विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक एक नया कानून है जिसे केंद्र सरकार ने भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली में बड़े सुधार लाने के लिए संसद में पेश किया है। सरल शब्दों में , यह बिल मौजूदा UGC (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ) और AICTE जैसे पुराने संगठनों को खत्म करके एक सिंगल रेगुलेटर (एकल नियामक संस्था ) बनाने के लिए लाया गया है।
इस बिल के मुख्य उद्देश्य –
अभी तक कालेजों और यूनिवर्सिटीज में अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग संस्थाओ (जैसे UGC,AICTE,NCTE ) से मंजूरी लेनी पड़ती थी। इस बिल का मकसद इन सब को हटाकर एक ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ बनाना है ताकि उच्च शिक्षा व्यवस्था को एक ही संस्था कंट्रोल करे। मेडिकल और लॉ की पढ़ाई को छोड़कर बाकी सारी उच्च शिक्षा इसके दायरे में आयेगी।

नए सिस्टम में क्या बदलाव होंगे –
इस बिल के तहत ‘विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान ‘ नाम की एक मुख्य संस्था बनेगी , जिसके अंदर तीन अलग -अलग वर्टिकल (परिषद ) होंगे।
1 –विकसित भारत शिक्षा विनियामक परिषद : इसका काम कालेजों और यूनिवर्सिटीज के नियमो को लागू करना और उनकी निगरानी करना है।
2 –विकसित भारत शिक्षा गुणवत्ता परिषद : यह कॉलेजो में पढ़ाई की गुणवत्ता देखेगी और उन्हें रेटिंग /मान्यता देगी।
3 –विकसित भारत शिक्षा मानक परिषद : यह तय करेगी की पढ़ाई का सिलेबस और टीचरों की योग्यता क्या होनी चाहिए।
इस बिल से क्या बड़े बदलाव आएंगे –
1 –UGC और AICTE खत्म होंगे इनकी जगह नया अधिष्ठान लेगा।
2 –सबसे बड़ा बदलाव फंडिंग को लेकर है ,पहले UGC के पास कालेजों को पैसा देने की ताकत थी जो अब सीधे शिक्षा मंत्रालय से ग्रांट होगा।
3 –पहले IIT और IIM जैसे बड़े संस्थान UGC के दायरे से बाहर थे अब ये भी इस कानून के तहत आएंगे।
4 –फर्जी कालेजों पर भारी जुर्माना लगेगा जो बिना किसी मान्यता के चला रहे है अगर कोई भी कॉलेज बिना मान्यता के चलाता है या नियमो को तोड़ता है तो 5 करोड़ तक का जुर्माना और जेल भी हो सकती है।
5 –यह सारी प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी होगी जिससे भ्रष्टाचार को रोका जा सके।



