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ताज महल
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा में स्थित ताज महल भारतीय वास्तुकला का नायाब नमूना तथा प्रेम का प्रतीक है। ताज महल का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ की याद में 1632 ई. में शुरू करवाया था। इसके निर्माण में लगभग 20 हजार मजदूरों को 16 वर्षों का समय लगा तथा 1648 में यह बन कर तैयार हुआ। ताजमहल का वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी था एवं इसकी दीवारों पर कवि गयासुद्दीन द्वारा खूबसूरत इबारतें लिखी गई हैं।
ताजमहल का निर्माण एक ऊँचे मंच पर किया गया है तथा इसकी नींव के प्रत्येक कोने से उठने वाली चार मीनारे मकबरे को पर्याप्त संतुलन देती हैं। इसकी अप्रतीम सुंदरता के कारण वर्षभर यहाँ देश विदेशों से लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। इसके अतिरिक्त साल 1963 में यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर का दर्जा प्रदान किया गया।
लाल किला
लाल किला भारत की राजधानी दिल्ली में पुरानी दिल्ली इलाके में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। इसका निर्माण भी मुगल बादशाह ने 1638 में शुरू करवाया तथा 1648 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ। इसके निर्माण के पीछे मुख्य उद्देश्य मुग़ल राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करना था।
प्रारंभ में इसका नाम किला-ए-मुबारक रखा गया परंतु बाद में लाल बलुआ पत्थर से निर्माण होने के चलते इसे लाल किला नाम दिया गया। यह स्थान राजनीतिक दृष्टि से भी विशेष महत्व का है भारत के प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इसी किले से राष्ट्र को संबोधित किया जाता है। साल 2002 में इस एतिहासिक इमारत को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है।
हुमायूँ का मकबरा
यह दिल्ली में स्थित मुग़ल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है जिसका निर्माण हुमायूँ की बेगम हमीदा बानो के कहने पर 1562 में शुरू किया गया तथा आठ वर्षों के बाद 1572 में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ। चार बाग शैली का प्रयोग सर्वप्रथम इसी इमारत में किया गया ततपश्चात आगे चलकर ताज महल में भी इस शैली का प्रयोग हुआ। यहाँ हुमायूँ के अतिरिक्त उनकी बेगम, शाहजहां के पुत्र दारा शिकोह एवं कई मुगल उत्तराधिकारियों की कब्रें स्थित हैं। 1993 से इस इमारत को यूनेस्को विश्व धरोहर का दर्जा प्रदान किया गया है।
आगरा किला
आगरा किला भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित यूनेस्को विश्वधरोहर है। यह ऐतिहासिक इमारत ताज महल के लगभग 3 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित है। यह किला मुग़ल साम्राज्य का महत्वपूर्ण केंद्र था। दिल्ली राजधानी स्थानांतरित होने से पूर्व तक सभी मुग़ल सम्राटों ने यही से भारत पर शासन किया।
दिल्ली सल्तनत के सुल्तान सिकंदर लोदी ने 1504 में इस किले की मरम्मत कराई तथा 1506 में आगरा को दिल्ली सल्तनत की राजधानी बनाया। इसके बाद उसके पुत्र इब्राहिम लोदी ने भी यहीं से शासन किया और 1526 में बाबर से हुए पानीपत के युद्ध मे हार गया तथा इस किले पर मुगलों का अधिकार हो गया।
बाबर के बाद उसके उत्तराधिकारी हुमायूँ का राजतिलक भी इसी किले से किया गया किन्तु 1540 में शेरशाह सूरी से हुए युद्ध मे हुमायूँ की हार हुई और इस किले पर अफगानों ने कब्जा कर लिया। अंततः 1556 में हुए पानीपत के दूसरे युद्ध में मुगलों ने पुनः इसे जीत लिया तथा बाद में अकबर ने इसे मुगल सल्तनत की राजधानी बनाया। प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा इसी किले की अगाध संपत्ति में से एक था।
जामा मस्जिद
जामा मस्जिद दिल्ली में स्थित भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है। इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने 1650 में कराया था जिसे बनने में 6 वर्ष लगे। यह इमारत संगमरमर तथा लाल बलुआ पत्थर से बनाई गई है जो लाल किले से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित है।
बीबी का मकबरा
बीबी का मकबरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है। इसका निर्माण मुगल शासक औरंगजेब ने अपनी बेगम राबिया-उद-दौरानी की याद में करवाया था। इसका निर्माण 1651 तथा 1661 के मध्य में हुआ। इस इमारत की विशेषता यह है कि ये मकबरा ताज महल की आकृति का बनाया गया है।
चार मीनार
चार मीनार भारत के तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद में स्थित एक स्मारक तथा मस्जिद है। इसका निर्माण मोहम्मद कुली कुतुब शाह, क़ुतुब शाही साम्राज्य के पांचवें शासक द्वारा अपनी राजधानी गोलकुंडा से हैदराबाद स्थानांतरित करने पर कराया गया और 1591 में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ।
स्वर्ण मंदिर
स्वर्ण मंदिर, दरबार साहिब या श्री हरिमंदिर साहब भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर में स्थित सिख समुदाय का धार्मिक स्थल या गुरुद्वारा है। यह गुरुद्वारा अमृत सरोवर के मध्य में स्थित है जिसकी नीव सिखों के चौथे गुरु रामदास जी ने रखी तथा उन्होंने ही अमृतसर शहर भी बसाया। उनके पश्चात सिखों के पांचवें गुरु अर्जन देव जी ने हरिमंदिर साहब की अवधारणा पेश की ताकि सिख धर्म का प्रत्येक अनुयायी यहाँ पूजा करने आ सके।
इसी के चलते उन्होंने 1588 में लाहौर के एक सूफी संत मियां मीर से इस गुरुद्वारे की नींव रखवाई थी, तथा 1601 तक यह गुरुद्वारा बन कर तैयार हुआ। 1801 से 1839 के मध्य में महाराज रणजीत सिह नें इस गुरुद्वारे की मरम्मत करवाई तथा मंदिर के बाहरी भाग में सोने की परत चड़ाई इसी कारण अंग्रेजों ने इसे गोल्डेन टेम्पल नाम दिया तथा हिंदी में स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाने लगा।
गोलकुंडा किला
गोलकुंडा दुर्ग भारत के हैदराबाद नगर के पश्चिमी भाग में स्थित है। इसका निर्माण वारंगल के राजा द्वारा 14वीं शताब्दी में कराया गया। 1512 में यह कुतुबशाही राजाओं के अधिकार में चला गया और इस साम्राज्य की राजधानी बना। यह ग्रेनाइट की पहाड़ी पर बना एक किला है जो पत्थर की तकरीबन तीन मील लंबी दीवार से घिरा है। 1687 में इसे मुगल सम्राट औरंगजेब ने जीत लिया।
ग्वालियर किला
ग्वालियर किला भारत के मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर शहर में स्थित है। तीन वर्ग किलोमीटर में फैले इस किले की ऊँचाई 35 फ़ीट है। ये किला गोपांचल नामक पहाड़ी पर स्थित है, इतिहासकारों के अनुसार इस किले का निर्माण 727ई. में कछवाहा शासक सुरजसेन ने करवाया। निर्माण के बाद लगभग 98 वर्षों तक इस पर पाल शासकों का कब्ज़ा रहा। इसके बाद क़ुतुबुद्दीन ऐबक ने इस पर राज किया तत्पश्चात क़ुतुबुद्दीन के दामाद इल्तुतमिश ने इस पर राज किया।
1398 में महाराज देववरम ने ग्वालियर में तोमर वंश की स्थापना की जिसमें मानसिंह प्रसिद्ध राजा हुए। उन्होंने ही अपनी पत्नी के लिए किले में स्थित गुज़ारी महल का निर्माण करवाया। किले तक पहुँचने के लिए दो मार्ग हैं जिनमें से एक मार्ग ग्वालियर गेट कहलाता है जहाँ से आप केवल पैदल जा सकते हैं जबकि दूसरा मार्ग उरवाई गेट है जहाँ से गाड़ी से जाया जा सकता है।
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