वर्तमान 7वें वेतन आयोग की नियुक्ति फरवरी 2014 में की गई थी, और उसने अपनी रिपोर्ट नवंबर 2015 में सरकार को सौंपी थी। इसके बाद, जनवरी 2016 में इसकी सिफारिशों को लागू किया गया।
सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग को मंजूरी मिलने के बाद अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि इसका गठन कब होगा और इसकी सिफारिशें कब लागू की जाएंगी।
वर्तमान 7वें वेतन आयोग की नियुक्ति केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने फरवरी 2014 में की थी। इसके चार सदस्यीय आयोग ने नवंबर 2015 में अपनी सिफारिशें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार को सौंपी, जिसने मई 2014 में कार्यभार संभाला था। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को जनवरी 2016 में लागू किया गया, और ये अभी प्रभावी हैं।
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें कब लागू होंगी?
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2026 तक प्रभावी हैं। वैष्णव ने यह भी कहा कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2026 से लागू की जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि आयोग का अध्यक्ष और दो सदस्य होंगे।
दूसरी ओर, 7वें वेतन आयोग की नियुक्ति से लेकर उसकी सिफारिशों के लागू होने में लगभग दो साल का समय लगा था। यदि ऐसा ही पैटर्न अपनाया जाता है, तो सरकार के कर्मचारियों को आयोग के गठन के बाद संशोधित वेतन ढांचे को प्रभावी होने का फायदा लेने के लिए करीब दो साल का इंतजार करना पड़ सकता है।
इसके सिफारिशों का लाभ कितनों को मिलेगा?
लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारियों को 8वें वेतन आयोग के गठन से लाभ मिलने की संभावना है।
वेतन आयोग क्या होता है?
हर 10 साल में, सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन ढांचे की समीक्षा और सिफारिशें करने के लिए वेतन आयोग का गठन करती है। इसके साथ ही, आयोग बोनस, भत्ते, सुविधाएं और अन्य लाभों की भी समीक्षा करता है, जो कि सरकार के कर्मचारियों को दिए जाते हैं। 1946 के बाद से सात वेतन आयोग स्थापित किए जा चुके हैं।