Pradhan Mantri Swamitva Yojana: केंद्र सरकार देशवासियों के लिए तरह-तरह की योजनाएं शुरू करती रहती है, जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि। इन्हीं योजनाओं में साल 2020 में शुरू करी गई प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना भी शामिल है, जी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज यानी 27 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड वितरित करने वाले थे। इस कार्यक्रम के दौरान 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 200 जिलों के 46,000 से अधिक गांवों के 50 लाख से अधिक संपत्ति मालिकों को संपत्ति कार्ड प्रदान किया जाना था।
लेकिन हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के अधिकारों को सुनिश्चित करना और उन्हें डिजिटल स्वरूप में प्रमाणित करना है।
क्या है स्वामित्व योजना?
भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है। आंकड़ों की मानें तो करीब 65% आबादी ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है और तकरीबन 47% आबादी कृषि पर निर्भर है।
ग्रामीण इलाकों में कई लोग ऐसे हैं जिनके पास अपनी संपत्ति के कोई वैध कानूनी दस्तावेज नहीं होते। वे अपनी भूमि पर पारंपरिक तरीके से मालिकाना हक मानते आए हैं, जिससे कई बार भूमि विवाद उत्पन्न होते हैं।
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इस समस्या के समाधान के रूप में सरकार ने स्वामित्व योजना की शुरुआत करी है। स्वामित्व योजना के तहत, सरकार इन क्षेत्रों में संपत्तियों का सर्वे कर रही है और जिनके पास अपने घरों का कोई कानूनी प्रमाण नहीं है, उन्हें संपत्ति कार्ड वितरित किया जा रहा है। इस कार्ड से उन्हें अपनी संपत्ति पर कानूनी अधिकार मिल जाएगा।
किन लोगों को मिलेगा संपत्ति कार्ड?
स्वामित्व योजना का लाभ उन ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को मिलेगा जिन्होंने अपनी भूमि पर घर बना लिया है लेकिन उनके पास उसका कोई कानूनी प्रमाण नहीं है। सरकार सर्वे के बाद उन लोगों को संपत्ति कार्ड प्रदान करेगी, जिससे वे कानूनी रूप से अपनी संपत्ति का मालिकाना हक साबित कर सकेंगे।
केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 1.37 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियों को मॉनेटाइज करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिससे स्थानीय निवासियों को कर्ज प्राप्त करने में सहूलियत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में इस योजना (Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in Village Areas) का शुभारंभ किया था, जिसका उद्देश्य ड्रोन तकनीक के माध्यम से ग्रामीण संपत्तियों का सर्वेक्षण और सीमांकन करना है।
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योजना के तहत 3.1 लाख से ज्यादा गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है। इसमें लक्षित 92 प्रतिशत गांव शामिल हैं। अब तक करीब 1.5 लाख गांवों के लिए करीब 2.2 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।
त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में यह योजना पूरी तरह से लागू हो चुकी है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ तथा कई केंद्र शासित प्रदेशों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।
योजना के तहत, ग्रामीण निवासियों को उनकी संपत्तियों के कानूनी दस्तावेज उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे वे बैंकों से वित्तीय सहायता ले सकते हैं। अब तक 3,17,000 गांवों में सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, और 1,36,000 गांवों के निवासियों को संपत्ति कार्ड प्रदान किए जा चुके हैं। आज 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री द्वारा 50 लाख अतिरिक्त संपत्ति कार्ड वितरित किए जाने थे, लेकिन यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।