सरकारी बॉन्ड (Government Bonds) क्या होते हैं? कितने प्रकार के होते हैं तथा इन्हें कैसे खरीद सकते हैं?

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नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका जानकारी ज़ोन में जहाँ हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, अर्थव्यवस्था, ऑनलाइन कमाई तथा यात्रा एवं पर्यटन जैसे क्षेत्रों से महत्वपूर्ण तथा रोचक जानकारी आप तक लेकर आते हैं। दोस्तो आपने अक्सर सरकारी प्रतिभूति (Government Securities) या सरकारी बॉन्ड (Government Bond) के बारे में सुना होगा आज इस लेख के माध्यम से हम समझेंगे सरकारी बॉन्ड क्या होते हैं? सरकारों द्वारा इन्हें क्यों जारी किया जाता है और आप कैसे इनमें निवेश कर सकते हैं?

क्या है सरकारी प्रतिभूति?

सरकारी प्रतिभूति से पूर्व समझते हैं प्रतिभूति या Securities को यह एक आर्थिक दस्तावेज है, जिसका एक निश्चित मौद्रिक मूल्य होता है अथवा इसकी खरीद-बिक्री की जा सकती है। इस प्रकार सरकारी प्रतिभूति ऐसा आर्थिक दस्तावेज है, जिसे सरकार द्वारा जारी किया जाता है। आइये अब इसे जारी करने के पीछे के उद्देश्य को समझते हैं।

जिस प्रकार कोई कंपनी धन की आवश्यकता होने पर अपने शेयर जारी करती है उसी प्रकार जब सरकार को किसी योजना या अपने खर्चों को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता होती है तो वह सरकारी प्रतिभूतियों को बाजार में जारी कर रकम जुटाती है। गौरतलब है कि, कोई निजी कंपनी भी रकम जुटाने के लिए शेयर बेचने के अलावा प्रतिभूति जारी कर सकती है।

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जहाँ शेयर बाजार में आप किसी कंपनी के शेयर खरीदनें पर उस कंपनी में हिस्सेदार बन जाते हैं वहीं प्रतिभूति खरीदनें पर जारीकर्ता (कोई कंपनी या सरकार) आपको आपकी खरीदी प्रतिभूतियों के बदले निश्चित अवधि के लिए ब्याज चुकाता है और अवधि पूर्ण हो जाने पर आपको आपका मूलधन लौटा दिया जाता है।

कौन करता है जारी?

सरकारी प्रतिभूतियाँ सरकार के कहने पर रिजर्व बैंक जारी करता है। ये केंद्र अथवा राज्य दोनों सरकारों द्वारा जारी किए जाते हैं। जहाँ केंद्र सरकार दोनों प्रकार की प्रतिभूतियों को जारी कर सकती है वहाँ राज्य सरकारें केवल बॉन्ड जारी करने का अधिकार रखती हैं, जिन्हें स्टेट डेवलपमेंट लोन या SDLs कहा जाता है।

प्रतिभूतियों के प्रकार

सरकारी प्रतिभूतियाँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं। 

  1. ट्रेजरी बिल
  2. सरकारी बॉन्ड

ट्रेजरी बिल

यदि कोई सरकारी प्रतिभूति एक साल से कम अवधि के लिए खरीदी जाए तो उसे ट्रेजरी बिल या T-bill कहा जाता है। यह तीन अवधियों के लिए बेचे जाते हैं, जिनमें 91 दिन, 182 दिन तथा 364 दिन की समयावधि शामिल है। ट्रेजरी बिल सामान्यतः जीरो कूपन बॉन्ड होते हैं अर्थात इनकी खरीद पर आपको कोई ब्याज नहीं दिया जाता है बल्कि ये आपको मूल कीमत से कम दामों में बेची जाती हैं तथा समयावधि पूर्ण हो जाने पर मूल कीमत में खरीद ली जाती हैं।

सरकारी बॉन्ड

एक साल की अवधि से अधिक समय के लिए बेची जाने वाली सरकारी प्रतिभूतियाँ बॉन्ड (Government Bond) कहलाती हैं। बॉन्ड में सामान्यतः जितनी अवधि के लिए वह खरीदे गए हैं उतनी अवधि तक आपको ब्याज दिया जाता है। सरकारी प्रतिभूतियों में दिया जाने वाला ब्याज किसी बैंक के जमा खाते की तुलना में लगभग दो गुना होता है। बॉन्ड की समयावधि 5 से 40 वर्षों तक हो सकती है। सरकारी बॉन्ड निम्न प्रकार के होते हैं

  • फिक्स्ड रेट बॉन्ड
  • फ्लोटिंग रेट बॉन्ड
  • कैपिटल इंडेक्स्ड बॉन्ड
  • इन्फ्लेशन इंडेक्स्ड बॉन्ड
  • कॉल पुट बॉन्ड

फिक्स्ड रेट बॉन्ड : इस प्रकार के बॉन्ड में आपको दिये जाने वाले ब्याज की दर बॉन्ड की अवधि पूर्ण होने तक एक समान रहता है।

फ्लोटिंग रेट बॉन्ड : इस प्रकार के बॉन्ड में आपको दिये जाने वाले ब्याज की दर निश्चित नहीं होती यह निर्धारित समय में बदलती रहती है।

कैपिटल इंडेक्स्ड बॉन्ड : इस प्रकार के बॉन्ड में आपको पूरी अवधि के लिए ब्याज तो निश्चित दर से मिलता है, किंतु आपके मूलधन को महँगाई से सुरक्षित रखा जाता है अतः आपके बॉन्ड की समयावधि पूर्ण होने पर आपको नया मूलधन (जिसकी गणना महँगाई में वृद्धि के अनुसार की जाती है) दिया जाता है।

इन्फ्लेशन इंडेक्स्ड बॉन्ड : इस प्रकार के बॉन्ड में आपके मूलधन के साथ साथ ब्याज दर को भी महँगाई से सुरक्षित रखा जाता है अतः आपको दिये जाने वाले ब्याज की दरें महँगाई में बदलाव के अनुसार बदलती रहती हैं इसी के साथ समयावधि के अंत में आपको मूलधन भी महँगाई में आए बदलाव के अनुसार दिया जाता है महँगाई से सुरक्षित होने के कारण यह बॉन्ड सर्वाधिक खरीदे जाते हैं।

कॉल पुट बॉन्ड : इस प्रकार का बॉन्ड जारीकर्ता तथा निवेशक दोनों को एक विशिष्ट प्रकार का अधिकार देता है, जिसमें जारीकर्ता के पास यह अधिकार होता है कि, वह जारी किया गया बॉन्ड समयावधि पूर्ण होने के पूर्व ही वापस खरीद (कॉल विकल्प का प्रयोग) सकता है तथा निवेशक के पास यह अधिकार होता है कि, वो अपना बॉन्ड समयावधि पूर्ण होने से पहले ही जारीकर्ता को बेच (पुट विकल्प का प्रयोग) सकता है। आप ऐसे बॉन्ड केवल कॉल सुविधा, केवल पुट सुविधा अथवा दोनों सुविधाओं के साथ खरीद सकते हैं। इस सुविधा का लाभ आप बॉन्ड खरीदने के 5 वर्ष की अवधि के बाद ले सकते हैं।

सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लाभ

  1. सरकारी बॉन्ड खरीदने का सबसे बड़ा फायदा इसकी विश्वसनीयता है चूँकि इसे सरकारें जारी करती हैं अतः इसमें धोखाधड़ी होने की कोई संभावना नहीं होती।
  2. लगातार निश्चित आय का स्रोत
  3. जहाँ बैंक एवं अन्य वित्तीय कंपनियों की योजनाओं में महँगाई बढ़ने पर भी प्रतिफल अथवा रिटर्न समान रहता है वहीं सरकारी बॉन्ड में महँगाई को ध्यान में रखते हुए मूलधन तथा ब्याज दर में आवश्यक परिवर्तन किया जाता है।

कहाँ से खरीदें सरकारी बॉन्ड?

सरकारी प्रतिभूतियाँ विभिन्न बैंकों या वित्तीय कंपनियों के माध्यम से खरीदी जा सकती हैं। कम शुल्क तथा अच्छी सेवा के चलते ज़ेरोधा सिक्युरिटीज एक अच्छा विकल्प है, जिसका सुझाव हम आपको डीमैट खाता खोलने के लिए भी दे चुके हैं। ज़ेरोधा में खाता खोलने के लिए नीचे क्लिक करें।

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