Geranium Farming Business Idea: देश में बढ़ती बेरोजगारी के चलते अधिकांश युवा अपना खुद का बिजनेस शुरू करने की तरफ ध्यान दे रहे हैं, ऐसे में यदि आप भी नौकरी की तलाश करते थक चुके हैं तो आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आज हम आपके लिए एक शानदार बिजनेस आइडिया लेकर आए हैं, जिसकी मदद से आप साल भर में 12 से 15 लाख रुपये तक आसानी से कमा सकते हैं।
हम यहाँ जिस बिजनेस की बात करने जा रहे हैं वह फ़ार्मिंग से जुड़ा है। आपको बता दें कि, भारत आजादी के बाद से ही एक कृषि प्रधान देश रहा है और किसी भी अन्य क्षेत्र के मुकाबले यहाँ कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार के विकल्प मिलते हैं। वर्तमान में बहुत बड़ी मात्रा में युवा फ़ार्मिंग की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और परंपरागत कृषि एवं कृषि तकनीकों को छड़कर आधुनिक विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं तथा अच्छा प्रॉफ़िट कमा रहे हैं।
इस लेख में हम आगे चर्चा करने जा रहे हैं एक सुगंधित पौधों जिरेनियम की खेती की, जो यदि एक बड़े स्तर पर करी जाए लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की कमाई का जरिया बन सकती है। आपको बता दें कि, जिरेनियम के पौधे से तेल को निकाला जाता है और इसका इस्तेमाल कॉस्मेटिक क्षेत्र में, चिकित्सा के क्षेत्र में तथा कई घरेलू नुस्खों में होता है जबकि इसकी कीमत देखें तो यह 15 से 20 हजार रुपये प्रति लीटर है।
जिरेनियम लोगों को बना रहा लखपति
जैसा कि हमनें ऊपर बताया जिरेनियम के पौधे की खेती कई किसानों खासकर युवा किसानों को लखपति बना रही है। सुगंधित होने के चलते इसके पौधे को गरीबों का गुलाब भी कहा जाता है। इसके साथ ही जिरेनियम की खेती के लिए केंद्र एवं विभिन्न राज्य सरकारें भी अलग-अलग तरीके से सहायता प्रदान कर रही हैं, सरकार द्वारा शुरू किया गया एरोमा मिशन इसका उदाहरण है।
कैसे होती है जिरेनियम की खेती
जिरेनियम एक सुगंधित और औषधीय पौधा है जिसका उपयोग कॉस्मेटिक उद्योग, दवा उद्योग और बागवानी में व्यापक रूप से किया जाता है। आइए अब समझने का प्रयास करते हैं कि, जिरेनियम की खेती के लिए जलवायु, मिट्टी, भूमि, सिंचाई की आवश्यकता किस प्रकार होती है।
जिरेनियम के लिए बेहतरीन जलवायु और मिट्टी
जिरेनियम की खेती के लिए समशीतोष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु बहुत अच्छी मानी जाती है। इसके पौधे को मध्यम तापमान 15-25 डिग्री सेल्सियस की आवश्यकता होती है, अत्यधिक ठंड एवं अत्यधिक गर्मी दोनों ही मौसम जिरेनियम की खेती के लिए अच्छी नहीं होती है।
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मौसम के अलावा मिट्टी की बात करें तो जिरेनियम की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी सबसे उत्तम होती है। 6-7 pH स्तर वाली मिट्टी में इसकी पैदावार अच्छी होती है। गौरतलब है कि, अधिक पानी से जिरेनियम के पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचता है अतः इसके खेत में जल निकासी की उपयुक्त व्यवस्था जरूरी होती है।
फसल की बुवाई एवं सिंचाई
जिरेनियम की खेती बीज तथा कटिंग दोनों तरीकों से करी जा सकती है, हालांकि कटिंग से पौधे जल्दी और आसानी से तैयार हो जाते हैं। जिरेनियम के पौधे को आप केंद्रीय औषधीय एवं पौधा संस्थान से खरीद कर अपने खेतों में लगा सकते हैं। इसकी फसल को नियमित सिचाई की आवश्यकता होती है, गर्मियों के मौसम में 3-4 दिन में एक बार और सर्दियों में हर 10-15 दिन में सिंचाई की जरूरत होती है।
इन कामों में होता है जिरेनियम का प्रयोग
जिरेनियम के फूल से तेल निकाला जाता है, जिसका इस्तेमाल निम्नलिखित क्षेत्रों में अधिकता से होता है
सुगंध और कॉस्मेटिक उद्योग
- परफ्यूम: चूँकि यह एक सुगंधित पौधा है अतः जिरेनियम तेल का उपयोग परफ्यूम बनाने में होता है
- साबुन और शैंपू: इसके सुगंधित गुणों के कारण इसे साबुन, शैंपू, और क्रीम में भी मिलाया जाता है।
- क्रीम और लोशन: त्वचा की देखभाल के उत्पादों में इसका उपयोग किया जाता है क्योंकि यह त्वचा को मॉइस्चराइज और टोन करता है।
चिकित्सा और स्वास्थ्य लाभ
- एरोमाथेरेपी: जिरेनियम तेल का उपयोग तनाव, चिंता, और अवसाद को कम करने के लिए किया जाता है।
- त्वचा संबंधी समस्याएं: यह मुँहासे, एक्जिमा, और डर्मेटाइटिस जैसी त्वचा समस्याओं के इलाज में उपयोगी है।
- एंटीसेप्टिक: इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जिससे यह छोटे कट और घावों के इलाज में उपयोगी है।
- सूजन कम करना: सूजन कम करने और दर्द से राहत पाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
घरेलू उपयोग
- क्लीनिंग प्रोडक्ट्स: घर की सफाई के उत्पादों में जिरेनियम तेल का उपयोग किया जाता है क्योंकि यह प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है।
- रूम फ्रेशनर: इसके ताजगी भरे सुगंध से कमरे की हवा को शुद्ध और खुशबूदार बनाया जा सकता है।
- कीट विकर्षक: जिरेनियम तेल का उपयोग मच्छर और अन्य कीड़ों को दूर रखने के लिए किया जा सकता है।
अन्य उपयोग
- मालिश तेल: जिरेनियम तेल का उपयोग मालिश में किया जाता है, जिससे शरीर में रक्त संचार में सुधार होता है और मांसपेशियों की थकान दूर होती है।
- फंगस संक्रमण: यह तेल फंगस संक्रमण के इलाज में भी सहायक होता है।
जिरेनियम की खेती से इतनी होती है कमाई
जिरेनियम के तेल का विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाता है जिनके बारे में हमनें ऊपर जानकारी दी है, इस कारण इसकी डिमांड में कभी भी गिरावट देखने को नहीं मिलती है। आंकड़ों की मानें तो एक हेक्टेयर भूमि से लगभग 100-150 किलोग्राम तेल प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रकार यदि प्रति लीटर औसतन 10,000 का रेट भी माने तो 10 से 15 लाख रुपये एक हेक्टेयर भूमि से एक फ़सली मौसम में कमाये जा सकते हैं।
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