क्या है e-RUPI प्रीपेड वाउचर? (e-RUPI Voucher in Hindi)

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केंद्र एवं राज्य सरकारें समय समय पर अपने नागरिकों अथवा किसी खास वर्ग के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाती रहती हैं, जिनमें लाभार्थी को दी जाने वाली सब्सिडी, आवश्यक सामग्री हेतु आर्थिक सहायता मुहैया करवाना आदि शामिल हैं। हालाँकि सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता का आपेक्षित इस्तेमाल किया भी जाता है, किन्तु शत प्रतिशत हो पाता है यह कहना वर्तमान परिदृश्य में सही नहीं होगा।

सरकारों तथा लाभार्थी के मध्य बिचौलियों का हस्तक्षेप एवं प्राप्त सहायता को किसी अन्य रूप में इस्तेमाल करना कुछ प्रमुख समस्याएं हैं। इन्हीं समस्याओं के समाधान के रूप में केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में e-RUPI प्रीपेड वाउचर (e-RUPI Prepaid Voucher in Hindi) आधारित भुगतान प्रणाली की शुरुआत की गई है। हालाँकि इस व्यवस्था का इस्तेमाल केवल सरकारी योजनाओं तक सीमित नहीं है अपितु यह किसी निजी व्यक्ति, संस्था, कंपनियों आदि द्वारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका जानकारी जोन में, यहाँ हम विभिन्न विषयों से महत्वपूर्ण एवं रोचक जानकारी आप तक साझा करते हैं। आज इस लेख में समझेंगे की e-RUPI Prepaid Voucher क्या है? यह कैसे काम करता है? भविष्य में किन-किन क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है? तथा यह भुगतान के पारंपरिक तरीकों से किस प्रकार भिन्न है।

क्या है e-RUPI प्रीपेड वाउचर?

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गत 2 अगस्त को इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पर आधारित एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम अथवा लक्ष्य आधारित डिजिटल करेंसी को लाँच किया। यह इलेक्ट्रॉनिक वाउचर देश में डिजिटल ट्रांजेक्शनस को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह किसी गिफ्ट वाउचर के समान है, जो लाभार्थी को उसके मोबाइल पर QR कोड अथवा SMS स्ट्रिंग के जरिये भेजा जायेगा।

e-RUPI Voucher भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा स्वीकृत प्रीपेड वाउचर (e-RUPI Prepaid Voucher in Hindi) है, जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने वित्त सेवा विभाग, मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, नेशनल हेल्थ अथॉरिटी तथा विभिन्न बैंकों के सहयोग से विकसित किया है। प्रीपेड (Pre-Paid) जैसा कि इसके नाम से स्पष्ठ है, से आशय पूर्व-भुगतान से है। प्रीपेड भुगतान की एक व्यवस्था है, जिसमें किसी सेवा या वस्तु के लिए पहले भुगतान करना होता है। हमारे द्वारा इस्तेमाल होने वाले प्रीपेड मोबाइल सिम कार्ड इसके उदाहरण हैं, जिसमें किसी सेवा का लाभ लेने के लिए हमें पूर्व भुगतान करना होता है।

e-RUPI कैसे काम करता है?

e-RUPI वाउचर को लाभार्थी द्वारा बिना किसी नगद, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के किन्हीं खास सेंटर्स पर रीडीम कराया जा सकता है। सरकारी संस्थाएं, कॉर्पोरेट या प्रायोजक अपने बैंक (Issuer Bank) के माध्यम से e-RUPI Voucher जारी करवा के लाभार्थी के मोबाइल पर QR कोड या SMS के माध्यम से भेज सकते हैं। इसके पश्चात लाभार्थी को इसे सेवा प्रदाता अथवा जहाँ उस वाउचर से आपेक्षित लाभ लिया जाना है, के पास ले जाना होगा।

सेवा प्रदाता उक्त QR कोड या SMS को स्कैन करेंगे। तत्पश्चात लाभार्थी के सत्यापन (Verification) के लिए उसके मोबाइल पर एक कोड भेजा जायेगा। लाभार्थी का सत्यापन हो जाने पर सेवा प्रदाता को प्रत्यक्ष हस्तांतरण के माध्यम से लाभार्थी द्वारा ली गयी सेवा अथवा वस्तु के लिए भुगतान कर दिया जायेगा।

e-RUPI Prepaid Voucher in Hindi
QR कोड अथवा SMS स्कैन द्वारा e-RUPI वाउचर का इस्तेमाल / e-RUPI Prepaid Voucher in Hindi

क्यों आवश्यक है e-RUPI?

वर्तमान में कोरोना महामारी के प्रभावों से विश्व के सभी देश जूझ रहे है तथा प्रत्येक देश की सरकारें अपने अपने स्तर पर इस बीमारी की रोकथाम तथा इससे अपने नागरिकों को बचाने के लिए प्रयासरत हैं, फिर चाहे वह अस्पतालों की स्थिति सुधारना हो, ऑक्सीजन की व्यवस्था हो या टीकाकरण हो। इसके अतिरिक्त कई सरकारें प्रत्यक्ष हस्तांतरण के माध्यम से भी अपने नागरिकों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवा रही हैं।

परन्तु कई बार एसा देखा जाता है की सरकार द्वारा Direct Benefit Transfer (DBT) के माध्यम से दी गयी आर्थिक सहायता लाभार्थी तक पूर्ण रूप से नहीं पहुँच पाती, जबकि कुछ स्थितियों में लाभार्थी इसका किसी अन्य कार्यों में प्रयोग करता है, उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति नशे का आदी है तो वह राशन के लिए दी गयी आर्थिक सहायता का उपयोग शराब अथवा अन्य मादक पदार्थों में कर सकता है। इस प्रकार सरकार द्वारा किये गये हस्तांतरण से लक्षित उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो पाती है।

परन्तु नई व्यवस्था e-RUPI वाउचर द्वारा उक्त समस्या का समाधान संभव है, उदाहरणतः यदि कोई सरकार नागरिकों को हैण्ड सैनिटाइजर तथा मास्क उपलब्ध करवाना चाहती है, तो वह अपने किसी सहयोगी बैंक की सहायता से इलेक्ट्रॉनिक वाउचर बनवा कर उन्हें अपने नागरिकों के मोबाइल पर भेज देगी, जिसे लोग अपने आस पास किसी भी निर्धारित दवा की दुकान में जाकर रीडीम करवा सकते है तथा मास्क एवं सैनिटाइजर ले सकते है।

जैसे ही वाउचर रीडीम होगा सरकार सहयोगी बैंक के माध्यम से उक्त सैनिटाइजर तथा मास्क का भुकतान दुकानदार को कर देगी। चूँकि ये वाउचर अहस्तांतरणीय (Non-Transferable) एवं किसी खास वस्तु या सेवा के लिए केवल एक ही बार रीडीम किये जा सकते हैं, अतः लाभार्थी द्वारा इनका इस्तेमाल किसी अन्य वस्तु या सेवा के लिए करना असंभव है।

e-RUPI के अन्य लाभ

इस योजना के माध्यम से अनेक कल्याणकारी योजनाओं जैसे मदर चाइल्ड स्कीम, TB उन्मूलन कार्यक्रम, खाद एवं अन्य सब्सिडी, आयुष्मान भारत अथवा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दवाइयां आदि को बिना किसी लीकेज के लक्षित लोगों तक पहुँचाया जा सकता है। हालाँकि प्रारंभ में इसका प्रयोग केवल हैल्थ सेक्टर से जुड़ी योजनाओं में किया जाएगा, किन्तु समय समय पर अन्य योजनाओं को भी इसमें शामिल किए जाने का लक्ष्य है। सरकारों के अतिरिक्त निजी सेक्टर भी किसी बैंक के माध्यम से e-RUPI वाउचर बनवाकर अपने कर्मचारियों के वेलफेयर अथवा कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) हेतु इसका प्रयोग कर सकते है।

e-RUPI सहयोगी बैंक

Sr. No. Bank NameIssuerAcquirerAcquiring App / Entity
1Axis BankBharat Pe
2Bank of BarodaBHIM Baroda Merchant Pay
3Canara Bank NA
4HDFC BankHDFC Business App
5ICICI BankBharat Pe & PineLabs
6Indusind Bank NA
7Indian Bank NA
8Kotak Bank NA
9Punjab National BankPNB Merchant Pay
10State Bank of IndiaYONO SBI Merchant
11Union Bank of India NA

प्रीपेड वाउचर जारी करने वाले अन्य देश

e-RUPI प्रीपेड वाउचर की भाँति अमेरिका में भी एजुकेशन या स्कूल वाउचर्स की व्यवस्था है, जिसके जरिए सरकार स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए भुगतान करती है। यह सब्सिडी सीधे माता-पिता को उनके बच्चों को शिक्षित कराने के उद्देश्य से दी जाती है, ताकि इसका आपेक्षित इस्तेमाल किया जा सके। अमेरिका के अलावा स्कूल वाउचर व्यवस्था कोलंबिया, चिली, स्वीडन और हांगकांग जैसे देशों में भी है।

उम्मीद है दोस्तो आपको ये लेख (e-RUPI Prepaid Voucher in Hindi) पसंद आया होगा टिप्पणी कर अपने सुझाव अवश्य दें। अगर आप भविष्य में ऐसे ही रोचक तथ्यों के बारे में पढ़ते रहना चाहते हैं तो हमें सोशियल मीडिया में फॉलो करें तथा हमारा न्यूज़लैटर सब्सक्राइब करें एवं इस लेख को सोशियल मीडिया मंचों पर अपने मित्रों, सम्बन्धियों के साथ साझा करना न भूलें।

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