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क्या है टीआरपी तथा इसकी गणना कैसे की जाती है? (TRP in Hindi)

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नमस्कार दोस्तो! स्वागत है आपका जानकारी ज़ोन में जहाँ हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, अर्थव्यवस्था, ऑनलाइन कमाई तथा यात्रा एवं पर्यटन जैसे क्षेत्रों से महत्वपूर्ण एवं रोचक जानकारी आप तक लेकर आते हैं। आज हम बात करेंगे हाल ही में चर्चाओं में रहे विषय TRP के बारे में और देखेंगे किस प्रकार कोई TV चैनल कमाई करता है। (What is TRP and How it is Calculated in Hindi)

TV चैनलों की आय

हम सभी अपने दैनिक जीवन मे टेलीविजन का इस्तेमाल अवश्य करते हैं फिर चाहे वह मनोरंजन के लिए हो या समाचार देखने के लिए। किन्तु क्या आपने कभी विचार किया है आखिर कोई टेलीविजन चैनल किस प्रकार आय सृजित करता है? बता दें कि सभी टेलीविजन चैनल उनमें दिखाए जाने वाले विज्ञापनों द्वारा पैसे कमाते हैं। टेलीविजन की दुनियां में हज़ारों की संख्या में चैनल हैं। इनमें कुछ अधिक लोकप्रिय जबकि कुछ कम लोकप्रिय चैनल शामिल हैं। ऐसे में सवाल उठता है क्या प्रत्येक चैनल उसमें दिखाए जाने वाले विज्ञापनों के लिए समान भुगतान प्राप्त करता है? इसका जवाब है नहीं।

किन्हीं दो चैनलों में दिखाए जाने वाले एक ही विज्ञापन या किसी एक ही चैनल के दो अलग अलग कार्यक्रमों के दौरान दिखाए जाने वाले विज्ञापनों के लिए मिलने वाला भुगतान भिन्न हो सकता है। यह केवल चैनल की लोकप्रियता पर निर्भर करता है अर्थात जिस चैनल को अधिक लोग देखना पसंद करते हैं उस चैनल पर विज्ञापन चलाने के लिए चैनलों को अधिक भुगतान किया जाता है, जबकि कम लोगों द्वारा पसंद किए जाने वाले चैनल को विज्ञापन चलाने के लिए कम भुगतान किया जाता है।

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Television Rating Points (TRP)

यहाँ तक आप समझ चुके हैं कोई टेलीविजन चैनल किस प्रकार कमाई करता है। अब बात आती है कि यह किस प्रकार तय होता है कि कौन सा चैनल अधिक एवं कौन सा कम लोकप्रिय है? यहाँ शुरुआत होती है टेलीविजन रेटिंग पॉइंट या TRP की। जैसा कि नाम से स्पष्ट है यह TV चैनलों को दी जाने वाली रेटिंग है। इस रेटिंग के आधार पर पता चलता है कि कोई चैनल या किसी चैनल पर दिखाया जाने वाला कोई कार्यक्रम कितना लोकप्रिय है।

TRP की गणना

आइये अब देखते हैं TRP की गणना किस प्रकार की जाती है। यह कार्य संस्था, Broadcast Audience Research Council (BARC) द्वारा किया जाता है। BARC द्वारा अधिकृत एक एजेंसी हंसा ग्रुप द्वारा देश के कुछ चुनिंदा घरों (जिनमें लगभग सभी प्रकार के सामाजिक वर्ग के लोग शामिल होते हैं) के टेलीविजन में एक उपकरण लगाया जाता है जो यह देखता है कि उस टेलीविजन में कौन सा चैनल या कौन से चैनल का कोई खास कार्यक्रम कितनी देर तक देखा गया। इस प्रकार विभिन्न घरों में लगे इन उपकरणों से डेटा रिकॉर्ड किया जाता है तथा उसे BARC द्वारा साप्ताहिक रूप से प्रकाशित किया जाता है जिसे आप BARC की वेबसाइट में देख सकते हैं।

BARC

वर्तमान में देशभर में लगभग 44,000 ऐसे घर हैं जहाँ यह उपकरण लगाए गए हैं। गौरतलब है कि उपकरण लगाए गए ऐसे घरों की जानकारी को गोपनीय रखा जाता है। इन 44,000 घरों से प्राप्त डेटा के अनुसार किसी चैनल की या किसी चैनल के किसी कार्यक्रम विशेष की लोकप्रियता का अंदाज़ा लगाया जाता है और इसी लोकप्रियता के आधार पर कोई कंपनी अपने किसी उत्पाद के प्रचार के लिए इन चैनलों को पैसे देती है।

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हालिया TRP विवाद

अब तक आप समझ चुके होंगे कि किसी टेलीविजन चैनल के लिए TRP कितनी महत्वपूर्ण है। अतः अधिक कमाई के लालच में कुछ चैनल TRP डेटा के साथ छेड़छाड़ करते हैं ताकि उनके चैनल को अधिक TRP मिल सके। TRP से छेड़छाड़ का ताजा मामला अक्टूबर 2020 में सामने आया है जिसमें एक राष्ट्रीय न्यूज़ नेटवर्क रिपब्लिक TV तथा दो अन्य चैनलों पर TRP डेटा से छेड़छाड़ कर गलत तरीके से अपने चैनल की TRP बढ़ाने के आरोप लगे हैं।

TRP in Hindi

मामले की जाँच कर रही मुंबई पुलिस ने बताया कि इन चैनलों द्वारा हंसा ग्रुप के कुछ पूर्व कर्मचारियों को रिश्वत देकर ऐसे घरों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई जिन घरों में TRP की गणना करने के लिए उपकरण लगाए गए थे। इसके बाद ऐसे घरों के मालिकों को रिश्वत देकर उनसे अपने चैनल को अधिक मात्रा में देखने के लिए कहा गया। पुलिस ने बताया कि कुछ घरों जिनमें अंग्रेजी न्यूज़ चैनलों को अधिक देखा जा रहा था वहाँ लोग अंग्रेजी भाषा समझने में सक्षम नहीं थे। इस पूरे प्रकरण की जाँच जारी है। 

उम्मीद है दोस्तो आपको ये लेख (TRP in Hindi) पसंद आया होगा टिप्पणी कर अपने सुझाव अवश्य दें। अगर आप भविष्य में ऐसे ही रोचक तथ्यों के बारे में पढ़ते रहना चाहते हैं तो हमें सोशियल मीडिया में फॉलो करें तथा हमारा न्यूज़लैटर सब्सक्राइब करें एवं इस लेख को सोशियल मीडिया मंचों पर अपने मित्रों, सम्बन्धियों के साथ साझा करना न भूलें।

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