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क्या है प्रिंटिंग?
प्रिंटिंग एक प्रक्रिया है जिसमें किसी मशीन (प्रिंटर) के द्वारा टेक्स्ट या फ़ोटो रूप में उपलब्ध किसी जानकारी को स्याही की सहायता से कागज़ में छापा जाता है। जिसे हम अपने दैनिक जीवन में किताबों, समाचार पत्रों, कागज़ी दस्तावेजों आदि के रूप में देखते हैं। यह प्रिंटिंग साधारणतः द्विविमीय या 2D में होती है।
3D प्रिंटिंग
आपने अक्सर 3D प्रिंटिंग के बारे में सुना होगा आज इस लेख में हम सरल शब्दों में जानेंगे यह क्या है? यह प्रिंटिंग का एक अत्याधुनिक तथा विकसित रूप है। जिसमें तीनों विमाओं (लंबाई, चौड़ाई तथा ऊँचाई) में किसी भी प्रकार की ठोस वस्तु को प्रिंट किया जा सकता है। अतः इस तकनीक के द्वारा किसी एक वस्तु से उसी जैसी कई वस्तुओं का निर्माण करना संभव है।
कैसे होती है त्रिविमीय प्रिंटिंग?
3D प्रिंटिंग की पूरी प्रक्रिया कम्प्यूटर द्वारा संचालित की जाती है। इस प्रक्रिया में सर्वप्रथम किसी वस्तु का त्रिविमीय डिजिटल मॉडल कम्प्यूटर ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर की सहायता से तैयार किया जाता है। प्रिंट की जाने वाली वस्तु का डिजिटल मॉडल बन जाने के बाद उर्पयुक्त मटीरियल द्वारा वस्तु की छपाई शुरू कर दी जाती है।
3D प्रिंटिंग के उपयोग
आइये अब 3D प्रिंटिंग (What is 3D Printing in Hindi) के अनुप्रयोगों के बारे में जानते हैं। इसका उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाता है।
उद्योगों में
3D तकनीक का इस्तेमाल कई उद्योगों जैसे ऑटोमोबाइल सेक्टर आदि में मशीनों के कलपुर्जों के निर्माण में किया जाता है। इस तकनीक की सहायता से बहुत कम समय में मशीनों के पुर्ज़े बनाए जा सकते हैं जिनमें त्रुटि की कोई संभावना नहीं होती।
आभूषण निर्माण में
3D प्रिंटिंग तकनीक का प्रयोग कला एवं आभूषण उद्योगों के क्षेत्र में भी अहम योगदान निभा रहा है। इस तकनीक की सहायता से आभूषणों के ऐसे डिज़ाइन बनाना संभव हो पाया है जिन्हें हाथ से बना पाना संभव नहीं था।
शिक्षा के क्षेत्र में
शिक्षा के क्षेत्र में 3D प्रिंटिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है इस तकनीक के कारण नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए त्रिविमीय मॉडल बना कर उनके लिए किसी विषय को समझना आसान बनाया जा रहा है। इसके अलावा किसी भी वस्तु को प्रिंट कर उसका प्रोटोटाइप बनाने से बच्चों की समझ को बेहतर बनाया जा रहा है। रिसर्च के क्षेत्र में इसका महत्पूर्ण योगदान है त्रिविमीय प्रिंटिंग की मदद से विचारों को भौतिक रूप दिया जा सकता हैं।
चिकित्सा क्षेत्र में
3D प्रिंटिंग तकनीक चिकित्सा क्षेत्र के लिए भी वरदान साबित हो रही है। इस तकनीक का उपयोग वर्तमान में दवाओं के निर्माण में किया जा रहा है। 3D प्रिंटिंग तकनीक की मदद से गुर्दे एवं अग्न्याशय के निर्माण को वैज्ञानिकों द्वारा संभव बना दिया गया है। इसके अतिरिक्त निकट भविष्य में इसकी सहायता से शरीर के अन्य अंगों रक्त धमनियों, शिराओं, उत्तकों का निर्माण, शल्य चिकित्सा आदि को संभव बनाने की तरफ भी प्रयास किये जा रहे हैं।
विनिर्माण क्षेत्र में
त्रिविमीय प्रिंटिंग का इस्तेमाल विनिर्माण क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसकी सहायता से भवनों का निर्माण बहुत कम समय एवं लेबर के साथ किया जाना संभव हो पाया है। 3D प्रिंटिंग का प्रयोग कर सर्वप्रथम सन 2017 में रूस के Yaroslavl शहर में पूर्णतः आवासीय भवन का निर्माण किया गया।
4D प्रिंटिंग
अभी तक हमनें द्विविमीय तथा त्रिविमीय प्रिंटिंग के बारे में समझा आइये अब बात करते हैं 4D या चतुर्विमीय प्रिंटिंग की इस प्रकार की प्रिंटिंग में एक अन्य विमा समय भी शामिल है अतः प्रिंटिंग की इस तकनीक से ऐसी वस्तुओं को प्रिंट किया जाता है जो समय पर निर्भर रहती हैं या समय के साथ अपने आकार में परिवर्तन दिखाती हैं। यह तकनीक अभी विकास के पहले चरण में है।
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