Commonwealth Games 2022: राष्ट्रमंडल खेलों का समापन, जानें कैसा रहा 22वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रदर्शन

आर्टिकल शेयर करें

28 जुलाई से शुरू हुए राष्ट्रमंडल खेलों का सोमवार यानी 8 अगस्त को समापन हो गया, इस बार राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन बर्मिंघम (यूके) में किया गया। राष्ट्रमंडल खेलों के 22वें संस्करण में कुल 72 देशों के 5 हजार से अधिक एथलीट्स ने हिस्सा लिया, जिनमें भारत की ओर से लगभग 215 एथलीट्स शामिल थे।

कुछ खेलों में भारत का प्रदर्शन बेहतरीन रहा, जबकि कुछ खेलों में निराशा हाथ लगी और कई खेलों में मामूली अंतर से स्वर्ण पदक खिलाड़ियों के हाथ से चूक गया। भारत ने अलग-अलग खेलों में उम्दा प्रदर्शन करते हुए कुल 61 पदक अपने नाम किये, जिनमें 22 स्वर्ण, 16 रजत तथा 23 कांस्य पदक शामिल हैं। इस प्रकार भारत राष्ट्रमंडल खेलों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा तथा इंग्लैंड के बाद 200 स्वर्ण पदक जीतने वाला चौथा देश बन गया है।

इस बार 22 स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के स्वर्ण पदकों की संख्या 200 के पार पहुँच गई है। भारत ने अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 203 स्वर्ण, 190 रजत और 171 कांस्य पदक हासिल किये हैं।

वहीं भारत से ऊपर रहे देशों की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया कुल 178 पदकों (67 स्वर्ण, 57 रजत, 54 कांस्य) के साथ पहले स्थान पर रहा इसके बाद मेजबान इंग्लैंड 176 पदकों (57 स्वर्ण, 66 रजत, 53 कांस्य) तथा कनाडा 92 पदकों (26 स्वर्ण, 32 रजत, 34 कांस्य) के साथ क्रमशः दूसरे एवं तीसरे स्थान पर रहे।

किन खेलों में रहा भारत का दबदबा

भारत के लिए पदकों की बात करें तो सर्वाधिक पदक भारत ने कुश्ती (Wrestling) में जीते, कुश्ती में भारत ने इस बार 6 स्वर्ण पदकों समेत कुल 12 पदक अपने नाम किए। कुश्ती के बाद दूसरे स्थान पर वेटलिफ्टिंग रही, जिसमें भारत ने 3 स्वर्ण पदकों के साथ कुल 10 पदक अर्जित किये। इनके अतिरिक्त अन्य खेलों की बात करें तो भारत को बॉक्सिंग में 7, बैडमिंटन में 6, एथलेटिक्स में 8, टेबल टेनिस और पैरा टेबल टेनिस में 7, जूडो में 3, लॉन बॉल्स में 2, स्क्वाश में 2, हॉकी में 2, पैरा पावरलिफ्टिंग में 1 और क्रिकेट में 1 मेडल प्राप्त हुआ।

भारत के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ी

🥇स्वर्ण पदक: भारत ने कुल 22 स्वर्ण पदक हासिल किये इन पदकों को जीतने वाले खिलाड़ियों में मीराबाई चानू, जेरेमी लालरिनुंगा, अंचिता शेउली, महिला लॉन बॉल टीम, टीटी पुरुष टीम, सुधीर, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, दीपक पूनिया, रवि दहिया, विनेश फोगाट, नवीन, भाविना, नीतू घनघस, अमित पंघाल, एल्डहॉस पॉल, निकहत जरीन, शरत-श्रीजा, पीवी सिंधु, लक्ष्य सेन, सात्विक-चिराग तथा शरत कमल शामिल हैं।

स्वर्ण पदक विजेता नीतू घनघस एवं शरत कमल फ़ोटो : इंस्टाग्राम

🥈रजत पदक: भारत को 16 रजत पदक दिलाने वाले खिलाड़ियों में संकेत सरगर, बिंदियारानी देवी, सुशीला देवी, विकास ठाकुर, भारतीय बैडमिंटन टीम, तूलिका मान, मुरली श्रीशंकर, अंशु मलिक, प्रियंका गोस्वामी, अविनाश साबले, पुरुष लॉन बॉल टीम, अब्दुल्ला अबोबैकर, शरथ-साथियान, महिला क्रिकेट टीम, सागर अहलावत तथा पुरुष हॉकी टीम शामिल है।

रजत पदक विजेता प्रियंका गोस्वामी एवं विकास ठाकुर फ़ोटो : इंस्टाग्राम

🥉कांस्य पदक: विभिन्न खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय खिलाड़ियों में गुरुराजा, विजय कुमार यादव, हरजिंदर कौर, लवप्रीत सिंह, सौरव घोषाल, गुरदीप सिंह, तेजस्विन शंकर, दिव्या काकरन, मोहित ग्रेवाल, जैस्मिन, पूजा गहलोत, पूजा सिहाग, मोहम्मद हुसामुद्दीन, दीपक नेहरा, रोहित टोकस, सोनलबेन, महिला हॉकी टीम, संदीप कुमार, अन्नू रानी, सौरव-दीपिका, किदांबी श्रीकांत, त्रिषा-गायत्री और जी. साथियान शामिल हैं।

कांस्य पदक विजेता रोहित टोकस एवं दिव्या काकरन फ़ोटो : इंस्टाग्राम

पिछले संस्करण की तुलना में पदकों की संख्या रही कम

2018 में गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने 26 स्वर्ण पदकों के साथ कुल 66 पदक हासिल किये थे, गौरतलब है कि, भारत की पदक तालिका कुछ खेलों पर अधिक निर्भर है जिनमें निशानेबाजी अहम खेल है। चूँकि इस बार निशानेबाजी को खेलों की सूचि से बाहर रखा गया था अतः इसका सीधा असर भारत की पदक तालिका पर भी दिखा।

राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की शुरुआत से लेकर 2018 के बीच भारत ने कुल 503 पदक जीते हैं और उनमें से 63 स्वर्ण पदकों समेत 135 पदक केवल निशानेबाजी में प्राप्त हुए, पिछले तीन आयोजनों की ही बात करें तो निशानेबाजी का 2010 में भारत के कुल पदकों में 30 प्रतिशत, 2014 में 26.5 प्रतिशत और 2018 में 24.2 प्रतिशत योगदान रहा है।

बता दें कि, निशानेबाजी कॉमनवेल्थ गेम्स में एक वैकल्पिक खेल के तौर पर शामिल किया गया है और मेजबान देश वैकल्पिक खेलों की सूची में से केवल सात खेलों को चुन सकता है। 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स के मेजबान इंग्लैंड ने ‘लॉजिस्टिक कारणों’ का हवाला देते हुए निशानेबाजी को खेलों में शामिल नहीं किया।

राष्ट्रमंडल खेल एवं भारत

राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत 1930 में हुई तथा 1934 में पहली बार भारतीय खिलाड़ियों ने इन खेलों में हिस्सा लिया, लंदन में आयोजित 1934 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की ओर से छः एथलीट शामिल थे, जिन्होंने 10 ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स तथा एक कुश्ती स्पर्धा में भाग लिया। पुरुषों की 74 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती इवेंट में पहलवान राशिद अनवर ने कांस्य पदक जीत और वे राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने।

इसके अतिरक्त पहले स्वर्ण पदक की बात करें तो यह साल 1958 कार्डिफ राष्ट्रमंडल खेलों में महान धावक मिल्खा सिंह ने दिलाया, उन्होंने कार्डिफ 1958 में पुरुषों की 440 यार्ड इवेंट में पहला स्थान हासिल किया। भारत ने उसी संस्करण में एक और स्वर्ण जीता जब हेवीवेट पहलवान लीला राम ने पुरुषों की 100 किग्रा फ्रीस्टाइल श्रेणी में जीत हासिल करी।

राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत के बाद से भारत ने इसके केवल चार संस्करणों यथा 1930, 1950, 1962 और 1986 में प्रतिभाग नहीं किया, जबकि अन्य सभी संस्करणों में शामिल होते हुए भारत लगातार अच्छा प्रदर्शन करता रहा है। अब तक के सबसे बेहतरीन प्रदर्शन को देखें तो यह साल 2010 के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में रहा है तब भारत ने इन खेलों की मेजबानी करते हुए 38 स्वर्ण पदकों समेत कुल 101 पदक अपने नाम किये और दूसरे स्थान पर रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *