देश में केंद्र और राज्य सरकारें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, जिनका लाभ उठाकर महिलाएं घर बैठे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकती हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और उन्हें आर्थिक सहयोग देकर स्वावलंबी बनाना है। आज हम आपको ऐसी तीन प्रमुख योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे, जिनसे महिलाएं घर से ही आय अर्जित कर सकती हैं।
इन योजनाओं में “माझी लाडकी बहिण” और “सुभद्रा योजना” जैसे नाम शामिल हैं। प्रत्येक योजना के लिए कुछ पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं, जिन्हें पूरा करने पर महिलाएं इनका लाभ उठा सकती हैं। इन योजनाओं के माध्यम से न केवल आर्थिक स्वतंत्रता हासिल करना संभव है, बल्कि यह महिलाओं के आत्मविश्वास और सामाजिक स्थिति को भी मजबूत करती हैं। ऐसी योजनाएं हर महिला के लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो सकती हैं।
सुभद्रा योजना
इस योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की आयु की महिलाएं पात्र हैं। सरकार प्रत्येक लाभार्थी महिला को सालाना 10,000 रुपये प्रदान करेगी, जो दो किस्तों में सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, योजना के तहत महिलाओं को सुभद्रा डेबिट कार्ड भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उन्हें लेन-देन में सुविधा होगी।
योजना में यह भी प्रावधान है कि पांच वर्षों के बाद प्रत्येक लाभार्थी महिला को 50,000 रुपये की एकमुश्त राशि प्रदान की जाएगी। यह योजना महिलाओं की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य रखती है। सुभद्रा योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, बल्कि महिलाओं के बैंकिंग से जुड़ाव को भी बढ़ावा देगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
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माझी लाडकी बहीण योजना
महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह योजना विशेष रूप से महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बनाई गई है। इसके लिए पात्रता मानदंड में महिलाओं की आयु 21 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इस योजना का लाभ विवाहित, अविवाहित, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाएं ले सकती हैं।
आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है, जिससे महिलाएं सरलता और सुविधा से आवेदन कर सकती हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 2024 तक निर्धारित की गई है। यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आजीविका में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। योजना का उद्देश्य राज्य में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक उत्थान को सुनिश्चित करना है, जिससे वे एक सम्मानजनक और स्थिर जीवन जी सकें।
सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक प्रभावी बचत योजना है। इस योजना के तहत आप अपनी बेटी के नाम पर खाता खोल सकते हैं, बशर्ते उसकी उम्र 10 साल से कम हो। इसमें न्यूनतम ₹250 से लेकर अधिकतम ₹1.5 लाख तक की राशि सालाना जमा की जा सकती है।
जमा राशि पर सरकार द्वारा 8.2% तक का आकर्षक ब्याज दिया जाता है, जो इसे एक लाभदायक निवेश विकल्प बनाता है। इसके साथ ही, आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत इसमें जमा की गई राशि पर टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है। यह योजना माता-पिता को अपनी बेटियों की शिक्षा और विवाह जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। यह न केवल बचत को बढ़ावा देती है, बल्कि बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाती है।
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महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट
महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट योजना महिलाओं को हर महीने बचत की आदत डालने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के तहत महिलाएं 1,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक की राशि जमा कर सकती हैं। सरकार इस जमा राशि पर 7.5% की वार्षिक ब्याज दर प्रदान करती है, जो महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा और बचत को बढ़ावा देने का एक प्रभावी तरीका है।
इस योजना का मेच्योरिटी पीरियड 2 साल रखा गया है, जिससे महिलाओं को छोटी अवधि में ही अच्छे रिटर्न का लाभ मिलता है। योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाना और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करना है। इस स्कीम में कोई भी महिला खाता खोल सकती है और अपनी छोटी-छोटी बचतों को बड़े लाभ में बदल सकती है। यह पहल महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता की दिशा में एक सराहनीय कदम है।