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म्यूचुअल फंड (Mutual Fund in Hindi )
हम सभी भविष्य के खर्चों या किसी आकस्मिक आवश्यकता के लिए अपनी आय में से कुछ न कुछ निवेश करते हैं। निवेश करने के कई तरीके हो सकते हैं जिनमें कुछ में जोख़िम बिल्कुल नहीं है किंतु भविष्य में मिलने वाला प्रतिफल या रिटर्न भी कम है। सेविंग बैंक खाते, RD, FD आदि इसके उदाहरण हैं। वहीं कुछ तरीके अधिक जोखिम भरे हैं तथा उनसे मिलने वाला रिटर्न भी अधिक है। शेयर बाजार में निवेश इसका एक उदाहरण है। इसके अतिरिक्त निवेश के कुछ अन्य तरीकों में सोने में निवेश, रियल एस्टेट, किसी वित्तीय उपकरण में निवेश आदि शामिल हैं।
इन सबके अतिरिक्त निवेश का एक अन्य विकल्प है म्यूचुअल फंड (What is the Mutual Fund in Hindi), यह किसी कंपनी द्वारा बनाया गया एक फंड होता है जिसमें लोग उनकी क्षमता के अनुसार पूँजी जमा करते हैं तथा ये कंपनियाँ उस पूँजी को ऊपर बताए गए विभिन्न क्षेत्रों यथा शेयर बाजार, बॉन्ड, डिबेंचर्स आदि में निवेश करती हैं। निवेश से मिले रिटर्न का कुछ हिस्सा ऐसी कंपनियाँ अपने प्रबंधन के लिए काट लेती हैं जबकि बाकी निवेशकों में वितरित कर दिया जाता है। निवेश करने वाली कंपनियों के पास अर्थव्यवस्था तथा बाज़ार का विशेष अनुभव रखने वाले पेशेवर लोग होते हैं अतः इन कंपनियों के माध्यम से निवेश करना किसी भी निवेशक के लिए कम जोखिम भरा रहता है।
म्यूचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Fund in Hindi)
म्यूचुअल फंड कंपनियों को उनके द्वारा किये गए निवेश के आधार पर मुख्यतः तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।
- इक्विटी फंड
- डेट फंड
- हाइब्रिड फंड
- अन्य फंड
EQUITY FUND
ऐसे फंड हैं जो निवेशकों की पूँजी को शेयर बाजार में निवेश करते हैं इक्विटी फंड कहलाते हैं। इसके अंतर्गत निम्न अलग अलग प्रकार के म्यूचुअल फंड शामिल हैं।
Small Cap Fund
ये म्यूचुअल फंड स्मॉल कैप कंपनियों (ऐसी कंपनियाँ जिनका मार्केट कैपिटल 5,000 करोड़ से कम होता है) में निवेश करते हैं। ऐसी कंपनियाँ अपने विकास के शुरुआती चरण में होती हैं अतः यहाँ रिटर्न तथा जोखिम दोनों अधिक होता है।
Mid Cap Fund
ये फंड मिड कैप कंपनियों (ऐसी कंपनियाँ जिनका मार्केट कैपिटल 5,000 करोड़ से 1 लाख करोड़ के बीच होता है) में निवेश करते हैं। ऐसी कंपनियों में जोखिम स्मॉल कैप कंपनियों की तुलना में कम होता है।
Large cap Fund
ये फंड लार्ज कैप कंपनियों (ऐसी कंपनियाँ जिनका मार्केट कैपिटल 1 लाख करोड़ से अधिक होता है) में निवेश करते हैं। लार्ज कैप कंपनियाँ पूर्णतः विकसित, वित्तीय रूप से अत्यधिक स्थिर तथा अपने अपने क्षेत्रों की दिग्गज कंपनियाँ होती हैं। इनमें निवेश करने पर रिटर्न तथा जोखिम दोनों कम होते हैं। रिलायंस, TCS, HDFC, L&T जैसी कंपनियाँ इस श्रेणी के उदाहरण हैं।
Sector Fund
ऐसे फंड जो किसी क्षेत्र विशेष जैसे फार्मा क्षेत्र, मीडिया क्षेत्र , FMCG क्षेत्र, IT क्षेत्र आदि में निवेश करते हैं सेक्टर म्यूचुअल फंड कहलाते हैं।
Diversified Fund
जैसा कि नाम से स्पष्ट है ये फंड सभी प्रकार की कंपनियों जैसे Small Cap, Mid Cap तथा Large Cap में निवेश करते हैं।
Dividend Fund
कंपनियाँ अपने लाभ का कुछ हिस्सा अपने शेयर धारकों में वितरित करती हैं जिसे लाभांश या डिविडेन्ड कहा जाता है। हालाँकि लाभांश देना या न देना पूर्णतः कंपनी के निर्देशक मंडल पर निर्भर करता है अतः सभी कंपनियाँ निवेशकों में लाभांश नहीं बाँटती। डिविडेन्ड फंड ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं जिनकी वित्तीय स्थिति मजबूत तथा स्थिर होती हैं और जो अपने शेयरधारकों को लाभांश भी देती हैं।
Equity Linked Savings Scheme (ELSS)
ये फंड भी मुख्यतः इक्विटी में ही निवेश करते हैं। ऐसे फंड में निवेश करना आयकर बचाने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। इसमें निवेश करके निवेशक 1.5 लाख तक की आय पर लगने वाले कर से छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह एक दीर्घकालिक फंड है अतः यहाँ निवेश की गई राशि केवल तीन वर्षों के बाद ही निकाली जा सकती है।
Thematic Funds
ऐसे फंड जो किसी विषय विशेष पर आधारित कंपनियों में निवेश करते हैं थीमेटिक फंड कहलाते हैं। हालाँकि ये सेक्टर फंड के समान ही प्रतीत होते हैं किन्तु इनका दायरा सेक्टर फंड की तुलना में बहुत बड़ा होता है। थीमेटिक फंड में एक से अधिक सेक्टर हो सकते हैं। उदाहरण के लिए पर्यटन के विषय पर निवेश करने वाले फंड होटल, विमानन आदि एक से अधिक सेक्टर में निवेश कर सकते हैं। चूँकि यहाँ निवेश किसी विषय विशेष को आधार बना कर किया जाता है अतः इस फंड में जोखिम भी अधिक होता है।
DEBT FUND
डेट उपकरणों जैसे बॉन्ड, ट्रेजरी बिल, डिबेंचर्स आदि जारी कर सरकारें तथा कंपनियाँ अल्पकाल या दीर्घकाल के लिए पूँजी जुटाने का कार्य करती हैं तथा बदले में निवेशकों को निश्चित अवधि तक ब्याज का भुगतान करती हैं। डेट उपकरणों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड डेट फंड कहलाते हैं। यहाँ इक्विटी फंड की तुलना में कम जोखिम होता है किंतु रिटर्न भी इक्विटी की तुलना में कम मिलता है। इसके निम्न विभिन्न प्रकार हैं।
Gilt Fund
ये म्यूचुअल फंड केवल सरकारी प्रतिभूतियों जैसे सरकारी बॉन्ड या ट्रेजरी बिल में ही निवेश करते हैं।
Junk Bond
जैसा कि नाम से स्पष्ट है जंक बॉन्ड फंड ऐसी कंपनियों के वित्तीय उपकरणों में निवेश करते हैं जिनकी विश्वसनीयता कम होती है तथा जो आर्थिक रूप से कम स्थिर होती है। ये कंपनियाँ अन्य की तुलना में अधिक ब्याज देती हैं किन्तु ऐसी कंपनियों के डिफॉल्टर होने की संभावना भी अधिक होती है।
Fixed Maturity
यह म्यूचुअल फंड ऐसे वित्तीय उपकरणों में निवेश करते हैं जो एक निश्चित समयावधि के लिए जारी किये जाते हैं। इसका एक मुख्य उदाहरण व्यापारिक बॉन्ड हैं।
Liquid Fund
ये म्यूचुअल फंड अल्पकालिक समयावधि (अधिकतम 91 दिन) के लिए जारी किए गए वित्तीय उपकरणों जैसे ट्रेजरी बिल आदि में निवेश करते हैं। यहाँ से मिलने वाला रिटर्न सेविंग खाते पर मिलने वाले ब्याज की तुलना में अधिक होता है। इसके अतिरिक्त यहाँ निवेश की गई राशि को कभी भी आवश्यकता पढ़ने पर निकाल जा सकता है।
HYBRID FUND
ये म्यूचुअल फंड डेट तथा इक्विटी दोनों में निवेश करते हैं। इक्विटी तथा डेट में निवेश के अनुपात के आधार पर इस प्रकार को तीन अतिरिक्त श्रेणियों में विभाजित किया जाता है।
Monthly Income Plans : इसमें कुल फंड का 70 – 80% डेट (सरकारी तथा कॉर्पोरेट बॉन्ड) में तथा बाकी इक्विटी (स्टॉक मार्केट में) में निवेश किया जाता है। अन्य की तुलना में यहाँ निवेश अधिक सुरक्षित रहता है।
Balanced Fund : इसके नाम के विपरीत इसमें फंड का अधिकांश हिस्सा लगभग 65 से 85% इक्विटी में जबकि बाकी डेट में निवेश किया जाता है।
Arbitrage Mutual Funds : ये फंड एक मार्केट से स्टॉक खरीदकर उन्हें दूसरे मार्केट में बेचते हैं तथा दोनों के अंतर के बराबर मुनाफ़ा कमाते हैं। ये अपना अधिकांश भाग इक्विटी में निवेश करते हैं।
OTHER FUND
इसके अंतर्गत कुछ अन्य फंड आते हैं। उदाहरणों की बात करें तो इस श्रेणी में इंडेक्स फंड जो केवल शेयर बाज़ार के किसी सूचकांक जैसे निफ्टी या सेंसेक्स में निवेश करते हैं, Solution Oriented Fund जो एक निश्चित समयावधि के बाद होने वाले किसी कार्य विशेष जैसे शिक्षा, शादी आदि के खर्चों को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं आदि शामिल हैं।
कैसे करें निवेश?
म्यूचुअल फंड में आप एकमुश्त (Lump Sum) या किश्तों में (SIP) निवेश कर सकते हैं। किसी कंपनी के शेयर की तरह म्यूचुअल फंड भी युनिट में खरीदे जाते हैं। किन्तु जहाँ शेयर बाज़ार में किसी कंपनी का न्यूनतम एक शेयर खरीदना अनिवार्य होता है वहीं म्यूचुअल फंड में किसी युनिट को आंशिक रूप से भी खरीदा जा सकता है।म्यूचुअल फंड के एक युनिट की कीमत उसके Net Asset Value या NAV से पता की जा सकती है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए वर्तमान में कई मोबाइल एप्लीकेशन उपलब्ध हैं इसके अतिरिक्त लगभग सभी बैंक एवं डीमैट खाता उपलब्ध कराने वाली कंपनियाँ भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सुविधा देती हैं। उदाहरण के तौर पर PayTm, PhonePe, Groww, Tata Capital, जेरोधा कॉइन आदि मुख्य हैं।
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