नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने संकेत दिया है कि केंद्र सरकार 7वें वेतन आयोग के मौजूदा 2.57 फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 कर सकती है। अगर यह फैसला लागू होता है, तो कर्मचारियों के वेतन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। यह कदम केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वित्तीय राहत और प्रोत्साहन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हो सकता है। मौजूदा फिटमेंट फैक्टर 2.57 के मुकाबले 2.86 का प्रस्तावित स्तर वेतन संरचना को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया जा रहा है।
हालिया महंगाई भत्ता में वृद्धि
अक्टूबर 2024 में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिवाली का बड़ा उपहार देते हुए महंगाई भत्ता (DA) में 3% की वृद्धि की। यह कदम न केवल उनके वित्तीय लाभ को बढ़ाने के लिए था, बल्कि त्योहार के मौसम में उनकी खुशी को भी दोगुना करने वाला साबित हुआ। यह वृद्धि कर्मचारियों और पेंशनर्स के मासिक वेतन और पेंशन में सीधा असर डालते हुए उन्हें महंगाई के बढ़ते दबाव से राहत प्रदान करती है। सरकार के इस फैसले से लाखों परिवारों को आर्थिक संबल मिला है, और यह दिवाली उनके लिए पहले से अधिक खास बन गई।
7th Commission
7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुईं। इसके तहत कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दी गई, जिससे सरकारी कर्मचारियों को बेहतर आर्थिक स्थिरता और जीवन स्तर सुधारने का अवसर मिला।
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2025-26 के बजट में हो सकता है ऐलान
7वें वेतन आयोग को 2016 में लागू किया गया था, और आमतौर पर यह प्रक्रिया हर दस वर्षों में दोहराई जाती है। इसलिए, 8वें वेतन आयोग की उम्मीदें स्वाभाविक रूप से बढ़ रही हैं। संभावना है कि इसके संबंध में औपचारिक घोषणा 2025-26 के केंद्रीय बजट में की जा सकती है। हालांकि, रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इस पर अपना रुख दिसंबर 2024 तक स्पष्ट कर सकती है।
यदि ऐसा होता है, तो यह लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खबर होगी। वेतन आयोग का उद्देश्य कर्मचारियों को महंगाई और समय के अनुसार वेतन में सुधार प्रदान करना है। 8वें वेतन आयोग की घोषणा और इसकी सिफारिशें, यदि की जाती हैं, तो वित्तीय नीतियों और सरकारी खर्च पर व्यापक प्रभाव डाल सकती हैं। फिलहाल, सभी की निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।
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