बजट 2024 में प्रस्तावित इंटर्नशिप योजना को लागू होने के बाद इस योजना के तहत युवाओं को हर महीने 5,000 रुपये का भत्ता मिलेगा। इसमें 500 रुपये की राशि कंपनियों के CSR फंड से प्रदान की जाएगी, जबकि शेष 4,500 रुपये सरकार वहन करेगी। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को कार्य अनुभव प्रदान करते हुए आर्थिक सहयोग करना है, जिससे उनकी स्किल डेवलपमेंट और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सके।
इस योजना की खासियत
केंद्र सरकार युवाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के अंतर्गत, बेरोजगार युवाओं को नौकरियों की तलाश में सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत पात्र युवाओं को आर्थिक राहत के रूप में हर महीने 5000 रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा, रोजगार के अवसरों को सुगम बनाने के लिए सरकार एक विशेष पोर्टल भी विकसित करेगी। इस पोर्टल पर युवाओं को नौकरियों से संबंधित जानकारी और आवेदन की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस योजना की विस्तृत गाइडलाइंस जल्द ही जारी की जाएंगी, जिससे युवाओं को अधिक पारदर्शी और सुलभ तरीके से लाभ मिल सकेगा।
बजट 2024 में प्रस्तावित इंटर्नशिप स्कीम को लागू होने के बाद सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार का कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (MCA) जल्द ही इस स्कीम को शुरू करने के लिए गाइडलाइंस जारी करेगा। योजना के अंतर्गत एक समर्पित इंटर्नशिप पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा, जहां युवाओं को आवेदन और अवसरों की सुविधा मिलेगी। उम्मीद है कि इस महत्वाकांक्षी योजना को अगले कुछ हफ्तों में पेश किया जाएगा। सरकार का यह कदम युवाओं को कौशल विकास और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
क्या है योजना से जुड़े नियम और शर्त?
इस योजना का लाभ पाने के लिए युवाओं को कुछ निर्धारित मानदंडों को पूरा करना होगा। योजना के तहत इंटर्न की उम्र 21 से 24 वर्ष के बीच अनिवार्य है। साथ ही, उनके परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह योजना उन युवाओं के लिए नहीं है जो वर्तमान में किसी फॉर्मल डिग्री कोर्स में नामांकित हैं या नौकरी कर रहे हैं।
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हालांकि, ऐसे उम्मीदवार जो ऑनलाइन कोर्स या वोकेशनल ट्रेनिंग कर रहे हैं, वे इसमें शामिल हो सकते हैं। योजना का उद्देश्य उन युवाओं को अवसर प्रदान करना है जो अपने कौशल को निखारने और व्यावहारिक अनुभव हासिल करने के इच्छुक हैं। इस पहल के तहत पात्र उम्मीदवारों को प्रशिक्षण और विकास के बेहतरीन अवसर मिलेंगे, जिससे उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। निर्धारित मानकों का पालन किए बिना योजना का लाभ पाना कठिन होगा।
कंपनियां उठाएंगी खर्च
इंटर्नशिप योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं और कंपनियों के बीच एक प्रभावी कड़ी बनाना है, ताकि रोजगार के अवसर बढ़ सकें और उद्योगों को कुशल कर्मचारी मिल सकें। इस योजना के तहत प्रशिक्षण का वित्तीय खर्च कंपनियों द्वारा वहन किया जाएगा। हालांकि, युवाओं को वहां रहने और भोजन का खर्च स्वयं उठाना होगा। यह खर्च सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि के माध्यम से पूरा किया जा सकता है।
इस पहल का लक्ष्य न केवल रोजगार के अवसरों को सुलभ बनाना है, बल्कि युवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना भी है। इससे कंपनियों को प्रशिक्षित और योग्य उम्मीदवार आसानी से मिल सकेंगे, जिससे रोजगार और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
योजना के तहत क्या-क्या मिलेगा लाभ?
- यह कार्यक्रम युवाओं को कॉर्पोरेट जगत की मांगों के अनुसार कौशल विकास के माध्यम से रोजगार योग्य बनाने में सहायक सिद्ध होगा। इसमें कई प्रमुख कंपनियों ने रुचि दिखाई है, जो युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें कार्यक्षेत्र के लिए तैयार करेंगी और नौकरी पाने में सहायता करेंगी।
- हर इंटर्न को इस योजना के तहत 5,000 रुपये मासिक स्टाइपेंड प्रदान किया जाएगा। इसमें 500 रुपये का योगदान कंपनियों के CSR फंड से होगा, जबकि शेष 4,500 रुपये सरकार की ओर से दिए जाएंगे।
- इसके साथ ही, सरकार प्रत्येक इंटर्न को 6,000 रुपए की एकमुश्त राशि भी प्रदान करेगी।
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