है।

various Layers of atmosphere
वायुमंडल की विभिन्न परतें तथा वहाँ होने वाली कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं

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