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क्या है आकाशीय बिजली गिरने का कारण (Why does lightning happen)

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नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका जानकारी ज़ोन में जहाँ हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, अर्थव्यवस्था, ऑनलाइन कमाई तथा यात्रा एवं पर्यटन जैसे अनेक क्षेत्रों से महत्वपूर्ण तथा रोचक जानकारी आप तक लेकर आते हैं। हमारे दैनिक जीवन में हम हर क्षण विज्ञान के किसी न किसी रूप से रू-ब-रू होते रहते हैं, इसमें कई दो राय नहीं है कि, विज्ञान हमारे चारों तरफ मौजूद है। विज्ञान की ऐसी ही एक घटना आकशीय बिजली (Lightning in Hindi) को आज इस लेख के माध्यम से समझेंगे और जानेंगे बिजली गिरने के पीछे के विज्ञान को।

क्या है आकाशीय बिजली?

आपने अक्सर बारिश या खराब मौसम में तेज आवाज़ के साथ गर्जना सुनी होगी इसी को आकाशीय बिजली या Lightning कहा जाता है। यह साधारणतः अलग अलग प्रकार के आवेशों धनावेश तथा ऋणावेश से युक्त किसी क्षेत्र जैसे बादलों एवं धरती के बीच, बादलों एवं बादलों के बीच तथा एक ही बादल के बीच विद्युत का त्वरित विसर्जन होता है।

क्यों गिरती है आकाशीय बिजली?

आइये अब समझते हैं आखिर आकाशीय बिजली क्यों गिरती है? (Why does lightning happen) हाँलाकि आकाशीय बिजली गिरने का कोई सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है फिर भी, जिस तथ्य का वैज्ञानिक हवाला देते हैं उसके अनुसार तेज हवाओं के चलने से बादलों में मौजूद धूल, बर्फ आदि के कण आपस मे तेज़ी से टकराते हैं, जिस कारण इन कणों में विद्युत आवेश उत्पन्न हो जाता है तथा यह आवेश बादल के अलग अलग हिस्सों में विभाजित हो जाता है। बादल के ऊपरी हिस्से में धनावेश तथा निचले हिस्से में ऋणावेश इकट्ठा हो जाता है एवं समय के साथ आवेशों का यह अंतर बढ़ता जाता है।

lightning
बिजली गिरना / सौ. UCAR

चूँकि धनावेश एवं ऋणावेश दोनों के मध्य आकर्षण का बल कार्य करता है। अतः दोनों आवेशों के मध्य अत्यधिक आकर्षण के कारण सम्पूर्ण ऋणावेश का विसर्जन धनावेश में हो जाता है तथा एक तेज़ प्रकाश के साथ गर्जना सुनाई देती है। एक बार आवेश का विसर्जन हो जाने के उपरांत कुछ समय बाद पुनः बादल ऋणावेश एवं धनावेश में विभाजित हो जाते हैं तथा आवेश के विसर्जन होने की यह प्रक्रिया चलती रहती है।

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आकाशीय बिजली के प्रकार

यह मुख्यतः तीन प्रकार से होता है

  • बादलों से धरती के बीच (cloud to ground lightning)
  • बादलों से बादलों के बीच (cloud to cloud lightning)
  • एक ही बादल में (intracloud lightning)

बादलों से धरती के बीच : बादलों में आवेश के विभाजन होने के पश्चात बादलों की निचली सतह ऋणावेशित हो जाती है इस कारण धरती की सतह पर धनावेश जमा होने लगता है और आवेश अधिक मात्रा में इकट्ठा हो जाने पर बादलों के निचले सतह के ऋणावेश का विसर्जन धरती के धनावेश में हो जाता है तथा तीव्र प्रकाश एवं ध्वनि के साथ ऊर्जा मुक्त होती है। यह कुल होने वाले तड़ित का लगभग 20% है तथा सबसे अधिक विनाशकारी होता है।

बादलों से बादलों के बीच : यह किसी बादल के धनावेश एवं दूसरे बादल के ऋणावेश के मध्य आकर्षण बढ़ जाने के कारण होता है। कुल होने वाले तड़ितों में सबसे अधिक प्रतिशत इसी प्रकार का है।

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एक ही बादल में : इस प्रकार का तड़ित एक ही बादल में आवेशों के विभाजन के कारण होता है यह बहुत कम देखने को मिलता है।

यह भी जानें

तड़ित के समय आवेश अत्यधिक ऊर्जा के रूप में मुक्त होता है इस ऊर्जा में ध्वनि, प्रकाश एवं ऊष्मा शामिल होते हैं। तड़ित का औसत तापमान लगभग 54,000 फारेनहाइट होता है, जो सूर्य की सतह के तापमान से लगभग 5 गुना तक अधिक है। यही कारण है कई बार यह जान माल की हानि के साथ विनाश का कारण बनता है।

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इसके अतिरिक्त आपने अक्सर आकाशीय बिजली गिरने में ध्वनि को प्रकाश के दिखाई देने के बाद में सुना होगा इसका कारण दोनों (प्रकाश एवं ध्वनि) की चालों में अंतर है। जहाँ प्रकाश लगभग 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से गमन करता है वहीं ध्वनि की वायु में चाल लगभग 343 मीटर प्रति सेंकड होती है, कारणवश प्रकाश पहले तथा ध्वनि बाद में सुनाई देती है।

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