नई सरकार बनने के बाद अब देश के प्रत्येक वर्ग की नजरें बजट पर टिकी हैं। गौरतलब है कि अगले महीने यानी जुलाई में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश करने जा रही हैं। इस आगामी बजट से देश के प्रत्येक वर्ग चाहे गरीब हो, मध्यम वर्ग हो, किसान हो, महिलाएं हो या युवा हो सभी को खासी उम्मीदें हैं।
मीडिया मे चल रही खबरों की मानें तो सरकार निम्न आय वर्ग के लोगों को कुछ हद तक राहत देने के लिए इस बजट में इनकम टैक्स की दरों में कटौती कर सकती है। दरअसल ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए 3.0 सरकार उपभोग को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने पर विचार कर रही है और इसके लिए तकरीबन 6 बिलियन डॉलर या 50 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इन लोगों को मिल सकती है राहत
उपभोग को बढ़ाने के लिए सरकार दोतरफा काम करने की तैयारी में है। इसमें पहला लोगों के लिए रोजगार के नए अवसरों को पैदा करते हुए उनकी आमदनी को बढ़ाना जबकि दूसरा टैक्सपेयर्स को टैक्स दरों में कटौती करके राहत देना शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार सरकार अधिक खर्च करने वाले टैक्सपेयर्स को टैक्स से कुछ हद तक राहत दे सकती है, इस श्रेणी में सामान्यतः 5 से 10 लाख सालाना कमाई करने वाले लोग शामिल हैं।
वर्तमान में इस आय वर्ग वाले लोगों को 5 से 20 फीसदी की दर से इनकम टैक्स चुकाना होता है। उम्मीद करी जा रही है कि सरकार आगामी बजट में टैक्स दरों को कुछ कम करेगी। बता दें कि, निम्न आय वर्ग के लिए पिछले 7 सालों से टैक्स दरों में किसी प्रकार की कटौती नहीं करी गई है।
टैक्स स्लैब में हो सकता है बदलाव
जहाँ ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में निम्न आय वर्ग के लिए टैक्स दरों में कटौती की बात कही गई है, वहीं रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जुलाई में पेश होने जा रहे पूर्ण बजट में नए टैक्स स्लैब का भी ऐलान कर सकती हैं और यह नया टैक्स स्लैब मिडिल क्लास लोगों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा।
जानकारों की मानें तो कोरोना महामारी के बाद मिडिल क्लास पर केंद्रित राहतों की मांग तेज हुई है। विश्लेषक लगातार ये बात कहते आए हैं कि, कोरोना काल के बाद सरकार ने कॉर्पोरेट जगत के साथ-साथ निम्न आय वर्ग को राहत देने का काम किया किन्तु इनकम पिरामिड के मिडिल क्लास को कोई राहत नहीं मिल पाई, जो सबसे अधिक उपभोग करने वाला वर्ग है।
बहरहाल यदि रिपोर्ट के दावे आने वाले बजट में सच साबित होते हैं तो ये निम्न आय वर्ग के साथ-साथ मध्यम वर्ग के लिए भी एक बेहतरीन बजट रहने वाला है।