एक दौर था जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुद्रा के रूप में विनिमय के लिए वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता था उदाहरण के तौर पर गेहूँ के बदले चावल या जूतों के बदले कपड़े इत्यादि। समय के साथ जैसे-जैसे दुनियाँ विकसित होती गई कीमती धातुओं जैसे सोने या चांदी का इस्तेमाल मुद्रा के रूप में हुआ और इसके पश्चात कागजी मुद्रा प्रचलन में आई, जिसका इस्तेमाल आज भी बहुतायत से होता है।
दिन-ब-दिन विकसित होती प्रोद्योगिकी तथा डिजिटलाइजेशन के इस दौर में मुद्रा का एक नया रूप भी हमारे सामने निकल कर आया है, जिसे डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) के रूप में जाना जाता है। डिजिटल मुद्रा या Digital Currency मुद्रा का एक ऐसा रूप है जिसका निर्माण, स्टोरेज तथा मैनेजमेंट केवल डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर ही किया जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, इथीरियम आदि डिजिटल करेंसी के मुख्य उदाहरण हैं। क्रिप्टोकरेंसी उदाहरण के लिए Bitcoin ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित ऐसी डिजिटल करेंसी हैं, जिनके प्रबंधन या लेन-देन पर किसी भी देश की सरकारों का कोई नियंत्रण नहीं होता इसी के चलते रिजर्व बैंक समेत विभिन्न देशों के केन्द्रीय बैंक अपने नागरिकों से इनके इस्तेमाल से बचने की सलाह देते रहते हैं।
समय के साथ लोकप्रिय होती डिजिटल मुद्रा के चलते देश के केन्द्रीय बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) ने भी रुपये का डिजिटल रूप या डिजिटल रुपया लॉन्च करने का फैसला लिया है। आज इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे डिजिटल रुपया क्या है? (What is Digital Rupee?) यह कैसे काम करेगा?(How will the Digital Rupee work?), डिजिटल रुपया PayTm, PhonePe या Google Pay से कैसे अलग होगा तथा आप इसका इस्तेमाल कैसे कर पाएंगे?
डिजिटल रुपया क्या है? (What is Digital Rupee?)
देश के केंद्रीय बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) ने पिछले साल दिसंबर माह में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डिजिटल रुपये (Digital Rupee) को लॉन्च किया, जिसे CBDC कहा जा रहा है। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या Digital Rupee केंद्रीय बैंक द्वारा जारी करेंसी नोटों अथवा भारतीय रुपये का ही एक डिजिटल रूप या डिजिटल टोकन है, जिसका उपयोग संपर्क रहित लेन-देन में किया जा सकता है।
Central Bank Digital Currency (CBDC) किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी डिजिटल करेंसी होती है, जिसकी कीमत उस देश की फिएट करेंसी के मूल्य से आंकी जाती हैं।
Digital Rupee क्रिप्टोकरेंसी से कई मायने में अलग है, उदाहरण के लिए जहाँ क्रिप्टोकरेंसी पर केन्द्रीय बैंकों या सरकारों का कोई नियंत्रण नहीं होता वहीं डिजिटल रुपया एक लीगल टेंडर है अर्थात डिजिटल रुपये की वही मान्यता होगी, जो भौतिक रुपये की होती है। क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत डिजिटल रुपया उसी मूल्यवर्ग या Denomination में जारी किया जाएगा जिसमें सिक्के और पारंपरिक कागजी रुपये को जारी किया गया है। क्रिप्टोकरेंसी का अपना मूल्यवर्ग होता है उदाहरण के लिए, बिटकॉइन की स्थिति में 0.0001 मूल्यवर्ग हो सकता है, जबकि डिजिटल रुपये की स्थिति में ऐसा नहीं होगा।
कैसे काम करेगा Digital Rupee?
जैसा कि, हमने ऊपर समझा Digital Rupee को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाएगा लेकिन आम लोग इसे बैंकों के माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे। इस प्रक्रिया के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले देश के चार बड़े शहरों (मुंबई, बेंगलुरु, नई दिल्ली और भुवनेश्वर) तथा चार बैंकों (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक) का चुनाव किया गया है।
दूसरे चरण में इस प्रोजेक्ट से चार अन्य बैंकों (बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक) तथा कई अन्य शहरों जैसे हैदराबाद, अहमदाबाद, गुवाहाटी, लखनऊ, इंदौर, पटना, कोच्चि, आदि को भी जोड़े जाने की योजना है। फिलहाल पार्टनर बैंकों द्वारा चुनिंदा शहरों में केवल कुछ ग्राहकों को ही डिजिटल रुपये के इस्तेमाल का मौका दिया जा रहा है लेकिन पायलेट प्रोजेक्ट की सफलता के पश्चात इसे सभी के लिए लॉन्च कर दिया जाएगा।
देश भर में डिजिटल रुपया लॉन्च होने के बाद उपयोगकर्ता किसी भी बैंक द्वारा डिजिटल रुपया प्राप्त कर सकते हैं और लेन-देन के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए विभिन्न बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को एक डिजिटल वॉलेट की सुविधा उपलब्ध कारवाई जाएगी इसी वॉलेट से आप डिजिटल मुद्रा को खरीद, इस्तेमाल या वापस अपने बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कर पाएंगे।
CBDC या डिजिटल रुपये के प्रकार
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रुपये को दो वर्गों रिटेल (e₹-R) तथा होलसेल (e₹-W) में विभाजित किया गया है । रिटेल डिजिटल रुपये या e₹-R का इस्तेमाल कोई भी गैर-वित्तीय उपभोक्ता, निजी क्षेत्र से जुड़ा व्यक्ति, व्यवसायी आदि कर सकेगा, जबकि होलसेल डिजिटल रुपये या e₹-W का इस्तेमाल चुनिंदा वित्तीय संस्थानों मुख्यतः बैंकों द्वारा सेकेंडरी मार्केट से जुड़े लेन-देन में किया जाएगा।
Digital Rupee और UPI में क्या अंतर है?
हम दिन भर में पेमेंट के लिए ना जाने कितनी बार UPI या BHIM, Google Pay, PhonePe जैसी एप्स का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में यह प्रश्न उठना भी लाज़मी है कि, डिजिटल रुपया कैसे इनसे भिन्न है? अथवा जब हम पहले से ही मुद्रा के डिजिटल रूप का इस्तेमाल कर रहे हैं तो हमें डिजिटल रुपये (Digital Rupee) की आवश्यकता क्यों है?
गौरतलब है कि, UPI कोई डिजिटल करेंसी नहीं है बल्कि यह पेमेंट का एक माध्यम है। जब भी आप Google Pay या PhonePe जैसी किसी एप से भुगतान करते हैं तो यह भुगतान आपके बैंक खाते में मौजूद भौतिक मुद्रा की एवज में होता है, उदाहरण के तौर पर जब आप UPI के माध्यम से किसी मर्चेन्ट को 1,000 रुपये का भुगतान करते हैं तो अंततः यह भुगतान आपके बैंक द्वारा मर्चेन्ट के बैंक को भौतिक मुद्रा के रूप में किया जाता है
दूसरे शब्दों में आप Google Pay या PhonePe जैसी एप्स से तभी पेमेंट कर सकेंगे जब उस मूल्य की भौतिक मुद्रा आपके बैंक में मौजूद हो, जबकि डिजिटल मुद्रा की स्थिति में ऐसा नहीं होता है डिजिटल रुपये (Digital Rupee) का मूल्य भौतिक मुद्रा से नहीं है यह रिजर्व बैंक द्वारा स्वतंत्र रूप से जारी करी जाती है। इस प्रकार जब कोई यूजर डिजिटल रुपये के माध्यम से मर्चेन्ट को भुगतान करता है तो यह सेटलमेंट तुरंत हो जाता है और इस प्रक्रिया में भौतिक मुद्रा का इन्वॉल्वमेंट नहीं होता।
Digital Rupee से जुड़ी कुछ अहम बातें
(i) डिजिटल रुपये (e-Rupee / Digital Rupee) का इस्तेमाल पर्सन टू पर्सन (डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे किन्हीं दो व्यक्तियों के बीच लेन-देन के लिए) अथवा पर्सन टू मर्चेंट (किसी दुकान या शॉपिंग आउटलेट पर की गई खरीदारी के भुगतान के लिए) किया जा सकेगा। पर्सन टू मर्चेंट भुगतान क्यूआर कोड (QR Code) का उपयोग करके किया जा सकता है।
(ii) डिजिटल रुपये को बैंकों द्वारा उपलब्ध कराए गए e-वॉलेट में स्टोर करके रखने की एवज में कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा, हालांकि उपयोगकर्ता अपनी डिजिटल मुद्रा को कभी भी ई-वॉलेट से वापस बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
(iii) आपका बैंक आपको एक डिजिटल वॉलेट उपलब्ध करवाएगा, जिसका उपयोग आप अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप के माध्यम से ई-रुपये / डिजिटल रुपये के ऑनलाइन लेन-देन के लिए कर सकते हैं।
(iv) CBDC या भारत की स्थिति में डिजिटल रुपया (Digital Rupee) एक संप्रभु मुद्रा है, जिसे केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीति के अनुसार जारी करता है, केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट में यह भौतिक मुद्रा के समान ही एक देयता (Liability) के रूप में सूचीबद्ध होता है।
(v) चूंकि Digital Rupee एक लीगल टेंडर है अतः सभी व्यक्तियों, व्यवसायों तथा सरकारी संगठनों द्वारा इसे भुगतान के वैध तरीके के रूप में मान्यता दी जाएगी।