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सूचना का हस्तांतरण
वर्तमान में चल रहे इस डिजिटल दौर में हमारा अधिकांश डेटा डिजिटल रूप में हमारे स्मार्टफोन, कंप्यूटर या क्लाउड इत्यादि में मौजूद है, जिसकी हमें समय-समय पर आवश्यकता पड़ती है और कई स्थितियों में हमें यह डेटा किसी अन्य व्यक्ति को भी भेजना होता है। यहाँ उल्लेखित सूचना हस्तांतरण जैसा कि, इसके नाम से स्पष्ट है किसी डिजिटल डेटा को एक उपकरण से दूसरे उपकरण में ट्रांसफर करना या पहुँचाना है। यह सूचना किसी फ़ोटो, वीडियो, ऑडियो, या साधारण लिखित रूप में हो सकती है।
सूचना हस्तांतरण करने की तकनीकों के प्रकार
आप सभी डेटा ट्रांसफर के विभिन्न तरीकों में से किसी न किसी का उपयोग अवश्य करते होंगे। आइये इस लेख में विस्तार से समझते हैं किस प्रकार इन तरीकों का उपयोग करने से आपका डेटा किसी एक उपकरण से अन्य में केवल कुछ सेकेंड में चला जाता है। किन्हीं दो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के मध्य सूचनाओं का आदान-प्रदान निम्नलिखित तकनीकों से किया जा सकता है।
- ब्लूटूथ
- इंफ्रारेड
- वाई फाई
- NFC
- लाई फाई
ब्लूटूथ
ब्लूटूथ किन्हीं दो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल, कम्प्यूटर, लेपटॉप, स्मार्ट घड़ियाँ आदि, जिनमें ब्लूटूथ की सुविधा उपलब्ध है, के बीच एक निश्चित सीमा के भीतर बिना किसी तार के संपर्क बनाकर डेटा को ट्रांसफर करने की तकनीक है। इस तकनीक में रेडियो तरंगों 2.402 से 2.480 गीगा हर्ट्ज के प्रयोग द्वारा एक उपकरण से दूसरे उपकरण में डेटा का हस्तांतरण किया जाता है। ब्लूटूथ के नवीनतम संस्करण 5.0 द्वारा लगभग 2mbps की गति से डेटा एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में भेजा जा सकता है।
इन्फ्रारेड
यह भी सूचना का हस्तांतरण करने की एक तकनीक है, जिसमें कम दूरी लगभग 1 मीटर के अंदर किसी सूचना का आदान-प्रदान किया जाता है। इसमें इंफ्रारेड तरंगों के द्वारा डेटा का हस्तांतरण होता है। इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए डेटा भेजने वाले तथा डेटा को प्राप्त करने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इंफ्रारेड पोर्ट का होना आवश्यक होता है। इस पोर्ट की सहायता से डेटा इंफ्रारेड तरंगों के रूप में ट्रांसमिट होता है तथा अन्य उपकरण द्वारा उस डेटा को प्राप्त किया जाता है। इस प्रकार से डेटा भेजने की अधिकतम गति लगभग 16mbps है।
Wi-Fi (Wireless Fidelity)
Wi-Fi रेडियो तरंगों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के मध्य सूचना का आदान प्रदान करने की एक तकनीक है। इन तरंगों की अव्रत्ति 2.4 तथा 5 गीगा हर्ट्ज होती है। Wi-Fi का उपयोग मुख्यतः बिना तरों के इंटरनेट उपयोग करने में किया जाता है, जिसमें किसी राउटर की मदद से डेटा को रेडियो तरंगों में बदला जाता है। इसके अलावा Wi-Fi का प्रयोग बिना इंटरनेट के डेटा हस्तांतरण में भी किया जाता है। जैसे Wi-Fi की सहायता से किसी दस्तावेज को प्रिंट करना, शेयर इट जैसी ऍप्लिकेशन के माध्यम से एक उपकरण से दूसरे में डेटा भेजना आदि।
NFC (Near Field Communication)
आपने NFC (Near Field Communication) का नाम अवश्य सुना होगा। जैसा कि, नाम से स्प्ष्ट यह एक कम दूरी लगभग 4 सेंटीमीटर की परिधि में बिना तरों के सूचनाओं का आदान-प्रदान करने की एक तकनीक है। इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए डेटा भेजने तथा प्राप्त करने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण NFC सक्षम होने चाहिए, अर्थात इस प्रकार के उपकरणों में एक शॉर्ट रेंज कम्युनिकेशन स्टैंडर्ड सर्किट लगा होना चाहिए। यह तकनीक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन पर आधारित है, जो 13.54 MHz की अव्रत्ति पर कार्य करती है। NFC द्वारा डेटा भेजने की गति 106, 212 या 424 kbps होती है। NFC तकनीक युक्त उपकरण दो प्रकार के होते हैं।
- सक्रिय NFC उपकरण
- अक्रिय NFC उपकरण
NFC सक्रिय उपकरण सूचना को भेजने एवं प्राप्त करने दोनों में सक्षम होते हैं, इस प्रकार के उपकरणों में प्रमुख उदाहरण है आपका स्मार्टफोन। वहीं NFC अक्रिय उपकरण केवल सूचना को भेज सकते हैं किसी अन्य उपकरण द्वारा दी गयी सूचना ग्रहण करनें में ये अक्षम होते हैं। अक्रिय NFC उपकरणों को डेटा ट्रांसमिट करने के लिए बैटरी की आवश्यकता नहीं होती ये डेटा प्राप्त करने वाले उपकरण द्वारा निर्मित विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र से ही चार्ज हो जाते हैं। इस प्रकार के उपकरणों के उदाहरण NFC टैग एवं कुछ अन्य शूक्ष्म उपकरण हैं।
NFC Tag
NFC किसी स्टिकर के समान होता है, जिसे किसी उपकरण, बिजनेस कार्ड, AFC या मेट्रो गेट पर इस्तेमाल होने वाले कार्ड, ATM कार्ड आदि में इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए चिपकाया जाता है।
NFC के प्रयोग
NFC तकनीक का उपयोग वर्तमान में अनेक क्षेत्रों में किया जा रहा है, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक गेटों पर इस्तेमाल होने वाले कार्ड, भुगतान चैनलों पर संपर्क रहित भुगतान करने के लिए उपयोग होने वाले ATM कार्ड, किन्हीं दो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के मध्य किसी डेटा का हस्तांतरण आदि शामिल है।
Li-Fi (Light Fidelity)
Li-Fi भी Wi-Fi की ही तरह सूचनाओं के आदान-प्रदान करने की एक तकनीक है, किंतु जहाँ Wi-Fi में संचार रेडियो तरंगों के माध्यम से होता है वहीं Li-Fi प्रकाश तरंगों के माध्यम से डेटा का आदान-प्रदान करने की एक तकनीक है। हाँलाकि वर्तमान में यह तकनीक विकास के दौर से गुज़र रही है। यह तकनीक सूचना हस्तांतरण के लिए भविष्य में काफ़ी उपयोगी साबित होने वाली है। इसकी सहायता से कई विद्युत बल्बों को इंटरनेट हॉटस्पॉट में बदला जा सकेगा।
Wi-Fi से तुलना
- Wi-Fi की तुलना में यह काफी हद तक सस्ती है, तथा इसमें खपत होने वाली ऊर्जा Wi-fi की तुलना में केवल 5 फीसदी ही है।
- जहाँ Wi-Fi में प्रयोग होने वाली रेडियो किरणें किसी वस्तु द्वारा रोकी नहीं जा सकती वहीं Li-Fi में इस्तेमाल होने वाली प्रकाश तरंगें किसी वस्तु या दीवार की सहायता से रोकी जा सकती हैं जिस कारण किसी सूचना का आदान प्रदान एक बंद कमरे में किया जा सकता है जिससे उसे हैक कर पाना नामुमकिन होगा अतः तकनीक यह Wi-Fi की तुलना में अधिक सुरक्षित है।
- Wi-Fi की तुलना में यह अधिक सघन माध्यम में भी कार्य कर सकता है।
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