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क्या है कृत्रिम बुद्धिमत्ता?
कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है, जिसमें किसी मशीन को इंसानों की तरह सोच सकने, निर्णय लेने तथा नए विचारों को उत्पन्न करने के काबिल बनाया जाता है। इस तकनीक में सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर के साथ साथ कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence) का भी प्रयोग किया जाता है, जिस कारण कोई मशीन किसी माहौल के अनुसार निर्णय लेकर कार्य करने में सक्षम होती है।
ये मशीनें उपयोग किये जाने वाले माहौल और उपयोगकर्ता की सभी गतिविधियों को सीखती रहती हैं एवं उस डेटा का उपयोग कर उपयोगकर्ता के अनुकूल फैसले लेने की बुद्धिमत्ता का निर्माण कर पाती हैं। हालाँकि अभी मशीनें पूर्ण रूप से बौद्धिक या नए विचारों का सृजन करने में समर्थ नहीं हो पाई हैं फिर भी कुछ हद तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग हम दैनिक जीवन में देखते है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रकार
- Weak AI
- Strong AI
Weak AI
Weak कृत्रिम बुद्धिमत्ता में किसी उपकरण को किसी एक कार्य को करने के लिए निर्मित किया जाता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस प्रकार का उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में अक्सर करते हैं, जिनमें गूगल सर्च, ऑनलाइन गेम जैसे शतरंज, गूगल असिस्टेंट, अमेज़न एलेक्सा आदि शामिल हैं। ये सभी किसी कार्य विशेष को करने में आपकी क्रिया के अनुसार सोच कर प्रतिक्रिया देते हैं। जैसे आपके कुछ पूछे जाने पर वर्चुअल असिस्टेंट द्वारा तुरंत उत्तर दिया जाता है।
Strong AI
Strong कृत्रिम बुद्धिमत्ता, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) का अत्यधिक विकसित रूप है। इसमें मशीनें सभी कार्यों को मनुष्यों की तरह पूर्ण करेंगी, मनुष्यों की तरह ही सोचने की क्षमता विकसित करेंगी तथा किसी भी परिस्थिति में निर्णय ले सकने में सक्षम होंगी। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इसी प्रकार की हम इस लेख में चर्चा कर रहे हैं एवं भविष्य में मानव जीवन पर इसके सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रभावों को आगे समझेंगे।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता का मानव जीवन पर प्रभाव
जैसा कि, आप जानते हैं किसी भी प्रौद्योगिकी का मानव जीवन पर सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रकार का प्रभाव पड़ता है। यही कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ भी लागू होता है। इसके भी मानव जीवन पर अच्छे एवं बुरे दोनों प्रकार के प्रभाव हैं, आइये दोनों को विस्तार से समझते हैं।
सकारात्मक प्रभाव
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग से ऐसे जटिल कार्य आसानी से किये जा सकते हैं, जो मनुष्यों के लिए कर पाना मुश्किल, खतरनाक या तनावपूर्ण होते हैं।
- चूँकि मशीनें बिना थके 24 घण्टे पूरी दक्षता के साथ काम करने में सक्षम हैं अतः इसके कारण किसी कार्य को काफी कम समय में पूरा किया जा सकता है।
- संचार, रक्षा, शिक्षा, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग से बहुत सकारात्मक बदलाव आएंगे।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त मशीनों के प्रयोग से किसी भी कार्य में त्रुटि की संभावनाएं बहुत कम होंगी।
- चूँकि बुद्धिमत्ता होने के बावजूद मशीनें संवेदनहीन होती हैं अतः ये मशीनें बिना किन्हीं भावनाओं के किसी परिस्थिति में उपयुक्त निर्णय लेने में सहायक होंगी।
नकारात्मक प्रभाव
- किसी अन्य प्रौद्योगिकी की तुलना में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नकारात्मक प्रभाव बेहद खतरनाक हो सकते हैं। बुद्धिमत्ता ग्रहण कर लेने के बाद मशीनें स्वयं सोच सकने एवं निर्णय लेने में समर्थ होंगी अतः वे इंसानों पर निर्भर नहीं होंगी ऐसे में इन मशीनों द्वारा लिया गया निर्णय मानव सभ्यता के लिए हानिकारक भी हो सकता है।
- जैसा हमने ऊपर बताया मशीनें संवेदनहीन होती हैं हालाँकि इसका किसी विशेष परिस्थिति में फायदा भी है, किंतु संवेदनहीन होने के कारण यह किसी गलत निर्णय लिए जाने पर उपयोगकर्ता को शारीरिक नुकसान पहुँचा सकती हैं।
- मशीनों के कम समय में अधिक कार्य करने से कम मानव शक्ति की आवश्यकता होगी, जिससे बेरोज़गारी बढ़ने की संभावना भी प्रकट हो सकती है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त मशीनों के दुरुपयोग से भयावह घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है।
भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता
भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता शुरुआती दौर में है। शुरुआती चरण में औद्योगिक क्षेत्र में इसके प्रयोग पर बल दिया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर क्रत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में कार्य करने हेतु एक समिति का गठन किया गया है जिसके अध्यक्ष नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार हैं तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता समेत कई अन्य प्रौद्योगिकियों जैसे ब्लॉकचेन, त्रिविमीय प्रिंटिंग, आदि पर कार्य करने हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में $480 मिलियन का बजट रखा गया है।
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